गर्भवती होना हर महिला के जीवन का सबसे सुखद एहसास होता है। इसलिए जब भी कोई स्त्री अपने माँ बनने की खबर सुनती है तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता क्योंकि आने वाला शिशु उनके जीवन का सबसे अहम् हिस्सा होता है। प्रेग्नेंसी के दिनों की अच्छी बात यह होती है कि महिलाएं हर तरह के स्वास्थ्यवर्धक भोजन को खाती है क्योंकि उसे खुद से ज्यादा बच्चे की चिंता होती है। ऐसे समय में वह वजन बढ़ने की चिंता किए बिना बिंदास खाती है।
हर महिला कि यह इच्छा होती है कि वह एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे। इस इच्छा को पूर्ण करने के लिए गर्भावस्था मे पौष्टिक आहार का सेवन पर्याप्त मात्रा मे करना बेहद जरुरी है।
गर्भस्थ शिशु का विकास माता के आहार पर निर्भर होता है। गर्भवती महिला को ऐसा आहार करना चाहिए जो उसके गर्भस्थ शिशु के पोषण कि आवश्यकताओं को पूरा कर सके।
Garbhvati Mahila ka Bhojan Chart
सामान्य महिला को प्रतिदिन 2100 कैलोरीज का आहार करना चाहिए। फूड व न्यूट्रीशन बोर्ड के अनुसार सगर्भा महिला को आहार के माध्यम से 300 कैलोरीज अतिरिक्त मिलनी ही चाहिए। यानि सामान्य महिला कि अपेक्षा गर्भवती महिला को 2400 कैलोरीज प्राप्त हो इतना आहार लेना चाहिए और विविध विटामिन, मिनिरल्स अधिक मात्रा में प्राप्त करना चाहिए।
गर्भवती महिला को आवश्यक तत्व
कैल्शियम :- हम सभी जानते है कि शरीर में कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा होने पर हड्डियां मजबूत रहती है और दांतों का विकास भी अच्छी तरह होता है। अगर गर्भवती महिला के शरीर में कैल्शियम की कमी रहेगी तो बच्चे के शरीर में हड्डी और दांतों का विकास अच्छी तरह नहीं होगा। इसलिए, प्रेग्नेंट वूमन को कैल्शियम से भरपूर साग, सब्जी और गोलियों का सेवन अवश्य करना चाहिये, ताकि बच्चे का विकास अच्छी तरह हो और महिला के शरीर में भी कमजोरी न आएं। इसके लिए महिला को हर दिन कम से कम ग्लास दूध पीने की आवश्यकता है। वैसे चीज़, पनीर और अन्य खाद्य सामग्रियां भी कैल्सियम की कमी को पूरा कर सकती हैं।
फॉलिक एसिड: सोया पनीर, हरी सब्जियों जैसे – पालक, मेथी, लौकी, खरबूज, मूंगफली आदि में फॉलिक एसिड भरपूर मात्रा में होता है।
गर्भवती महिला के शरीर में भरपूर मात्रा में फॉलिक एसिड होने पर बच्चे के ब्रेन और रीढ़ की हड्डी का विकास अच्छी तरह होता है। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को डॉक्टरों द्वारा फॉलिक एसिड से भरपूर खाद्य सामग्री खाने के लिए कहा जाता है, इसके अलावा कुछ प्रकार की दवाईयां भी जाती हैं। जानकरी के लिए बता दें कि
आयरन :- शरीर में आयरन की भरपूर मात्रा होने पर हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ जाता है और बच्चे के शरीर का विकास अच्छी तरह होता है। याद रहें कि गर्भावस्था के दौरान खाई जाने वाली हर चीज बच्चे के शरीर पर भी बराबर असर करती है, ऐसे में आयरन की मात्रा पर्याप्त लेनी चाहिये ताकि बच्चा हष्ट-पुष्ट और स्वस्थ पैदा हो।
बस ध्यान रखने योग्य बात यह है कि कभी भी कैल्शियम और आयरन वाले फूड को एक साथ न खाएं, क्योंकि कैल्शियम में आयरन को अवशोषित वाले स्ट्रांग गुण होते हैं। आयरन के लिए ब्रोकली सलाद सबसे बेहतर ऑप्शन है।
प्रोटीन:- गर्भावस्था के दिनों में शरीर में हर दिन 10 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है ताकि बच्चा और उसकी मां दोनों की स्वस्थ रहें। प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा से शरीर में मांसपेशियां मजबूत होती है और ताकत आती है। अंडे और चिकन में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। अगर आप शाकाहारी है तो दालें, सोया और अंकुरित चने आदि भी खा सकती हैं, इनमें भी भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है।
विटामिन बी12:- गर्भावस्था के दिनों में विटामिन बी12 को न लेना सबसे बड़ी भूल होती है। बच्चे के दिमागी विकास और प्रॉपर फंक्शनिंग के लिए विटामिन बी12 सबसे ज्यादा लाभकारी होता है। मुर्गियों और बकरे के मीट में विटामिन बी12 सबसे ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। अगर आप शाकाहारी है तो स्प्राउट बीन्स खाएं।
पानी:- शायद इस बात को बताने की आवश्यकता नहीं है कि गर्भावस्था के दौरान महिला को पर्याप्त पानी क्यों पीना चाहिये। पानी पीने से न ही शरीर के विषैले तत्व पेशाब के रूप में बाहर निकल जाते हैं बल्कि बॉडी डिहाईड्रेट भी नहीं होती है। इससे कई प्रकार के संक्रमण से मां और बच्चा बचे रहते है। बहुत ज़रूरी है कि आपके शरीर में नमी की मात्रा सही रहे और इसके लिए प्रतिदिन 8 – 10 गिलास पानी का सेवन करे।
Pregnancy me Kya Khana Chahiye :प्रेगनेंसी में कब खाएँ
3 – 4 घंटे के अवधि पर संतुलित आहार ले, और बीच – बीच में हल्का नाश्ता ले। ध्यान रहे कि गर्भावस्था में भोजन न छोड़े और न ही व्रत रखें।
फल:- फल, कभी भी कहीं भी मिलते हैं और सबसे ज्यादा लाभकारी होते है। आप सभी फलों को एकसाथ काटकर खाएं, यानि फ्रुटसेलेड बनाएं और हल्का सा चाट मसाला डालकर खाएं। इससे गर्भवती महिला के मुंह का टेस्ट भी चेंज हो जाता है और उसे अच्छा भी लगता है। सभी फलों में कुछ खास गुण होते है जो शरीर को स्वस्थ बनाते है। जैसे – आयरन, फाइबर आदि।
संतरा- यह बहुत ही रसली फल होता है. इसका खट्टा-मीठा स्वाद महिलाओं को बहुत पसंद होता है. इसमें विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं तो गर्भ में पल रहे शिशु के विकास में मदद करते हैं.
एवोकाडो- प्रेग्नेंसी पीरियड में गर्भवती महिला को फोलिक एसिड की ज्यादा मात्रा में जरूरत होती है. ऐसे वक्त में उनके के लिए एवोकाडो एक चमत्कारिक फल साबित हो सकता है.
बेरीज– हर तरह की बेरीज एंटी ऑक्सीडेंट का खजाना होती हैं. बेरीज को सुपर फूड की कैटिगरी में रखा जाता है. स्ट्राबेरी, जामुन, चेरी, ब्लूबेरी, बेर जैसी चीजें प्रेग्नेंसी के समय बिना किसी डर महिला खा सकती है.
आम– आम में विटामिन-ए और सी भरपूर मात्रा में होता है. यह पाचन के लिए अच्छा माना जाता है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को आम खाना चाहिए.
सेब– सेब में न्यूट्रीएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं तो हर किसी के लिए फायदेमंद होता है.
केला- प्रेग्नेंसी के सयम कब्ज होने की समस्या होना आम बात है. केला खाने से पेट साफ होता है और ज्यादा परेशानी भी नहीं होती है.
लीची- लीची को सुरक्षित फल माना गया है, जिसे प्रेग्नेंसी में किसी डर के खाया जा सकता है.
अमरूद– अमरूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी का खजाना माना जाता है. इसे खाने से मां और होने वाले बच्चे का विकास होता है.
नींबू- नींबू पानी पीने से पाचन ठीक रहता है और गर्मी की वजह से होने वाली उल्टी से निजात मिलती है. नींबू पानी पीने से शरीर की गंदगी साफ होती है.
मौसंबी-मौसंबी या मौसमी खाने से मतली आना बंद हो जाती है. इस साइट्रस फल में ढेर सारा एंटीऑक्सीडेंट होता है जो पैदा होने वाले शिशु के लिए भी लाभदायी हो सकता है.
कीवी- इसमें विटामिन ए, ई, सी पोटैशियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशिय, फोलिक एसिड और डाइटरी फाइबर पाए जाते हैं. कीवी शरीर में आयरन को सोखने में भी मदद करता है.
तरबूज- तरबूज में भरपूर मात्रा में मिनरल्स पाए जाते हैं साथ ही इसमें फाइबर की भी अच्छी मात्रा होती है. तरबूज प्रेग्नेंसी में होने वाले मोर्निंग सिकनेस को दूर करने में भी मदद करता है. यह सीने की जलन, हाथ-पैर की सूजन, मसल्स क्रैम्प को दूर करने में मदद करता है और शरीर को हाइड्रेट रखता है. तरबूज में पाया जाने वाला विटामिन ए, सी, बी-6, मैग्नीशियम और पोटैशियम मां-बच्चे दोनों के लिए अच्छा है.
चीकू- यह गर्भावस्था में बहुत ही फायदेमंद होता है. चीकू में एलेक्ट्रोलाइट, विटामिन ए, कार्बोहाइड्रेट्स और ऊर्जा सही मात्रा में पाए जाते हैं जो स्तनपान करवाने वाली मां के लिए भी अच्छा होता है. चीकू के सेवन से गर्भवती महिला और होने वाले बच्चे को बहुत फायदे होते हैं. यह शरीर के कोलेजन को बढ़ाता है जिससे प्रेग्नेंट महिला को डायरिया और पेचिश की प्रॉब्लम नहीं होती है.