हम जो खाते-पीते हैं, उसको पचाकर ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया मेटाबॉलिज्म है। सामान्य शब्दों में यह वह प्रक्रिया है, जो कैलरी को ऊर्जा में बदल देती है। हमारे शरीर को हर समय ऊर्जा की जरूरत होती है। शरीर में मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया 24 घंटे चलती रहती है। उस वक्त भी, जब हम आराम की मुद्रा में होते हैं। सोते समय शरीर की आंतरिक क्रियाओं जैसे रक्त संचार, सांस लेने, कोशिकाओं की मरम्मत आदि के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है।
मेटाबोलिज्म रासायनिक प्रक्रिया है जो की जीवन को बनाए रखने में काम आती है . यह परिक्रिया एक जीवित जीव के भीतर होते है . मेटाबोलिज्म प्रक्रिया में जो भी फ़ूड हम खाते है और पीते हमारा शरीर उसको एनर्जी में बदल देती है यह एक बायोकमिकल प्रक्रिया है.यह हमारे पाचन तन्त्र की प्रक्रिया है जो फ़ूड को तोड़कर एनर्जी में बदल देता है. जिससे हमे काम करने के लिए पर्याप्त एनर्जी मिलती रहे.
मेटाबोलिज्म कैसे आपको रखता है फिट
मेटाबलाज़िम दो प्रकार के होते है.
Catabolism:
हमारे शरीर में भोजन को छोटे छोटे भागो में तोड़कर एनर्जी देने का काम करता है. यह कार्बोहायड्रेट को ग्लाइकोजन में बदलता है जिससे की हम एनर्जी की तरह इस्तेमाल करते है.
Anabolism:
कोशिका के माध्यम से सभी आवश्यक यौगिकों का संश्लेषण उपचय क्रिया के द्वारा होता है. उपचय शरीर में मौजूद ऊर्जा का इस्तेमाल करके कोशिका निर्माण कार्य में सहायता करता है, इसलिए उपचय को रचनात्मक मेटाबोलिज्म के रूप में जाना जाता है.
मेटाबोलिज्म शरीर मे कैसे काम करता है
सबसे पहले यह जानकारी आवश्यक है कि मेटाबोलिज्म को मांसाहार और शाकाहार दोनों ही तरह के भोजन को ग्रहण करके ठीक रखा जा सकता है. पेड़ पौधे, सूरज की रोशनी से ऊर्जा लेते है जिससे वे क्लोरोफिल, कार्बनिक डाईऑक्साइड और पानी के साथ प्रतिक्रिया करके शर्करा बनाते है और इस प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहा जाता है. अतः जो लोग जानवर और पौधों को खाते है उन्हें शर्करा की प्राप्ति होती है. शरीर मेटाबोलिज्म के माध्यम से शर्करा को तोड़ता है जिससे ऊर्जा प्राप्त होती है और इस ऊर्जा को शरीर की कोशिका के द्वारा इंधन के रूप में वितरित किया जाता है. मेटाबोलिज्म, शर्करा को तोड़कर शरीर के उतकों (tissues) में संगृहीत करता है और जब जरुरत होती है तो संगृहित ऊर्जा का उपयोग करने का काम करता है. कई हार्मोन ऐसे है जो मेटाबोलिज्म की दशा और दिशा को नियंत्रित करते है, जिसमे शामिल है थायरॉयड. इस ग्रंथि के द्वारा जारी हार्मोन यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि किसी व्यक्ति के शरीर में मेटाबोलिज्म के रसायनिक प्रतिक्रिया को कितना तेजी से और कितना धीमा करना है. मेटाबोलिज्म एक बहुत ही जटिल रासायनिक प्रक्रिया है जिससे आपको यह पता चलता है कि आपका शरीर में कितना ऊर्जा प्रदान होती है.
मेटाबोलिज्म दर का मतलब है की कितनी तेज़ी से मेटाबोलिज्म की प्रक्रिया होती है.अगर आपका मेटाबोलिज्म रेट जयादा है तो आपके अंदर एनर्जी भी जायदा होगी. आपको भूख भी ज्यादा लगेगी. और आप मोटापे के शिकार भी नही होगे.
अगर आपका मेटाबोलिज्म रेट कम है तो आपको भूख कम लगेगी और आप सुस्त महसूस करेंगे. और आप जल्दी मोटापे के शिकार हो जाओगे।
कैसे बेहतर बनाएं मेटाबॉलिज्म
दिनचर्या को नियमित करें। सुबह उठने का एक समय रखें। उठने के डेढ़ से दो घंटे के भीतर पौष्टिक नाश्ता करें। चाय-कॉफी से दिन की शुरुआत कतई न करें। गुनगुने पानी या नीबू पानी व शहद लें।
नियमित 30 से 45 मिनट शारीरिक व्यायाम करें। ’अधिक तले-भुने, चिकनाई व मसालेदार खाने से परहेज रखें। सलाद, दाल, अखरोट, मौसमी सब्जियां व डेयरी प्रोडक्ट लें। बादाम भी फायदा पहुंचाते हैं।
- दिनभर में पांच से छह बार कम मात्रा में खाएं। बहुत मीठे से परहेज करें।
- खाने में पर्याप्त फाइबर लें। एक वयस्क को दिन में 35-40 ग्राम फाइबर रोजाना लेना चाहिए।
- दालचीनी, सेब, दलिया,दाल, दही एवं अन्य डेयरी फूड का नियमित सेवन पाचन-तंत्र दुरुस्त रखता है।