हर कोई पढ़ाई करने के बाद एक गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों में अच्छी नौकरी करने का सपना देखता है. लेकिन आज हम एक शख्स की कहानी बता रहे हैं, जिन्होंने माइक्रोसॉफ्ट में नौकरी छोड़कर खुद का काम शुरू कर दिया.
कहानी है एक ऐसे युवा की जिसने विश्व की टॉप लेवल की कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की नौकरी छोड़ी और बन गया ओला कैब जैसी कंपनी का मालिक । जी हा! हम बात कर रहे है ओला कैब के फाउंडर भाविश अग्रवाल की, जिन्होंने नौकरी छोड़कर ओला कंपनी बनाई थी. अब लाखों लोग हर दिन ओला में सफर कर रह हैं और इससे कई लोगों को रोजगार मिल रहा है.
★ कौन है भाविश अग्रवाल :—-
भाविश अग्रवाल का जन्म 28 अगस्त 1985 को लुधियाना, पंजाब मे हुआ था। भाविश के पिता का नाम नरेश कुमार अग्रवाल और माता का नाम उषा अग्रवाल है।
★ ऐसे आया आइडिया :—-
भाविश एक बार अपने दोस्तों के साथ घूमने निकले थे। जब वे बेंगलुरु से बांदीपुर की यात्रा पर निकले तो आधे रास्ते में ही ड्राईवर ने उनसे पैसे मांगने शुरू कर दिए, और ड्राईवर का बर्ताव, उसके बात करने का तरीका भी सही नहीं था.. उसके बुरे व्यवहार से परेशान होकर रास्ते में ही उन्हें गाड़ी से उतरना पड़ा और बाकी की यात्रा बस से करनी पड़ी..
जब वे बस में थे और आगे का सफ़र तय कर रहे थे तब बार-बार उनके दिमाग में यही बात चल रही थी कि उनके साथ ऐसा क्यों हुआ! और वे बार-बार यही सोच रहे थे, साथ ही साथ उन्हें यह सोच भी खाए जा रही थी कि ऐसे बहुत से लोग भी होंगे जिन्हें अच्छी कार सर्विस नहीं मिल रही होगी और उनके साथ भी ऐसा ही कुछ हो रहा होगा.. तभी उन्हें लगा कि उनके जैसे ही बाकी कस्टमर्स एक अच्छी कैब सर्विस की तलाश कर रहे होंगे जो उन्हें क्वालिटी सर्विस प्रदान कर सके क्योंकि ज्यादातर यात्रियों का अनुभव बहुत ख़राब ही रहता है इसी सोच को लेकर कि वे इस फील्ड में कुछ बड़ा करेंगे उन्होंगे ओला कैब कम्पनी शुरू करने का सोचा…
उन्होंने इससे संबंधित काम शुरू करने पर विचार किया. अपने टेक्नोलॉजी बैकग्राउंड के चलते भाविश ने कैब सर्विसेज और टेक्नोलॉजी को एक साथ जोड़ने के बारे में सोचा.
उनके साथ उनके मित्र अंकित ने भी उनका साथ दिया. शुरुआत में उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन बाद में उन्हें फंडिंग मिली और उनका कारोबार लगातार आगे बढ़ता गया. बताया जाता है उन्होंने अभी तक खुद के लिए कार भी नहीं खरीदी है. अब उनकी कंपनी हर साल करोड़ों का व्यापार कर रही है.
★ क्यों इतनी चर्चा में है ओला और क्या है ख़ास:–
भाविश, सफ़र के दौरान समझ चुके थे कि कम दाम में एक अच्छा सर्विस देने से ही इस कम्पनी को बड़े लेवल पर रन किया जा सकता है इसलिए उन्होंने कुछ ऐसा सोचा जो कस्टमर्स को इससे अच्छा और कोई न दे सके…
10 रूपये से 17 रूपये प्रति किलोमीटर की दर से ओला अपनी बेहतरीन सर्विस देती है और आज 70 से भी ज्यादा शहरों में 1.50 लाख लोग प्रतिदिन उनकी इस सर्विस का लाभ ले रहे हैं..
★ टेक्नोलॉजी और इंटरनेट ने बिजनेस को बढ़ाने में की मदद:–
चूँकि भाविश पहले से ही आईटी फील्ड से थे इसलिए उन्होंने अपना बिजनेस मॉडल इस तरह से तैयार किया था कि कस्टमर को कार बुक करने के लिए या पेमेंट के लिए उनके ऑफिस न आना पड़े.. हांलाकि शुरुआत में ही ऐसा नही हुआ..
कैब सर्विस और तकनीकी का कॉम्बिनेशन बहुत ही बढ़िया रहा, क्योंकि इसके ऐप को इस तरह से बनाया गया था जिससे कस्टमर को अपने सुविधा की साड़ी जानकारी मिल सके .. वे ऑनलाइन ही बुकिंग कर सकें, रेटिंग और रिव्यू देख सकें और अपने फोन के माध्यम से ही क्वालिटी की पूरी चेकिंग कर सकें…
भाविश जैसे ही हटकर सोचने वाले उनके दोस्त अंकित भाटी नवम्बर 2010 में कम्पनी में शामिल हुए.. उन्होंने भी उसी कॉलेज से आइआइटी और एम् टेक की डिग्री प्राप्त की थी.. दोनों ने कम्पनी साथ-साथ रन करने का सोचा और आगे बढ़ते गये..
★ इनके माता पिता ने दिया साथ :-
इनके माता पिता कहते है कि किसी भी बड़े कम्पनी का स्टार्टअप छोटे से ही शुरू होता है.. जब बच्चें कोई नया काम शुरू करते है तो लोगों का मजाक उड़ाना स्वाभाविक है लेकिन जब हम परेंट्स भी काम को न समझें तो दिक्कत महसूस होती है लेकिन जब काम बढ़ने लगे और पैसे आने लगे तो सबका दिमाग क्लियर होते जाता है..
शुरुआत में माँ-पापा को लग रहा था कि इतना पढ़ने और नौकरी छोड़ने के बाद कोई ट्रेवल एजेंट बनने का सोच रहा है लेकिन उनको उस वक्त समझा पाना मुश्किल होता है क्योंकि कुछ हटकर करने से सभी लोगों की तरह घरवाले भी आपको पागल समझ सकते हैं और इसमें उनकी कोई गलती भी नहीं है लेकिन जैसे-जैसे पैसे आने लगे तो उनको भाविश के स्टार्टअप पर विश्वास होने लगा, और वे समझने लगे कि लड़का आगे जरूर कुछ बड़ा करेगा…
★ ओला का बिछा हुआ है जाल सा :—-
70 से भी ज्यादा शहर 100 करोड़ से ज्यादा की आय:- आज भारत के सबसे बड़ी कम्पनी ओला देश में बहुत ही तेजी से बढ़ रही कैब एवं ऑटो बुकिंग सर्विस देने वाली कम्पनी बन चुकी है..
ओला का स्मार्टफोन ऐप, कैब बुकिंग के लिए सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला ऐप है.. बिजनेस के स्तर को जब आप देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि ओला ने महज तीन साल में ही एक अरब भारतीय रूपये का आंकड़ा पार किया है और आज की तारीख में यदि हम देखें तो इस कम्पनी ने 100 भी ज्यादा शहरों में अपना परचम लहराया है..
★ कौन कौन सी गाड़ियां है ओला मे :—
मसलन लग्जरी ट्रैवल्स के लिए ओला प्राइम (टोयोटो इन्नोवा), इटिओट), इकोनॉमिक महिला यात्रियों के लिए महिला ड्राइवर की ओला पिंक ट्रैवलिंग के लिए ओला मिनी (टाटा इंडिका), और सबसे सस्ती ओला ऑटो और कम्फर्टेबल ट्रैवलिंग के लिए ओला सेडान (टोयोटा) …