Typhoid me Kya khana chahiye Kya Nahi khana chahiye :
Typhoid हमारी आत से जुडी एक ऐसी समस्या है जो बैक्टीरिया के कारण होता है ये बैक्टीरिया का नाम साल्मोनेला टाइफी है जो दूषित भोजन अथवा दुषित पानी के माद्यम से आपके शरीर में प्रवेश करता है ये बीमारी टाइफाइड ग्रस्त ब्यक्ति के संपर्क में आने से भी होता है | विशेष रूप से बच्चों के लिए यह एक गंभीर होती है
Typhoid एक ऐसी बीमारी है जिसमे मरीज़ को पेट में गैस और दर्द भी मसहूस होता है इसके कारण, उनकी भूख और खाने की क्षमता, काफी हद तक कम हो जाती है। यह एक संक्रामक बीमारी है जो एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में फैलता है. जीवाणुओं के कारण दुनिया भर में होने वाला टाइफाइड, भारत की भी एक सामान्य बीमारी है. टाइफाइड के जीवाणु हमारी आंखों और रक्त में प्रवाह करते हैं. यदि टाइफाइड के मरीज़ का उपचार सही समय पे ना किया जाये तो इंसान की मौत भी हो सकती है. टाइफाइड के आम तौर पर कई लक्षण के होते हैं जिनके आधार पर चिकित्सक या फिर कोई भी इसके होने का अनुमान लगा सकता है.
Typhoid me Kya khana Chahiye | टाइफाइड में क्या खाना चाहिए
Typhoid के पहले कुछ दिन, हमें सिर्फ अलग-अलग तरह के जूस पीने चाहिए, और फिर धीरे-धीरे केले, तरबूज़, और अंगूर जैसे फल खाने की शुरुआत करना चाहिए। तरल आहार में हम नारियल का पानी, जवार का पानी, ताज़े फलों के जूस, छाँच, और सूप जैसे चीज़ पी सकते हैं। पहले कुछ दिनों में हमें लिक्विड पोषण ही ग्रहण करना चाहिए। उसके थोड़े दिनों बाद जब हमारे खाने की क्षमता बढ़ जाती है, तो हमें उबले हुए चावल, उबले हुए अंडे, बेक्ड आलू, और बेक्ड सेब जैसी चीज़ें खाना चाहिए।
किसी भी Typhoid के मरीज़ को कम खाना दिया जाता है, लेकिन बार बार दिया जाता है। उनके खाने में भारी मात्रा में प्रोटीन होना चाहिए, और कम मात्रा में फाइबर और फैट्।
केले बुखार को कम करने में सहायक होता हैं और टाइफाइड से पीड़ित मरीजो में दस्त का उपचार कर सकते हैं. केले में पाए जाने वाला पेक्टिन एक घुलनशील फाइबर आंतों में तरल पदार्थ को अवशोषित करता है जिससे दस्त कम होता है. इसके अलावा, केले में मौजूद पोटेशियम से बुखार और दस्त के दौरान खोने वाले इलेक्ट्रोलाइट्स को स्थापित करने में मदद मिलती है.
लहसुन:
लहसुन में मौजूद एंटीबायोटिक गुण typhoid बुखार के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया से मुकाबला करने में मदद करते हैं. यह आपकी Immune System को ताक़त देने में मदद करेगी. इसके अलावा लहसुन शरीर से हानिकारक टॉक्सिक पदार्थों को नष्ट करने और रिकवरी प्रक्रिया में तेजी लाता है. टाइफाइड बुखार के लक्षणों से निजात पाने के लिए कुछ हफ्तों तक खाली पेट 2 कलियाँ लहसुन की खाएं.
छाछ का सेवन:
टाइफाइड के इलाज में ताज़ा छाछ पीना भी कारगर सिद्ध होता है. छाछ को पाचन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सेवन किया जाता है, इसके अलावा, यह टाइफाइड बुखार की रिकवरी करने में सहायता करती है. यह डिहाइड्रेशन से भी बचाती है. जब तक आप पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते हैं तब तक रोजाना छाछ पिएं.
टाइफाइड में नींबू:
थोड़े निवाए पानी में नीम्बू का रस मिल्लकर पीना, डाइजेशन के लिए अच्छा होता है। इसमें विटामिन सी भी होता है, जो हमारे लिवर को स्वस्थ और मज़बूत बना देता है। इसे हमें खाली पेट पीना चाहिए
टमाटर का सूप:
टमाटर के सूप में बहुत सारी कैलरीज़ होती हैं, जो टाइफ़ौइड ठीक करने में हमारे शरीर की काफी मदद करती है।
बादाम:
बदाम से हमारे शरीर में खून का भाव बढ़ जाता है जिससे हमें चुस्ती और ताकत मिलती है। साथ ही, जो वज़न हम टाइफ़ौइड के कारण खो देते हैं, बदाम हमें उसे वापस लाने की मदद करता है।
योगर्ट:-
योगर्ट हमें बहुत सारा प्रोटीन प्रदान करता है जिससे हमें बैक्टीरिया से लड़ने की शक्ति और ताकत मिलती।है।
Typhoid Mein Dhyan Dene Yogya Baate | टाइफाइड में ध्यान रखने योग्य कुछ बातें –
Typhoid बीमारी के दौरान हमें अपने खान आप पे खास ध्यान रखना चाहिए , तीनों समय खाने की एक प्रक्रिया को पूरी करनी चहिए –
1. नाश्ता
नाश्ते में हर typhoid के मरीज़ को किसी भी फल से बने जूस को पीना चाहिए, और एक स्लाइस सफेद ब्रेड खाना चाहिए।
2. दोपहर का खाना
दोपहर के खाने में इन मरीज़ों के लिए कच्चे सब्ज़ियों की सैलेड, बेक्ड सेब, केले, और किसी भी फल से बना जूस, अच्छा साबित होता है।
3. टाइफाइड में रात का खाना
रात के खाने में, typhoid के मरीजों के लिए वो आहार अच्छे होते हैं जिनमें भारी मात्रा में कैलरीज़ पाए गए हैं। इसलिए इन्हें, सफेद ब्रेड, बेक्ड आलू, हरे पत्ते, और सूप जैसी चीजें खाना और पीना चाहिए।
इन चीजों को ध्यान में रखते हुए, typhoid के मरीजों को नाश्ते और दोपहर के खाने के बीच, और दोपहर और रात के खाने की बीच, किसी भी फल से बना जूस य नारियल पानी पीना चाहिए।लेकिन इन दिनों में किसी भी प्रकार का फैटी या फाइबर का खाना, इन्हें नहीं खाना चाहिए। दूसरे अन्य खाने की चीजें, जो टाइफौइड के रोगियों को ठीक करने में उनकी मदद कर सकती है
Typhoid me Kya Nahi Khana Chahiye| टाइफाइड में क्या ना खाएं
कोई भी ऐसा चीज़ जिससे हमारे डाइजेशन पर बुरा असर पड़ता हो, उस चिज़ को हमें इस तक्लीफ के समय में नहीं खाना चाहिए।
अंडे:-
अंडों में बहुत ज़्यादा fat पाया जाता है, जिसका बुरा असर, हमारे डाइजेशन पर पड़ सकता है।
किसी भी प्रकार का मांस:-
कम से कम दो हफ्ते के लिए, हमें किसी भी प्रकार के मांस को भी नहीं खाना चाहिए। इन्हें सही तरीके से हजम करने की शक्ति और ताकत, इन मरीजों में कुछ दिन तक नहीं दिखती है।
तीखा खाना:-
तीखा खाना हमारे डाइजेस्टीव सिस्टम के लिए अच्छा नहीं है, जिसके कारण, टाइफौइड के मरीज़ों को इनसे दूर ही रहना चाहिए।
तला हुआ खाना:
तले हुए खाने का हमारे लिवर और डाइजेस्टिव सिस्टम पर बहुत ही बुरा असर होता है। इसलिए, किसी भी मरीज़ को ऐसा खाना नहीं खाना चाहिए।
गैस बनाने वाले आहार:
कई ऐसे खाद्य पदार्थ होते है जिसको खाने से Gas उत्पन होता है जैसे की कटहल अन्नानास और डूरियन (कटहल का अन्य प्रकार) , इन पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए
इन खानपान कि आदतों को ध्यान में रखना बहुत ज़रूरी है। इनके अलावा हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि हम कोई भि सब्ज़ी या फल, ऐसे ही बिना धोए ना खाएँ और जितना हो सके, उबला हुआ पानी ही पिएँ।