सर्दी का मौसम है और किसी ठिठुरते को अगर चाय दे दी जाए तो मानिए की उसको किसी ने अमृत दे दिया हो। ऐसा कहा जाता है कि चाय हमारे बॉडी को तरोताज़ा तो करता है तो वही चाय पीना हमारे दिल की बीमारी और कैंसर की रोकथाम में फायदेमंद माना गया है।
चाय एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है। इसमें उच्च क्वालिटी का स्वस्थ पेय एंटीऑक्सिडेंट और खून साफ़ करने वाला गुण होता है। अगर हम चाय मे दूध मिला के पीते है तो इसके गुणों को कम करता है।
चाय पीने का तरीका : चाय पीने का असली तरीका है कि काली चाय को पिया जाए। क्योंकि जानकर ये मानते है कि अगर चाय मे दूध मिला दिया जाए तो बायोलॉजिकल एक्टिविटी ख़त्म हो जाती है। चाय मे फ्लेवोनोइड्स, जिसे कैटेचिन कहा जाता है, को दिल के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन एक शोध से ये पता चलता है कि दूध में एक प्रकार का प्रोटीन होता है जिसे जिसे कैसिंस कहा जाता है,जो कैटेचिन के प्रभाव को कम कर देता है।
दूध की चाय पीने के कुछ नुकसान :
अनिद्रा : कैफीन कॉफी की तरह चाय मे भी पाया जाता है। अगर आप दूध से बनी चाय दिन में दो कप से अधिक चाय पीते है तो आपको अनिद्रा की बीमारी हो सकती है। दूध तो आपको नुकसान देती ही है इसके साथ ये चीनी के साथ मिलकर ये और भी नुकसान दायक ही जाती है। दूध की चाय से चिंता, तनाव, बेचैनी होती है।
चेहरे पर दाने : अगर आप दूध वाली चाय पीते है तो इसका सबसे बड़ा नुकसान आपके फेस ले दानों के रूप मे दिखेगा। अगर आप कम मात्रा मे चाय पोते है तो ये आपके बॉडी को साफ करने मे मदद करेगा और ज़्यादा पीते है तो बॉडी मे गर्मी उत्पन्न करेगा बॉडी मे कैमिकल लोचा करेगा और वही पिम्पल्स के रूप मे फेस वे दिखाई देगा।
कब्ज : चाय में मौजूद थियोफिलाइन नामक रसायन आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद कर सकता है। लेकिन बहुत अधिक थियोफिलाइन आपको निर्जलित कर सकता है और अत्यधिक कब्ज पैदा कर सकता है।
सूजन : बहुत ज्यादा दूध वाली चाय से पेट फूल सकता है। चाय में कैफीन आपके सूजन का कारण है। इसमें दूध मिलाने से स्थिति बढ़ सकती है क्योंकि दूध और कैफीन गैस निर्माण को बढ़ावा देते हैं।
पोषक तत्वों की कमी :
चाय के अधिक सेवन का एक अन्य दुष्प्रभाव पोषक तत्वों की कमी है। अध्ययन कहते हैं कि एक साथ चाय और दूध पीना शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डाल सकता है। बहुत अधिक चाय लोहे और जस्ता की कमी का कारण बन सकती है