सालों से हमारे-आपके घर में फिटकरी का इस्तेमाल होता आ रहा है. फिटकरी में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं. फिटकरी दो तरह की होती है, लाल और सफेद लेकिन ज्यादातर घरों में सफेद फिटकरी का ही इस्तेमाल किया जाता है. कुछ घरों में इसे आफ्टर शेव की तरह इस्तेमाल करते हैं तो कुछ घरों में इसका प्रयोग पानी साफ करने के लिए. आयुर्वेद में भी इसके कई फायदों का उल्लेख किया गया है.
फिटकरी को Potassium aluminum sulfate, alum crystals (पोटेशियम एल्युमिनियम सल्फेट) भी कहा जाता है।
फिटकरी को अंग्रेजी में एलम alum कहते है। फिटकरी बहुत ही गुणकारी पदार्थ है। जो मनुष्य की काया ‘को पलट सकता है शायद इसीलिए इसको फिटकरी यानि फिट करे कहते हैं। फिटकरी एक प्रकार का खनिज है जो प्राकृतिक रूप में पत्थर की शक्ल में मिलता है। इस पत्थर को एल्युनाइट कहते हैं। इससे परिष्कृत फिटकरी तैयार की जाती है। नमक की तरह है, पर यह सेंधा नमक की तरह चट्टानों से मिलती है। यह एक रंगहीन क्रिस्टलीय पदार्थ है।
Type of Alum in Hindi फिटकरी का प्रकार
- लाल
- सफ़ेद
फिटकरी लाल व सफ़ेद दो प्रकार की होती है। अधिकतर सफ़ेद फिटकरी का प्रयोग ही किया जाता है। यह संकोचक यानि सिकुड़न पैदा करने वाली होती है। फिटकरी में और भी बहुत गुण होते हैं। (फिटकरी का पानी पीने के फायदे ) दुनिया के लोगों को इसका ज्ञान तकरीबन पाँच सौ से ज्यादा वर्षों से है। इसे एलम भी कहते हैं।
Benefit of Alum in Hindi फिटकरी के फायदे
- पोटाश एलम का इस्तेमाल रक्त में थक्का बनाने के लिए किया जाता है। इसीलिए, दाढ़ी बनाने के बाद इसे चेहरे पर रगड़ते हैं। ताकि छिले-कटे भाग ठीक हो जाएं।
- फिटकरी में कई प्रकार के औषधीय गुण होते है। इसमें चोट लगने पर खून बहना बंद करने का विशेष गुण होता है तथा साथ ही ये एंटीसेप्टिक और एंटी बैक्टीरियल की तरह काम करती है ।
- गंदे पानी में फिटकरी डालने से पानी की गंदगी अलग हो जाती है।
- पनीर बनाने के लिए दूध को पिसी हुई फिटकरी डालकर फाड़ें । इस प्रकार बना हुआ पनीर अधिक स्वादिष्ट व मुलायम बनता है।
- पशु पक्षी आदि को लगी चोट में Fitkari फायदेमंद होती है। पतंग के मांझे से घायल पक्षी को लगी चोट फिटकरी घुले पानी से धोएँ। ये पानी उसे थोड़ा सा पिला दें। इससे पक्षी जल्दी ठीक हो जाएगा। इसी प्रकार पशु को लगी चोट भी ठीक हो सकती है।
- गर्म पानी में फिटकरी और नमक मिलाकर गरारे व कुल्ला करने से गले की खराश , मुंह की बदबू आदि ठीक हो जाते है।
- मसूड़ों से खून आता हो तो Fitkari घुले पानी के कुल्ला करने से ठीक होता है।
- चेहरे की झुर्रियाँ मिटाने के लिए Fitkari के टुकड़े को पानी में डुबोकर चेहरे पर हल्के हाथ से मलें। सूखने पर सादा पानी से धो लें। कुछ ही दिन में झुर्रियां मिट जाएँगी।
- यदि जहरीला कीड़ा या बिच्छू काट ले तो पानी में फिटकरी का पाउडर डालकर गाढ़ा घोल बनाकर लगाने से आराम मिलता है।
- दांत में दर्द हो तो फिटकरी और काली मिर्च बराबर मात्रा में पीस कर इसे लगाएं। इससे दर्द कम हो जाता है।
- शरीर पर लगी छोटी चोट से खून बह रहा हो तो फिटकरि का पाउडर चोट पर छिड़कने से खून रिसना बंद हो जाता है।
- कील मुहासे के दाग- फिटकरी के प्रयोग से हर प्रकार के कील -मुहासों के दाग और काले धब्बे ठीक होते हैं। फिटकरी के घोल को मुहासों के दाग पर 20 मिनट तक लगाकर रखें और फिर साफ पानी से धुलें इससे सारे दाग ठीक होते हैं।
दुर्गंध मिटाने के लिए – फिटकरी का प्रयोग नेचुरल डियोडेरेंट के रूप में भी किया जाता है। पसीना के कारण बगलों से आने वाली स्मेल को फिटकरी के प्रयोग खत्म किया जा सकता है। लेकिन इसका इस्तेमाल रोज नहीं करना चाहिए।
दमा, खांसी और बलगम की समस्या का समाधान: अगर आपको दमा की शिकायत है तो फिटकरी आपकी इस समस्या का रामबाण इलाज है. फिटकरी के चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर चाटने से दमा और खांसी में फायदा होता है.
सिर की गंदगी और जुंओं को मारने का घरेलू उपाय: अगर आपके सिर में जुंएं पड़ गई हैं तो फिटकरी के पानी से बाल धोना फायदेमंद रहेगा. इसके एंटी-बैक्टीरियल गुण के चलते जुंएं मर जाते हैं और सिर की दूसरी गंदगी भी धुल जाती है.
यूरीन इंफेक्शन होने पर: यूरीन इंफेक्शन हो जाने पर भी फिटकरी का इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद होता है. प्रतिदिन फिटकरी के पानी से प्राइवेट पार्ट की सफाई करने से इंफेक्शन का खतरा दूर हो जाता है. इसके अलावा पानी में घुलनशील अशुद्धि को दूर करने के लिए भी फिटकरी का इस्तेमाल किया जाता है.
Fitkiri se hone wale Nukshan फिटकरी के नुकसान :
फिटकरी का उपयोग करने से कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं जो इस प्रकार हैं :
- पोटेशियम ऐलम (potassium alum) त्वचा को कमजोर कर सकता है।
- फिटकरी खाने के नुकसान: फिटकरी का ज्यादा सेवन करने से पुरुषों में वीर्य और फ्रक्टोज (semen and fructose) का स्तर प्रभावित हो सकता है।
- लंबे समय तक फिटकरी का अधिक मात्रा में सेवन कैंसर और अल्जाइमर (cancer and Alzheimer’s) आदि का कारण हो सकता है।
- ऐलम का अधिक उपयोग आपके लिए कई समस्याएं पैदा कर सकता है जैसे कि पेचिश, त्वचा का सूखापन (Dry skin)आदि ।
- यदि आपकी त्वचा नाजुक (delicate skin) है तो यह त्वचा में चकते, लाली जैसी परेशानी को बढ़ा सकता है।