तीन बार तलाक को तलाक ए बिदअत कहा जाता है। बिदअत यानी वह कार्य या प्रक्रिया जिसे इस्लाम का मूल अंग समझकर सदियों से अपनाया जा रहा है, हालांकि कुरआन और हदीस की रौशनी में यह कार्य या प्रक्रिया साबित नहीं होते। जब कुरआन और हदीस से कोई बात साबित नहीं होती, फिर भी उसे इस्लाम समझकर अपनाना, मानना बिदअत है। ट्रिपल तलाक को भी तलाक ए बिदअत कहा गया है, क्योंकि तलाक लेने और देने के अन्य इस्लामिक तरीके भी मौजूद हैं, जो वास्तव में महिलाओं के उत्थान के लिए लाए गए थे।
कुछ रोचक तथ्य:-
यह मुसलमान समाज में तलाक लेने का वह जरिया है जिसमें मुस्लिम आदमी अपनी बीवी को तीन बार “तलाक” बोलकर अपनी शादी रद्द कर सकता है|
तीन तलाक के तहत मुस्लिम आदमी अपनी बीवी को बोलकर या लिखकर तलाक दे सकता है और बीवी का वहां होना जरुरी भी नहीं होता है,
तीन तलाक facebook WhatsApp पर भी दिया जाता है|
मुस्लिम लॉ बोर्ड इस बिल के खिलाफ है, उनके हिसाब से यह बिल मुस्लिम धर्म के खिलाफ है| कहियोंका कहना है की यह बीजेपी की मुस्लिम मतदाता तोड़ने की निति है|
तलाक के बाद यदि तलाक़शुदा पति पत्नी आपस में दोबारा शादी के बंधन में बंधना चाहें तो इसके लिए पत्नी को पहले हलाला जैसे प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
हलाला एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें तलाकशुदा पत्नी को पहले किसी दूसरे मुस्लिम व्यक्ति से विवाह करके उसके साथ वैवाहिक संबंध स्थापित करना पड़ता है और उसके साथ कुछ समय बिताना पड़ता है। जिसके बाद दोबारा वह महिला अपने दूसरे पति को तलाक देकर ही अपने पहले पति या शौहर से विवाह कर सकती हैं।
भारत से पहले दुनिया भर के लगभग 22 देशों ने तीन तलाक़ को पूरी तरह प्रतिबन्धित कर रखा है।
भारत से ही अलग होकर बने नये देश पाकिस्तान ने भी अपनी स्थापना के महज 10 वर्षो बाद ही 1956 ई0 में तीन तलाक़ को प्रतिबंधित कर दिया था। मिस्र दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसने सबसे पहले तीन तलाक़ को प्रतिबन्धित किया था।
इसके अलावा संयुक्त अरब अमीरात, कतर, मोरक्को, ईरान, अल्जीरिया, जॉर्डन, साइप्रस जैसे इस्लामिक देशो में भी काफी समय पहले ही तीन तलाक़ को प्रतिबंधित कर दिया था।।
तो ये थे तीन तलाक़ के बारे मे कुछ रोचक तथ्य जिन्हें जानना बहुत ज़रूरी है।