प्लूटो का जन्म एथेंस में 429 या 423 BCE में हुआ था। उनका पिता अरिस्टों थे। विविध संस्कृतियों के अनुसार उनक परिवार बहुत समृद्ध था और इनके परिवार का संबंध एथेंस के राजा से भी थे। प्राचीन सूत्रों के अनुसार प्लाटो बचपन से ही तेज थे और बचपन से ही उनमे दर्शनशास्त्र के गुण थे। उनके पिता ने उन्हें वो सारी सुविधाये भी प्रदान की जो उन्हें चाहिये थी। उस समय के कुछ महान शिक्षको ने प्लाटो को ग्रामर, म्यूजिक, जिमनास्टिक और दर्शनशास्त्र की शिक्षा दे रखी थी।
★ प्लूटो की प्रमुख किताबें ★
द एपोलॉजी, द रिपब्लिक, फेडो, द क्रिटो, लाचेस, लिसिस, चार्माइड्स, युथीफ्रो, हिप्पीअस माईनर एंड मेजर, प्रोटागोरस, गोर्जिअस, आयॉन आदि ।
◆ प्लाटो और सुकरात ◆
प्लाटो और सुकरात के संबंध को विद्वानों की जोड़ी के रूप में भी देखा जा सकता है। प्लाटो ने अपने दर्शनशास्त्र में साफ़ तौर पर यह कह दिया था की सुकरात को ही वे अपना शिक्षक मानते है। सुकरात ने भी प्लाटो में अपने सबसे करीबी इंसानों में से एक बताया था। सुकरात से प्लाटो ने दर्शनशास्त्र के बहुत से गुण सीखे है, सुकरात ने भी प्लाटो को दर्शनशास्त्र के सिद्धांतो और नियमो के बारे में बताया था। प्लाटो के लेखो में भी हमें सुकरात की झलक दिखायी ही देती है। अपने अंतिम समय तक प्लाटो सोक्रेटस को हो अपना गुरु मानते थे और अंतिम समय तक उन्होंने दर्शनशास्त्र में अपनी विशेष पहचान बना रखी थी। अपने समय में उन्होंने लाखो युवको को प्रेरित भी किया है और प्रभावित किया है।
◆ प्लाटो और पाइथागोरस ◆
प्लाटो का संबंध पाइथागोरस से भी था, पाइथागोरस का ज्यादातर प्रभाव प्लाटो पर ही पड़ा था और पाइथागोरस ने प्लाटो को कयी साहित्यिक गुण भी सिखाये थे। प्लाटो के कार्यो में हमें पाइथागोरस की प्रतिभा भी दिखायी देती है। आर.एम. हैरे के अनुसार, उनके प्रभाव के मुख्य तीन बिंदु थे :
1) प्लेटोनिक रिपब्लिक ज्यादातर दिमागी विचारो वाली संस्था से जुडी हुई थी, जैसे पाइथागोरस की स्थापना क्रोटोन में की गयी थी।
2) सूत्रों के अनुसार प्लाटो ने संभवतः पाइथागोरस के ही विचारो पर चलकर गणित का अभ्यास किया था और विज्ञान से संबंधित बहुत से गुण भी सीखे थे।
3) प्लाटो और पाइथागोरस ने मिलकर कयी प्रभावशाली विचारो को जन्म दिया है। कहा जाता है की इनके संयुक्त विचारो का प्रभाव काफी लोगो पर पड़ा था।
◆ प्लूटो के विचार ◆
• समझदार व्यक्ति इसीलिए बोलता है क्योंकि उसके पास बोलने के लिए या दुसरो से बांटने के लिए कई अच्छी बाते होती है, लेकिन एक बेवकूफ व्यक्ति इसीलिए बोलता है क्योंकि उसे कुछ न कुछ बोलना होता है।
• तीन चीजो से बनता है मनुष्य का व्यवहार-चाहत,भावनाए और जानकारी।
• मनुष्य द्वारा किया अच्छा व्यवहार उसे ताकत देता है और दुसरो को उसी तरह से अच्छा व्यवहार करने के लिए प्रेरित करता है।
• मनुष्य में ऐसी ताकत है जो आपको आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है या आपके पंख काटकर आगे बढ़ने के रास्ते बंद भी कर सकती है। ये आप पर निर्भर करता है कि आप कौन सी ताकत अपनाते है।
• दो ऐसी चीजे है जिनके बारे में मनुष्य को कभी गुस्सा या खफा नहीं होना चाहिए। पहली, वह किन लोगो की मदद कर सकता है। दूसरी, वह किन लोगो की मदद नहीं कर सकता है।
• तीन किस्म के लोग होते है-पहला, जो बुद्धिमान बनना चाहता है। दूसरा, जिसे अपनी प्रतिष्ठा से प्यार है और तीसरा, जो जिंदगी में कुछ हासिल करना चाहता है।
• व्यक्ति दुसरो पर राज करना चाहता है वह कभी राज नहीं कर सकता। वैसे ही जैसे कोई व्यक्ति किसी को पढ़ाने का दबाव महसूस करके अच्छा शिक्षक नहीं बन सकता है।
• स्वयं को इस जन्म औए अगले जन्म में भी काम में लगाइए। बिना प्रयत्न के आप समृद्ध नहीं बन सकते। भले भूमि उपजाऊ हो, बिना खेती किये उसमे प्रचुर मात्र में फसले नहीं उगाई जा सकती।
• एक अच्छा निर्णय ज्ञान पर आधारित होता है नंबरों पर नहीं
• एक नायक सौ में एक पैदा होता है, एक बुद्धिमान व्यक्ति हज़ारों में एक पाया जाता है, लेकिन एक सम्पूर्ण व्यक्ति शायद एक लाख लोगों में भी ना मिले.
• सभी व्यक्ति प्राकृतिक रूप से सामान हैं, एक ही मिटटी से एक ही कर्मकार द्वारा बनाये गए;और भले ही हम खुद को कितना भी धोखें में रख लें पर भगवान को जितना प्रिय एक शश्क्त राजकुमार है उतना ही एक गरीब किसान.
• थोड़ा सा जो अच्छे से किया जाए वो बेहतर है,बजाये बहुत कुछ अपूर्णता से करने से
• किसी व्यक्ति के लिए स्वयं पर विजय पाना सभी जीतों में सबसे पहली और महान है.
• अगर हर एक व्यक्ति अपनी प्राकृतिक काबिलियत के अनुसार,बिना और चीजों में पड़े, सही समय पर और सिर्फ एक काम करता तो चीजें कहीं बेहतर गुणवत्ता और मात्रा में निर्मित होतीं.
• अच्छे लोगों को जिम्मेदारी से रहने के लिए कहने हेतु क़ानून की ज़रुरत नहीं पड़ती, और बुरे लोग क़ानून से बच कर काम करने का रास्ता निकाल लेते हैं.
• आदमी अपने भविष्य का निर्धारण अपनी शिक्षा के शुरुवात की दिशा से करता है.
• आप बातचीत से एक वर्ष की तुलना में खेलने के एक घंटे में किसी व्यक्ति के बारे में अधिक जान सकते हैं.
• केवल मरने वालों ने युद्ध का अंत को देखा है.
• काम करने का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा शुरुवात है.
• प्यार एक गंभीर मानसिक बीमारी है.
• हम अंधेरे से डरने वाले बच्चे को आसानी माफ कर सकते हैं; जीवन की असली त्रासदी तब है, जब लोग प्रकाश से डरते हैं.
• अकेली बुद्धि अन्य विज्ञानों का विज्ञान है.
• हम सीख नहीं रहे हैं, और जिसे हम सीखना कह रहे हैं वह केवल स्मरणशक्ति की एक प्रक्रिया है.
• कोई भी आदमी आसानी से दूसरे का नुकसान कर सकता है, लेकिन हर आदमी दूसरे के लिए अच्छा नहीं कर सकता है।
★ प्लाटो की मृत्यु ★
प्लाटो की मृत्यु के अलग-अलग कारण इतिहास में बताये गए है। एक कहानी मनुलिपि पर आधारित है जिसके अनुसार प्लाटो की मृत्यु उनके पलंग पर ही हुई थी, जिसमे एक युवा थ्रासियन लड़की ने उनके लिये बाँसुरी भी बजायी थी। एक और कहानी के अनुसार प्लाटो की मृत्यु शादी के समारोह में हुई थी। इसके साथ ही तृतीय युग के अनुसार प्लाटो की मृत्यु नींद में हुई हो गयी थी।