बौद्ध धर्म भारत की श्रमण परंपरा से निकला धर्म और दर्शन है. इसके प्रस्थापक महात्मा बुद्ध शाक्यमुनि (गौतम बुद्ध) थे. इसको करीब अड़तीस करोड़ से अधिक लोग मानते हैं. यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है. तो आईये आज जानते हैं भारत के कुछ प्रसिद्ध बौद्ध स्थलों के बारे में जो अपने ऐतिहासिक महत्व के कारण पूरे विश्व में जाने जाते हैं:
★ महाबोधि मंदिर :- बिहार के बोधगया में भगवान गौतम बुद्ध का प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर स्थित है. ऐसा माना जाता है कि भगवान बुद्ध ने इसी स्थान पर ज्ञान प्राप्त किया था. महाबोधि मंदिर भारत में ही नहीं बल्कि पूरे देश विदेश में मशहूर है. यहां हर दिन हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं. इस मंदिर को यूनेस्को (UNESCO) द्वारा दुनिया के सबसे पौराणिक धरोहरों की सूची में शामिल किया गया है.
★ वाट थाई मंदिर :- वाट थाई मंदिर का पूरा नाम वाट थाई कुशानारा चालेरमराज मंदिर है. इस मंदिर का निर्माण भगवान बुद्ध के एक थाईलैंड के शिष्य ने करवाया था. इस मंदिर को थाई-बौद्ध वास्तुकला शैली में बनाया गया है, जो लगभग 10 एकड़ के भारी परिसर में फैला हुआ है. यह मंदिर पूर्ण रूप से 2001 में बनकर तैयार हुआ था. बाद में इसको श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था.
★ धामेख स्तूप :- धामेख स्तूप उत्तर प्रदेश में वाराणसी के पास सारनाथ में स्थित सबसे प्रसिद्ध बौद्ध स्तूपों में से एक माना जाता है. इस स्तूप का निर्माण 249 ई. में राजा अशोका के साम्राज्य में हुआ था. बाद में इस मंदिर का पुनर्निर्माण 500 ई. में हुआ. यह सारनाथ में बनी इमारतों में से सबसे आकर्षक संरचना मानी जाती है. इसकी ऊंचाई लगभग 91 मीटर है और तक़रीबन 1500 लोगों के ठहरने की क्षमता है.
★ महापरिनिर्वाण मंदिर :- महापरिनिर्वाण मंदिर उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में स्थित है. यह भगवान बुद्ध को समर्पित है. यह मंदिर पूरी दुनिया में बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है. इस मंदिर में भगवान बुद्ध की मूर्ति स्थित है, जिसका आकार 6.1 मीटर ऊंचा है. महापरिनिर्वाण मंदिर में स्थापित भगवान बुद्ध की यह मूर्ति उस काल को दर्शाती है, जब 80 वर्ष की आयु में भगवान बुद्ध ने अपने पार्थिव शरीर को छोड़ दिया था. इस मूर्ति का शिलालेख भगवान बुद्ध के एक शिष्य हरिबाला ने 5वीं सदी में कराया था. इस मंदिर में हर साल पूरी दुनिया से तीर्थयात्री भारी संख्या में आते हैं.
★ हेमिस मठ :- हेमिस मठ लद्दाख का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण मठ माना जाता है. इस मठ का निर्माण 1630 ई. में स्टेग्संग रास्पा नंवाग ग्यात्सो ने करवाया था. फिर 1972 में लद्दाख के राजा सेंज नामपार ग्वालवा ने मठ का पुर्ननिर्माण करवाया था. मठ की दीवारों पर जीवन के चक्र को दर्शाते कालचक्र को भी लगाया गया है, जोकि इसकी बेजोड़ वास्तुकला को दर्शाता है. यहां हर वर्ष जून के महीने में वार्षिक उत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें भाग लेने के लिए लोग देश विदेश से आते हैं.
★ फुग्तल मठ :- फुग्तल मठ जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में 12500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है. इस मठ का निर्माण गंग्सेम शेराप ने 12वी शताब्दी में किया था. ऐसा माना जाता है कि यह मठ करीब 2 हजार 500 साल पुराना है. यहां तक पहुंचने का रास्ता भी बेहद दुर्गम है. काफी ऊंचाई पर होने के कारण इस मठ में बिजली की सुविधा नहीं है, इस कारण सूरज डूबने के साथ ही यहां अंधेरा छा जाता है. इस मठ में लगभग 200 बौद्ध पंडित रहते हैं. पहाड़ पर बने होने के कारण इसकी ख़ूबसूरती और भी बढ़ जाती है.
★ ताबो मठ :- यह हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति जिला में स्थित है। इसका मठ का निर्माण लगभग 996 ई. में हुआ था। यह शहर एक प्रसिद्ध बौद्ध मठ ताबो गोम्पा के चारो तरफ बसा हुआ है जिसकी स्थापना लोचावा रिंगचेन जंगपो (रत्नाभद्र) ने की थी।
★ मैक्लोडगंज मठ :- बौद्ध धर्म के लिए त्सुग्लग ख्नग काम्प्लेक्स, भारत के सबसे पवित्र जगहों में से एक है। मैक्लोडगंज के दक्षिण-पश्चिम इलाक़े में 14वें दलाई लामा का आधिकारिक निवास है। यहां तिब्बतियन बौद्ध धर्म की झलक मिलती है।
★ ठिकसे मठ :- यह लेह से 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक 12 मंजिला ऊँचा मठ है। यह तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलग संप्रदाय से संबद्ध एक गोम्पा (मठ) है। यहाँ पर सुन्दर और शानदार स्तूप, मूर्तियाँ, पेंटिंग,थांगका और तलवारों का एक संग्रहालय है जो पर्यटन की दृष्टि से प्रसिद्द है।
★ तवांग मठ :- यह अरुणाचल प्रदेश में स्थित एक बौद्ध मठ है। यह भारत का सबसे बड़ा बौद्ध मठ है और ल्हासा के पोताला महल के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मठ है। यह तवांग नदी की घाटी में तवांग कस्बे के निकट स्थित है।
★ बैलकुप्पे मठ :- यह कर्नाटक के मैसूर जिले के पश्चिम में स्थित है जहाँ “लुगस्सम सुंड्रेल लिङ” (1961 में स्थापित) और “देक्यीद लार्सो” (1969 में स्थापित) नामक दो आसन्न तिब्बती शरणार्थी बस्तियाँ स्थित हैं, साथ ही यहां कई तिब्बती बौद्ध मठ हैं।
★ शशूर मठ :- यह लाहौल और स्पीति में ड्रगपा संप्रदाय का बौद्ध मठ है। यह 17 वीं शताब्दी में जांस्कर के लामा देव गीताशो द्वारा बनाया गया था जो भूटान के राजा नवांग नामग्याल का मिशनरी था