एचआईवी जिसका पूरा नाम है ह्यूमन इम्यूनो डैफिशिएंसी वायरस। यह एक ऐसा वायरस होता है, जिसकी वजह से एड्स होता है। यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है। जिस इंसान में इस वायरस की मौजूदगी होती है, उसे एचआईवी पॉजिटिव कहते हैं। आमतौर पर लोग एचआईवी पॉजिटिव होने का मतलब ही एड्स समझने लगते हैं, लेकिन ये सच्चाई नहीं है।
एचआईवी/एड्स एक गंभीर बीमारी जरूर है, लेकिन जीवन का अंत नहीं। एक समय था जब भारत के अंदर एड्स का नाम लेने या उससे जुड़े किसी भी सवाल को पूछना किसी पाप के बराबर माना जाता था। ऐसा लगता है जैसे सिर्फ पूछ लेने भर से सामने वाले को इसके वायरस लग जाएंगे। लेकिन अब एड्स के प्रति लोगों में बढ़ रही जागरूकता ने वाकई अपना असर दिखाया है। पहले के मुकाबले एचआईवी/एड्स पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में गिरावट आई है।
हालांकि हेल्थ रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले कुछ सालों में एड्स के मामलों में गिरावट आई है, लेकिन आज भी देश में करीब 25 लाख लोग इस भयंकर बीमारी से पीड़ित हैं।
1988 से हर साल 1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे के रूप में मनाया जाता है।
HIV एड्स होने के कारण
असुरक्षित शारीरिक संबंध : HIV पॉजिटिव पुरुष या महिला के साथ असुरक्षित (कॉन्डम यूज किए बिना) सेक्स से, चाहे सेक्स होमोसेक्सुअल ही क्यों न हो। भारत में एचआईवी/एड्स की सबसे अहम वजह यही है। देश में एड्स के जो भी मामले हैं, उनमें से 86 फीसदी असुरक्षित सेक्स संबंधों की वजह से हैं।
HIV संक्रमित खून से : HIV संक्रमित खून चढ़ाने से। इसकी वजह से एड्स होने के मामले 2.57 फीसदी हैं।
माँ से बच्चे को : एचआईवी पॉजिटिव महिला से पैदा हुए बच्चे में। बच्चा होने के बाद एचआईवी ग्रस्त मां के दूध पिलाने से भी ये वायरस फैल सकता है।
दूषित सिरिंज से : खून का सैंपल लेने या खून चढ़ाने में डिस्पोजेबल सिरिंज (सिर्फ एक ही बार इस्तेमाल में आने वाली सुई) न यूज करने से या फिर स्टरलाइज किए बिना नीडल और सिरिंज यूज करने से। 1.97 फीसदी मामलों में इसकी वजह से एड्स होता है।
पुराना ब्लेड से : हेयर ड्रेसर (नाई) के यहां बिना स्टरलाइज्ड (रोगाणु-मुक्त) उस्तरा, पुराना इन्फेक्टेड ब्लेड यूज करने से। सलोन में हमेशा नया ब्लेड यूज हो रहा है, यह सुनिश्चित करें।
Symptom of HIV in Hindi HIV एड्स होने के लक्षण
बुखार – यदि किसी भी व्यक्ति को लगतार बुखार आ रहा है तो आप सावधान हो जाए,क्योंकि लगातार आने वाला बुखार एड्स का एक लक्षण हो सकता है। इस बीमारी में इम्यून पावर कम हो जाता है, जिसके कारण व्यक्ति का प्रतिरोधी तंत्र बार-बार बुखार को रोक नहीं पाता।
लगातार थकान – यदि व्यक्ति हमेशा थका थका महसूस करता है तो ये एड्स का शुरुआती लक्षण हो सकता है ,क्योंकि उसका शरीर कमजोर होता जाता है और उसका शरीर का इम्यून पावर कम होने के कारण उसे अधिक आराम की ज़रूरत होती है।
सर मे दर्द :- सिर में दर्द बना रहना और गला खराब रहना भी इस गंभीर बीमारी का एक लक्षण हो सकता है। इस स्थिति में कई बार सिर में तेज दर्द भी हो सकता है, जो दिनभर और रातभर जारी रह सकता है।
त्वचा पर निशान – इम्यून व रेसिटेंस पावर कम होने के कारण शरीर बीमारियों से आपको बचाने में सक्षम नहीं रह पाता। इसका असर त्वचा की बाहरी सतह पर भी होता है। त्वचा पर लाल रेशेस होना और उनका ठीक न हो पाना भी इसी का एक लक्षण है।
वजन का लगातार घटना – एड्स के अन्य संभावित लक्षणों के साथ-साथ अगर आपका वजन लगातार घटता जा रहा है, तो यह आपके लिए चिंताजनक बात हो सकती है। हालांकि वजन कम होने के और भी कारण हो सकते हैं, लेकिन इसे भी अनदेखा नहीं किया जा सकता।
सोते वक्त पसीना आना – सोते वक्त आपको हमेशा पसीना आता है इसे अनदेखा न करें। इस स्थिति में ज्यादा पसीना आने के साथ ही आप करवटें बदलते हुए रात काटते हैं और घुटन महसूस करते हैं तो यह बीमारी का कारण हो सकता है।
सूखी खांसी आना :- बहुत दिनों से सूखी खांसी का आना एड्स के लक्षणों में शामिल है। अगर किसी को खांसी नहीं हैं लेकिन मुंह में हमेशा कफ आता रहता है। मुंह का स्वाद खराब रहता है। इसमें से कोई भी लक्षण लगने पर एच आई वी टेस्ट जरूर करवाएं।
उल्टी आना :- हर समय मतली आना या फिर खाना खाने के तुरंत बाद उल्टी होना या उल्टी जैसा महसूस होना भी शरीर में एचआईवी वायरस के संक्रमण का इशारा करते हैं।