अपने दैनिक जीवन के सामान्य कामकाज को निपटाते वक्त क्या आपके घुटनों, कन्धों या कलाई में दर्द होता है? क्या आप इन जोड़ों के दर्द के कारण अपने अपनी इच्छानुसार जीवन जीने के आनंद से वंचित है? क्या आप दिन में कई कई बार दर्द निवारक दवाओं के सेवन से परेशान है? हमने कई बार अपने बड़े बुजर्गो को घुटनों के दर्द से तडपते हुए देखा है | दिन रात दवाई खाने से भी उन्हें कोई आराम नही मिलता है चलने फिरने में बहुत परेशानी होती है और साथ ही घुटनों को मोड़ने में, उठने – बैठने में भी दिक्कत आती है | कभी कभी उन्हें इतना ज्यादा दर्द होता की वो ठीक ढंग से सो भी नहीं पाते और उनके घुटनों में सुजन तक भी आ जाती है | उम्र के साथ हड्डियों की बीमारी बढती जाती है | बढती उम्र के साथ जोड़ों के दर्द होने की सम्भावनाये बढ़ने लगती है। शरीर में हड्डियों का कमजोर होना, उचित व्यायाम और भोजन में आवश्यक पोषक तत्वों के अभाव से जोड़ों के रोग प्रकट होने लगते है व बढ़ने लगते है।
अगर आपके घुटने में दर्द होता है तो ये उपाय आपके काफी हद तक राहत दिला सकते हैं। आइए जानें कौन से हैं ये उपाय:
Ghutne ka Dard ka Gharelu Upay (घुटने में दर्द का घरेलू उपये)
- कपड़े को गर्म पानी में भिगोकर बनाए पैड से सिंकाई करने से घुटने के दर्द में आराम मिलता है।
- भोजन में दालचीनी, जीरा, अदरक और हल्दी का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें। गर्म तासीर वाले इन पदार्थ के सेवन से घुटनों की सूजन और दर्द कम होता है।
- मेथी दाना, सौंठ और हल्दी बराबर मात्रा में मिला कर तवे या कढ़ाई में भून कर पीस लें। रोजाना एक चम्मच चूर्ण सुबह-शाम भोजन करने के बाद गर्म पानी के साथ लें
- रोज सुबह खाली पेट एक चम्मच मेथी के पिसे दानों में एक ग्राम कलौंजी मिलाकर गुनगुने पानी के साथ लें। दोपहर और रात में खाना खाने के बाद आधा-आधा चम्मच लेने से जोड़ मजबूत होंगे और किसी प्रकार का दर्द नहीं होगा
- सुबह खाली पेट लहसुन की एक कली दही के साथ खाएं।
- हल्दी चूर्ण, गुड़, मेथी दाना पाउडर और पानी सामान मात्रा में मिलाएं। थोड़ा गर्म करके इनका लेप रात को घुटनों पर लगाएं और पट्टी बांधकर लेटें।
- चार कच्ची-भिंडी सवेरे पानी के साथ खाएं। दिन भर में तीन अखरोट ज़रुर खाएं। इससे भी साइनोबियल फ्रलूड बनने लगती है
- चार कच्ची-भिंडी सवेरे पानी के साथ खाएं। दिन भर में तीन अखरोट ज़रुर खाएं। इससे भी साइनोबियल फ्रलूड बनने लगती है।
- प्रतिदिन कम से कम 2-3 किलोमीटर तक पैदल चलें
- प्रतिदिन कम से कम 2-3 किलोमीटर तक पैदल चलें
- अपने दैनिक जीवन मे योग को शामिल करें
घुटने के दर्द के लिए योगा
वीर-भद्रासन:
यह आसन घुटनों को सुदृढ़ बनाता है तथा जकड़े हुए कन्धों को सक्रिय करने में सहायक है। यह कन्धों से तनाव मिटा कर शरीर को संतुलन प्रदान करता है
धनुरासन:
धनुरासन बंध कंधो को खोलता है। यह पीठ को लचीला बनाता है। तथा शरीर से तनाव व जड़ता को दूर करता है।
सेतु-बंध आसन:
यह आसन घुटनों की मांसपेशियों को मजबूत करता है तथा ऑस्टियोपोरोसिस (अस्थि सुषिरता) रोग में भी लाभकारी है। यह मस्तिष्क को शांत करता है। रोगी को चिन्ता से मुक्त कर शरीर के तनाव को कम करता है।
त्रिकोणासन:
त्रिकोणासन हमारी टांगों, घुटनों व टखनों को मजबूत करने में लाभकारी है। यह सायटिका व कमर-दर्द में भी राहत प्रदान करता है। यह घुटनों की नस, कमर, जंघा की संधि व नितम्ब में खिंचाव उत्पन्न कर उनको गतिशीलता प्रदान करता है।
उस्ट्रासन:
यह कंधो व पीठ को मजबूती प्रदान करने वाला एक प्रभावशाली आसन है। यह रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाए रखने में मदद करता है। शारीरिक मुद्रा में सुधार होता है तथा कमर के अधोभाग का दर्द को घटता है
मकर अधोमुख श्वानासन:
यह आसन कंधो व घुटने की नसों में खिंचाव पैदा करता है। यह कलाई, भुजाओ व टांगों को मजबूत करता है, कमर दर्द में लाभकारी है तथा शारीरिक जड़ता को समाप्त करता है। यह आसन औस्टोपोरोसिस रोग से बचाव में भी सहायक है।
योगासन से जोड़ों का दर्द बढे नहीं, इसके लिए अभ्यास के दौरान शरीर को सहारा देने वाली वस्तुओं, तकियों व अन्य उपकरणों की सहायता लें। अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक जोर न दें। अगर दर्द बढ़ जाता है तो तुरंत योगाभ्यास बंद कर दें व चिकित्सक से परामर्श करें।
स्वास्थ्य प्रद आहार:
जोड़ तकनीक रूप से शरीर में उपस्थित हड्डियों के संधि स्थल है जिनकी सहायता शरीर के विभिन्न अंगो का मुड़ना, घूमना, झुकना, विसर्पण करना आदि क्रियाएँ संपन्न होती है। इन संधियों को स्वस्थ व मजबूत बनाये रखना इतना कठिन नहीं है जैसा हम समझते है। इसके लिए हमें सबसे पहले अपने आहार में सुधार करना होगा। विशेषज्ञों के अनुसार जलन व उतेजना पैदा करने वाले भोजन जैसे चीनी व ग्लूटेन प्रधान भोज्य पदार्थों का सेवन कम से कम करना चाहिए| हरी व पतेदार सब्जियां व फल लाभकारी होते है। अपनी जीवन चर्या में आयुर्वेद को अपनाकर भी हम इसकी पीड़ा कम कर सकते हैं।
पीड़ा मुक्त रहने के कुछ खास नुस्ख़े
- हर एक घंटे बाद अपनी टेबल से उठें व कुछ क्षण के लिए अपने शरीर का खिंचाव करे
- बैठे हुए व खड़े रहते समय शरीर को सही मुद्रा में रखें। शरीर सीधा व संतुलित हो आगे या पीछे की ओर झुका हुआ न हो
- अपने जोड़ों पर अधिक जोर न दें