विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कुछ वक्त पहले भारत सरकार को आगाह किया था. कि अगर भारत में दूध और उससे बनी चीजों में हो रही जहरीली मिलावट को तुरंत नहीं रोका गया, तो आने वाले पांच-छह सालों में महामारी जैसी स्थिति आ सकती है. जहरीली मिलावट की वजह से 2025 तक भारत में 87 फीसद के करीब लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे होंगे.
100 में से 69. यानी, तीन चौथाई से कुछ ही कम. देश में बिकने वाले कुल दूध और दूध से बने सामानों का इतना हिस्सा मिलावटी है. मिलावट के लिए आमतौर पर जो चीजें सबसे ज्यादा इस्तेमाल होती हैं, वो हैं- डिटर्जेंट, कास्टिक सोडा (कपड़े धोने के साबुन में डलने वाली एक चीज), ग्लूकोज़, सफेद पेंट और रिफाइन्ड तेल. अगर ये मिलावट तुरंत नहीं रोकी जाती, तो आने वाले सात-आठ सालों में भारत के तकरीबन 87 फीसद लोग कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां झेल रहे होंगे.
इससे पहले 2012 में भी FSSAI ने दूध की जांच की थी. ज्यादातर सैंपल्स में या तो पानी मिला हुआ मिला या फिर उनमें रासायनिक खाद, यूरिया, ब्लीच और डिटर्जेंट जैसी चीजों की मिलावट पाई गई. उस जांच में गोवा और पुदुच्चेरी ऐसी जगहें थीं, जहां दूध में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं मिली थी.
इससे पहले 2012 में भी FSSAI ने दूध की जांच की थी. ज्यादातर सैंपल्स में या तो पानी मिला हुआ मिला या फिर उनमें रासायनिक खाद, यूरिया, ब्लीच और डिटर्जेंट जैसी चीजों की मिलावट पाई गई. उस जांच में गोवा और पुदुच्चेरी ऐसी जगहें थीं, जहां दूध में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं मिली थी.
FSSAI के स्टैंडर्ड से मैच नहीं करता:
ऐनिमल वेलफेयर बोर्ड के एक सदस्य मोहन सिंह आहलूवालिया ने ये डेटा दिया है. उनका कहना है कि भारत में बिक रहे कुल दूध का तकरीबन 67.8 फीसद हिस्सा फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) द्वारा तय किए गए स्टैंडर्ड के मुताबिक नहीं. खाने-पीने की चीजें सही हैं या नहीं, क्वॉलिटी के लिहाज से उन्हें कैसा होना चाहिए, ये देखने और तय करने का काम FSSAI का है.
घर पर ही मिनटों में ऐसे करें दूध की पहचान…
- थोड़ा सा कच्चा दूध मुंह में रखकर देखें। यदि कड़वाहट लग रही है तो समझ जाएं कि दूध में मिलावट की गई है। असली दूध में कड़वाहट नहीं होती।
- दूध को एक शीशी में भरकर हिलाएं। यदि बहुत ज्यादा झाग बन रहा है तो समझ जाएं कि इसमें कोई केमिकल मिलाया गया है।
- दूध को चिकनी सतह पर बहाएं। बहाने पर दूध झाग छोड़कर जा रहा है तो समझ जाएं कि इसमें मिलावट की गई है।
- अंगूठे पर दूधे की कुछ बूंदे डालें। यदि वो बहता हुआ कोई निशान न छोड़े तो समझ लीजिए कि दूध में पानी मिला हुआ है।
- टेस्ट ट्यूब में दूध लेकर 10 बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड और एक चम्मच शक्कर मिलाएं। पांच मिनट बाद यह लाल हो जाए तो समझ लें कि इनमें वनस्पति ऑयल मिला है।
- 10 एमएल दूध और 5 एमएल सल्फ्यूरिक एसिड को मिलाएं। अगर इसमें वॉयलेट/ ब्लू रिंग्स बनती हैं तो इसमें फॉर्मालिन मिला है।
कितनी हो सकती है सजा
- यदि दूध में कोई जानलेवा पदार्थ मिला है तो आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
- 5 लाख रुपए तक का अधिकतम जुर्माना इसमें लग सकता है।
- कोई भी व्यक्ति www.fssai.gov.in पर जाकर इसकी शिकायत कर सकता है।
- हर शहर में फूड इंस्पेक्टर होते हैं, उनके पास भी शिकायत की जा सकती है।
- fssai का ऐप भी आप फोन में डाउनलोड कर सकते हैं। इसके जरिए मिलावट की शिकायत की जा सकती है।