देश में इन दिनों गले के कैंसर से जुड़े कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं। जानकारोें के अनुसार कैंसर जानलेवा बीमारी है। एक बार इसकी चपेट में आने से जिंदगी नरक बन जाती है। भारत ही नहीं, दुनिया भर में शरीर के सभी तरह के कैंसर में गले का कैंसर सबसे अधिक कॉमन है। इसका मुख्य कारण तंबाकू माना जाता है। तंबाकू के सेवन से कैंसर की संभावना को कई गुना बढ़ा देता है। यही कारण है कि 50 फीसद पुरुष इस बीमारी से ग्रस्त हैं। इसलिए ध्यान रखें, तंबाकू का सेवन शराब हो या गुटखा किसी भी रूप में स्वास्थ्य के लिए के लिए हानिकारक है।
What is Throat Cancer in Hindi क्या है गले का कैंसर
ज्यादातर गले के कैंसर मुख के तार पर शुरू होते हैं, और बाद में स्वर यंत्र से गले के पिछले हिस्से, जिसमें जीभ और टांसिल्स के हिस्से शामिल होते हैं। ये धीरे धीरे श्वांसनली में भी फैल जाते हैं।
डॉक्टर्स बताते हैं कि बीमारी की चपेट में आ गए हैं तो भी लक्षणों को समझते हुए पहली स्टेज में ही इलाज करा लेना बेहतर होगा। चौथी स्टेज पार कर जाने के बाद मरीज को बचाना बेहद मुश्किल हो जाता है। वर्तमान में कम उम्र के युवा भी तेजी से गले के कैंसर की चपेट में आ रहे हैं।
चौंकाने वाला है, ये आंकड़ा:
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व में प्रतिवर्ष कैंसर के 1.4 करोड़ नए मामले सामने आ रहे हैं। भारत में करीब सात लाख मौतें कैंसर से हो रही हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि पूरे भारत में 35 फीसद मरीज गले के कैंसर के हैं। प्रतिवर्ष इस बीमारी के 11 लाख नए मरीज आ रहे हैं। इस समय 25 से 30 लाख मरीज गले के कैंसर से ग्रस्त हैं।
Symptom of Throat Cancer मुख और गले के कैंसर के लक्षण
- तंबाकू और गुटखा खानेवालों को मुख का कैंसर हमेशा संभव है। ऐसी व्यक्ति को सावधानी बरतना चाहिये।
- मुँह में गाल, जबड़ा या मसूड़ों से जुडा हुआ लम्बे समय से चला आ रहा छाला, गिल्टी या चकत्ता संभवत: कैंसरसूचक मानना चाहिये।
- गाल और जीभ के कैंसर के कारण बोलने में कठिनाई और बदलाव होते है।
- कैंसर के चकत्ते लाल होते है। कभी कभी इसमें दर्द भी होता है।
- खाना निगलते समय गले में दिनोंदिन अटकाव महसूस होना कैंसर सूचक मानना चाहिये।
Throat Cancer Kaise Hota hai
- तंबाकू का सेवन
- एल्कोहल व निकोटीन का साथ सेवन
- विटामिन बी व डी की कमी
- मुंह में लंबे समय तक घाव
- ह्यूमन पेपीलोमा वायरस का संक्रमण
- धूल के अलावा केमिकल डस्ट ये हैं बीमारी के लक्षण
- मुंह, गाल व जीभ में घाव ठीक नहीं होना
- आवाज बदलना या भारीपन होना
- खाना खाने में परेशानी होना
- गले में जकड़न
- नींद कम आना
- लगातार वजन कम होना
प्रदूषित वातावरण भी गले के कैंसर का एक प्रमुख कारण है। डस्ट, वुड डस्ट, कैमिकल डस्ट और रोड डस्ट के कण कैंसर का कारण बन सकते हैं। सल्फर डाई ऑक्साइड, क्रोनियम और आर्सेनिक भी कैंसर की आशंका को बढ़ाते हैं।
बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय
- धूमपान का सेवन न करें
- शराब के सेवन से बचें
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं
- स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें
- नियमित व्यायाम करें शुरुआती स्टेज में इलाज कारगर