अभी तक लोग यही सोचते है फ़ूड इंस्पेक्टर सरकारी ही होते है । ऐसा नही है! सच्चाई तो यह है की तरह तरह की फूड कंपनियों में भी इनकी नियुक्तियाँ होती रहती हैं । आप सरकारी ही नही प्राइवेट नौकरी करके भी अपनी कमाई कर सकते है। हालांकि हिंदी में इसे खाद्य निरीक्षक के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि एक फूड इंस्पेक्टर का कार्य फूड को सुरक्षा एवं स्वच्छता के अनेकों तय मानकों पर तौलकर निरिक्षण करना होता है।
★ क्या काम होता है फ़ूड इंस्पेक्टर का :
फ़ूड इंस्पेक्टर को एक विशेष एरिया काम करने के लिए दिया जा सकता है। वही प्राइवेट क्षेत्र में कोई फूड कंपनी चाहे वह फूड के वितरण में शामिल हो, फूड के प्रसंस्करण में शामिल हो या फिर फूड के निर्माण में शामिल हो। स्वयं के उत्पादों को सुरक्षा एवं स्वच्छता के मानकों पर खरा उतारने हेतु फूड कंपनी द्वारा भी Food Inspector नियुक्त किये जाते हैं जिससे उसके उत्पाद पे कोई प्रश्न चिन्ह न लगा सके।
जहाँ सरकार के खाद्य विभाग में कार्यरत खाद्य निरीक्षक उस एरिया में स्थित फूड डिस्ट्रीब्यूटर, प्रोसेसर एवं निर्माणकर्ताओं के द्वारा उत्पादित उत्पादों की गुणवत्ता का परीक्षण करने एवं उन पर निगरानी बनाये रखने का कार्य करता है। और फूड को सुरक्षा एवं स्वच्छता के नियमों में खरा न पाने पर उनके खिलाफ उचित कार्यवाही भी करता है। वही किसी प्राइवेट कंपनी काम करने वाले फ़ूड इंस्पेक्टर केवल अपनी कंपनी द्वारा उत्पादित उत्पादों का निरीक्षण करने के लिए उत्तरदायी होता है ।
★ शैक्षणिक योग्यता :
फूड इंस्पेक्टर बनने के लिए राज्य या केंद्र सरकार द्वारा फूड इंस्पेक्टर परीक्षा का आयोजन किया जाता है । इस तरह का यह एग्जाम केंद्र सरकार की एजेंसी एवं राज्य सरकार की एजेंसीयों द्वारा समय समय पर आयोजित किया जाता है। इनमें UPSC (Union Public Service Commission) द्वारा भी Food Inspector Exam आयोजित कराये जाते हैं। यह एक राष्ट्रीय स्तर का एग्जाम होता है लेकिन कुछ राज्य स्टेट लेवल का भी एग्जाम आयोजित कराते हैं। इस तरह की इन परीक्षाओं में टेक्निकल एवं एप्टीट्युड से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। राष्ट्रीय स्तर के एग्जाम को हर राज्य के प्रमुख जिलों में आयोजित कराया जाता है। फूड इंस्पेक्टर बनने के लिए उम्मीदवार को इस परीक्षा को पास करना अनिवार्य होता है।
वहीँ प्राइवेट क्षेत्र में फूड इंस्पेक्टर बनने के लिए उम्मीदवार को फूड से सम्बंधित कोई कोर्स करने की आवश्यकता हो सकती है और बाद में कंपनी द्वारा लिए जाने वाले इंटरव्यू में पास होने की आवश्यकता हो सकती है ।
यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा आयोजित फूड इंस्पेक्टर एग्जाम के लिए उम्र की सीमा 18-25 वर्ष निर्धारित की गई है ।
विद्यार्थी को किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन पास होना अनिवार्य है।
इसमें यह जरुरी तो नहीं है की उम्मीदवार साइंस स्ट्रीम से ही होना चाहिए लेकिन यदि उम्मीदवार ने बैचलर डिग्री फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी इत्यादि विषयों के साथ पास की हो तो उसे इस परीक्षा में इस बात का लाभ हो सकता है
★ ज़रूरी स्किल्स :
फूड इंस्पेक्टर बनने की चाह रखने वाले व्यक्ति को शारीरिक रूप से बिलकुल स्वस्थ होना बेहद जरुरी है। ताकि वह अपने कार्यों की अच्छी तरह अंजाम तक पहुँचा सके।
नजरें भी तेज होनी चाहिए और सूंघने की शक्ति भी अभूतपूर्व होनी चाहिए ताकि वह फूड के रंग और उसकी गंध सूंघकर ही यह पता लगा सके की फूड की क्वालिटी कैसी है।
व्यक्ति को मीट प्लांट जैसी खतरनाक एवं गन्दी जगह पर भी कार्य करने के लिए तैयार होना चाहिए।
★ फूड इंस्पेक्टर की कमाई:
हर क्षेत्र में Food Inspector की कमाई का स्रोत वेतन अर्थात सैलरी ही होती है । जहाँ सार्वजनिक क्षेत्र में जॉब मिल जाने पर वेतन के अलावा अन्य भी बहुत सारी सुविधाएँ मिल जाती हैं । वही प्राइवेट सेक्टर में सैलरी एवं दी जाने वाली सुविधाएँ दोनों कम हो सकती हैं। इसलिए अधिकतर लोग पब्लिक सेक्टर में ही Food Inspector बनना पसंद करते हैं। एक आंकड़े के मुताबिक पब्लिक सेक्टर में शुरूआती दौर में एक खाद्य निरीक्षक की सैलरी 35-40 हजार रूपये प्रति माह हो सकती है। जबकि प्राइवेट सेक्टर में शुरूआती दौर में 20-25 हजार रूपये प्रति माह वेतन के तौर पर मिल सकते हैं।