Skip to content

THE GYAN GANGA

Know Everythings

  • Home
  • Health
  • Knowledge
  • Biography
  • Tourist Place
  • WEIGHT LOSS
  • Home Remedies
  • Politics
  • Toggle search form
  • ★ तुलसी : एक पौधा नही संजीवनी बूटी  | तुलसी पत्ते के गुण एवम फायदे व नुकसान
    ★ तुलसी : एक पौधा नही संजीवनी बूटी | तुलसी पत्ते के गुण एवम फायदे व नुकसान Health
  • हल्दी के फायदे  कैसे रखे आपको रोगो से दूर | Haldi Khane ke Fayde or Nuksan
    हल्दी के फायदे कैसे रखे आपको रोगो से दूर | Haldi Khane ke Fayde or Nuksan Health
  • How to Make Green Tea Taste Good Diet
  • कड़कनाथ चिकन पोल्ट्री फार्म :– एक अलग चिकन व्यवसाय Uncategorized
  • Discover Inspiring Tom Wopat Quotes Quotes
  • दुनिया का सबसे बड़ा पशु बाजार :सोनपुर मेला Knowledge
  • Home Remedies To Get Glowing Skin
    Home Remedies To Get Glowing Skin AYURVEDA
  • PETA kya hai: janiye peta ke bare me
    PETA kya hai: janiye peta ke bare me Knowledge
kumbhalgarh-fort-rajasthan-gk-in-hindi

kumbhalgarh-fort-rajasthan-gk-in-hindi

Posted on March 29, 2019February 3, 2021 By admin

कुंभलगढ़ राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध किलों में से एक कुंभलगढ़ किला भी है जो उदयपुर से करीब 82 किलोमीटर दूर अरावली की पहाड़ियों के चोटी पर बना हुआ है। इस किले को हाल ही में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का स्टेटस भी मिल चुका है। हिल फोर्ट्स ऑफ राजस्थान यानी राजस्थान के पहाड़ी वाले 6 किलों में से एक किला कुंभलगढ़ भी है। इस किले की एक खासियत यह भी है कि इसका निर्माण सम्राट अशोक के दूसरे बेटे संप्राति द्वारा दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में बनवाए गए किले के अवशेषों पर किया गया है। जानकारी के मुताबिक इस किले को पूरी तरह से बनने में 15 साल का वक्त लगा। मौजूदा किले का निर्माण मेवाड़ के प्रसिद्ध शासक महाराणा कुंभा ने 15वीं शताब्दी में करवाया था। कुम्भलगढ़, राजस्थान के राजसमन्द जिले में स्थित एक विख्यात पर्यटन स्थल है। यह स्थान राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित है और कुम्भलमेर के नाम से भी जाना जाता है। कुम्भलगढ़ किला राजस्थान राज्य का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण किला है। इसका निर्माण पंद्रहवी सदी में राणा कुम्भा ने करवाया था। पर्यटक किले के ऊपर से आस पास के रमणीय दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। शत्रुओं से रक्षा के लिए इस किले के चारों ओर दीवार का निर्माण किया गया था। ऐसा कहा जाता है कि चीन की महान दीवार के बाद यह एक सबसे लम्बी दीवार है। आप ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना(The Great Wall of China) से तो भली-भांति परिचित होंगे. लेकिन हम यहाँ चाइना(China) की नहीं India की बात कर रहे हैं, तो ऐसी ही एक wall है India में. जी हाँ, India में भी एक ऐसी wall है जो Great wall of China की तरह प्रसिद्ध है. यह Rajasthan के udaypur के Rajasmad में स्थित है. यह दीवार है कुम्भलगढ़ किले की. यह दीवार 36 km लम्बी और 15 feet चौड़ी है. माना जाता है कि इस दीवार(Wall) की चौड़ाई इतनी है कि 10 घोड़े एक ही समय में इस दीवार(wall) पर दौड़ सकें.

History of kumbhalgarh fort in hindi

महाराणा प्रताप की जन्मस्थली है कुंभलगढ़: कुंभलगढ़ किले की प्रसिद्ध 36 किलोमीटर लंबी दीवार की परिधि के अंदर 360 मंदिर है जिसमें से 300 मंदिर जैन धर्म के हैं और बाकी हिंदू धर्म के। यह किला धार्मिक और ऐतिहासिक दोनों दृष्टियों से काफी महत्वपूर्ण है। कुंभलगढ़ मेवाड़ के महान योद्धा महाराणा प्रताप की जन्म स्थली भी है।। इस दुर्ग के भीतर एक औरगढ़ है जिसे कटारगढ़ के नाम से जाना जाता है यह गढ़ सात विशाल द्वारों व सुद्रढ़ प्राचीरों से सुरक्षित है। इस गढ़ के शीर्ष भाग में बादल महल है व कुम्भा महल सबसे ऊपर है। महाराणा प्रताप की जन्म स्थली कुम्भलगढ़ एक तरह से मेवाड़ की संकटकालीन राजधानी रहा है। महाराणा कुम्भा से लेकर महाराणा राज सिंह के समय तक मेवाड़ पर हुए आक्रमणों के समय राजपरिवार इसी दुर्ग में रहा। यहीं पर पृथ्वीराज और महाराणा सांगा का बचपन बीता था। महाराणा उदय सिंह को भी पन्ना धाय ने इसी दुर्ग में छिपा कर पालन पोषण किया था। हल्दी घाटी के युद्ध में हार के बाद महाराणा प्रताप भी काफी समय तक इसी दुर्ग में रहे।

कुम्भलगढ़ किले की संस्कृति: राजस्थान पर्यटन विभाग हर साल महाराणा कुम्भ की याद में तीन दीन एक विशाल महोत्सव का आयोजन कुम्भलगढ़ में करता है। तीन दिन के इस महोत्सव में किले को रौशनी से सजाया जाता है। इस दौरान नृत्य कला, संगीत कला का प्रदर्शन भी स्थानिक लोग करते है। इस महोत्सव में दूसरी बहुत सी प्रतियोगिताओ का भी आयोजन किया जाता है जैसे की किला भ्रमण, पगड़ी बांधना, युद्ध के लिये खिंचा तानी और मेहंदी मांडना इत्यादि। राजस्थान के छः किले मुख्यतः आमेर का किला, चित्तोडगढ किला, जैसलमेर किला, कुम्भलगढ़ किला और रणथम्बोर किले को जून 2013 में पेन्ह में आयोजित वर्ल्ड हेरिटेज साईट की 37 वी मीटिंग में इन्हें यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साईट में शामिल किया गया था। राजपूताने की शान के नाम से मशहूर कुम्भलगढ़ किले से एक तरफ सैकड़ो किलोमीटर में फैले अरावली पर्वत श्रृंखला की हरियाली दिखाई देती हैँ जिनसे वो घिरा हैँ, वहीँ दूसरी तरफ थार रेगिस्तान के रेत के टीले भी दिखते हैँ। कहा जाता है की कुम्भलगढ़ किले को देश का सबसे मजबूत दुर्ग माना जाता है जिसे आज तक सीधे युद्ध में जीतना नामुमकिन है। गुजरात के अहमद शाह से लेकर महमूद ख़िलजी सभी ने आक्रमण किया लेकिन कोई भी युद्ध में इसे जीत नही सका।

राजा ने एक संत को बुलाया. संत ने राजा को बताया कि जब तक कोई स्वच्छ मनुष्य स्वयं को बलि के लिए प्रस्तुत नहीं करेगा तब तक निर्माणकार्य(construction) आगे नहीं बढेगा. राजा(king) की चिंता और बढ़ गयी. वह सोच में पड़ गया कि बलि(sacrifice) के लिए कोन आगे आएगा. चिंतित राजा को देख कर संत(saint) ने कहा कि वह स्वयं ही बलि होने के लिए तयार है.

संत ने राजा से स्वयं बलि(sacrifice) होने की आज्ञा(permission) मांगी और कहा कि मुझे पहाड़ी पर चलने दिया जाए और जहाँ भी मैं रुकूँ वही मेरी बलि दे दी जाये. जहा मेरी बलि(sacrifice) दी जाये वहां देवी का एक मंदिर(temple) बना दिया जाये.

राजा ने संत(saint) की बात मान ली. संत पहाड़ी पर 36 km तक चलने के बाद रुक गया और वचन अनुसार वही उसका सर काट दिया गया. जिस जगह संत(saint) का सर गिरा वह मुख्य द्वार(Main Door) बना दिया गया, जो कि हनुमान पोल(Hanuman Pol) के नाम से जाना जाता है. जहा धड़ गिरा वह दूसरा मुख्य द्वार(main door) बनाया गया.

Kumbhalgarh Fort History in Hindi | Great Wall of India – कुम्भलगढ़ किला

मान्यता है कि राणा कुम्भा(Rana Kumbha) ने रात में कार्य करने के लिए 100 किलो रूई और 50 किलो घी का प्रयोग करते, जिससे रोशनी(Light) के लिए बड़े बड़े लैंप(lamp) जलाये जा सके.

कुम्भलगढ़ किले का इतिहास | Kumbhalgarh Fort History in Hindi

इतिहासकारों के पास कुम्भलगढ़ किले(Kumbhalgarh Fort) के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. लेकिन फिर भी जितनी भी जानकारी इस किले(fort) के बारे में मौजूद है उसे हम यहाँ आपके साथ share कर रहे हैं.

कुम्भलगढ़ महाराणा प्रताप की जन्म भूमि(Birth Place) है. 19वीं शताब्दी(century) तक कुम्भलगढ़ किले(Kumbhalgarh Fort) पर महाराणा प्रताप का कब्ज़ा था. महाराणा प्रताप मेवाड़(Mewar) के वीर योद्धा और एक महान शासक(ruler) थे. लोगो का कहना है कि कुम्भलगढ़ फोर्ट(Kumbhalgarh Fort) का प्राचीन नाम(Old name) मछिन्द्रपुर था.

History, Tourist Place

Post navigation

Previous Post: जयगढ़ किला राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थल में से एक है
Next Post: पालिताना का इतिहास (History of palitana in Hindi)

Related Posts

  • आइये चले असम की शान माजुली द्वीप घूमने  :–
    आइये चले असम की शान माजुली द्वीप घूमने :– Tourist Place
  • प्रयागराज के प्राचीन मंदिर Tourist Place
  • दुबई के बारे में अनसुने रोचक तथ्य | दुबई: सपनों का शहर
    दुबई के बारे में अनसुने रोचक तथ्य | दुबई: सपनों का शहर Knowledge
  • वायनाड : कण कण मे शांति
    वायनाड : कण कण मे शांति Tourist Place
  • ★ खिलजी ने जला दिया था ये विश्वविद्यालय :—–
    ★ खिलजी ने जला दिया था ये विश्वविद्यालय :—– History
  • कानपुर : एक मस्त मौला शहर
    कानपुर : एक मस्त मौला शहर Tourist Place

  • Home
  • Health
  • Knowledge
  • Biography
  • Tourist Place
  • WEIGHT LOSS
  • Home Remedies
  • Politics
  • Home
  • Health
  • Knowledge
  • Biography
  • Tourist Place
  • WEIGHT LOSS
  • Home Remedies
  • Politics
  • Jamun Se Hone wale fayde : जामुन के बीज से डायबिटीज का इलाज कैसे करें?
    Jamun Se Hone wale fayde : जामुन के बीज से डायबिटीज का इलाज कैसे करें? Health
  • Patrick Warburton Quotes That’ll Leave You Grinning Quotes
  • How Moong Dal Benefits Weight Loss Will Affect Your Health Nutrition
  • Best of waseem barelvi
    Best of waseem barelvi Life Quotes
  • How to Lose a Double Chin with Neck Roll Exercises:
    How to Lose a Double Chin with Neck Roll Exercises: WEIGHT LOSS
  • ★ हांडा की रानी: सिर काट के सजा दिया थाल मे :—
    ★ हांडा की रानी: सिर काट के सजा दिया थाल मे :— Biography
  • Marshmallow Root for your health Anxiety
  • गेंडा के बारे में रोचक जानकारी  Rhinoceros Facts in Hindi | एक सींग वाले गेंडे से
    गेंडा के बारे में रोचक जानकारी Rhinoceros Facts in Hindi | एक सींग वाले गेंडे से Knowledge

Copyright © 2025 THE GYAN GANGA.

Powered by PressBook News WordPress theme