ब्रिटिश-भारत के वाइसराय लार्ड कर्जन ने दिवंगत महारानी विक्टोरिया की स्मृति में 1, क्वीन्स वे पर स्थित इस स्मारक को बनवाने के बारे मे सोचा था। कर्जन चाहते थे कि इस स्मारक को एक विशाल संगमरमर के हाल के रूप में कलकत्ता मैदान में बनाया जाये जो कि मुख्य रूप से महारानी का स्मारक हो और साथ ही भारतीय साम्राज्य के लिए एक राष्ट्रीय वीथी और विशिष्ट व्यक्तियों का स्मृति स्थल भी हो। विक्टोरिया मेमोरियल हाल पश्चिम बंगाल के कलकत्ता शहर मे है। ये देश के अत्यन्त भव्य स्मारकों में से एक है। यह उत्कृष्ट एवं सुन्दर ब्रिटिश स्थापत्य का प्रतिनिधित्व करने के साथ ही आज कलकत्ता महानगर का एक वास्तविक प्रतीक भी है।
क्यों बनाया गया ये हॉल : जनवरी 1901 में महारानी विक्टोरिया के निधन के कुछ ही सप्ताह के भीतर कलकत्ते के टाउन हाल में 6 फरवरी 1901 को एक बड़ी सभा बुलाई गयी, जहां स्मारक के निर्माण के लिए एक सर्वभारतीय मेमोरियल कोष के गठन का प्रस्ताव रखा गया। यह 57 एकड़ भूमि पर निर्मित है और इसे ‘राज का ताज’ कहा जाता है, क्योंकि भारत में इंडो-ब्रिटिश स्थापत्य कला के सर्वोत्तम नमूने के रूप में मान्यता प्राप्त विक्टोरिया मेमोरियल को सन 1921 में आम जन के लिए खोला गया था और 1935 के भारत सरकार के अधिनियम द्वारा इसे राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान घोषित किया गया।
भारत की जनता तथा राजाओं ने कोष के लिए उनकी अपील का उदारता के साथ स्वागत किया और स्मारक के निर्माण पर खर्च हुए रुपये एक करोड़, पांच लाख के व्यय को स्वेच्छापूर्वक चंदे से संग्रह किया। 4 जनवरी 1906 को सम्राट जार्ज-पंचम ने, जो उस समय वेल्स के प्रिंस थे, इस स्मारक की आधारशिला रखी एवं सन् 1921 में आम जनता के लिए इसका औपचारिक रूप से उद्घाटन किया गया।
विक्टोरिया मेमोरियल संग्रह : विक्टोरिया मेमोरियल संग्रह के पास नौ दीर्घाओं में प्रदर्शित 28,394 कलाकृतियाँ हैं, जो देश की संस्कृति को दर्शाता है। इसकी दीवारों पर बेहतरीन नक़्क़ाशी की गई है। इस स्मारक में शिल्पकला का सुंदर मिश्रण है। इसके मुग़ल शैली के गुंबदों में सौरसेनिक और पुनर्जागरण काल की शैलियाँ दिखाई पड़ती हैं। मेमोरियल में एक शानदार संग्रहालय है, जहाँ महारानी विक्टोरिया के पियानो और स्टडी-डेस्क सहित 3000 से अधिक वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। विक्टोरिया मेमोरियल के केंद्रीय गुम्बद पर ‘विजय के दूत’ की प्रतिमा स्थापित है। बड़े से बॉल बेअरिंग पर स्थापित यह प्रतिमा हवा के साथ इधर-उधर घूमती है। ताजमहल की तरह विक्टोरिया मेमोरियल भी मकराना संगमरमर से बनवाया गया है। यहाँ के गुम्बद और अन्य रचनाओं के रचनात्मक तत्व भी ताजमहल के ही डिजाईन की तरह हैं। केंद्रीय गुम्बद के चारों तरफ आसपास कई रूपक(अल्गोरिकल) प्रतिमाएं स्थापित हैं जो कला, वास्तुशिल्प, दया, न्याय, ममता, शिक्षा और विवेक को दर्शाती हैं।
विक्टोरिया मेमोरियल में 25 गैलरियां हैं। इन गैलरियों में मूर्ति गैलरी, राजसी गैलरी, सेंट्रल हॉल, पोर्ट्रेट गैलरी, हथियार और शस्त्रागार गैलरी और कोलकाता गैलरी हैं। म्यूजियम के अन्य प्रदर्शनियों में पुराने ज़माने के सिक्कों, स्टैम्प्स और नक्शों की प्रदर्शनी लगी हुई हैं