हम जैसे जैसे विकसित हो रहे है और हम जैसे जैसे शहरीकरण विकास की ओर अग्रसर है वैसे वैसे ऊर्जा का इस्तेमाल दिन प्रतिदिन अपनी चरम सीमा से भी पार होता जा रहा है. ऊर्जा की भूख में मानव वो हर संभव प्रयास कर रहा है जिससे वो ऊर्जा के नए नए श्रोत का आविष्कार करके ऊर्जा की खपत को बनाये रखे.
इन्ही सब बातों को ध्यान मे रखते हुए आजकल बारिश से बिजली बनाने की कोशिश की जा रही है। वैज्ञानिक इस खोज मे लगे हुए है कि ऊर्जा को यदि हम बारिश के पानी से पैदा कर ले तो बहुत हद तक ऊर्जा की समस्या से बचा जा सकता है। आइये जानते है कि कैसे बारिश का पानी हमें बिजली भी दे सकता है।
★ क्या क्या होता है बारिश के पानी मे ★
बारिश का पानी बिल्कुल शुद्ध नही होता उसमें सोडियम, कैल्शियम और अमोनियम जैसे आयन होते हैं, तो अगर इनको पानी से किसी भी अभिक्रिया से अलग कर दें तो बिजली उत्पन्न की जा सकती है, वैज्ञानिकों ने ग्राफिन नामक मटेरियल का उपयोग किया.
वैज्ञानिकों ने इसके परीक्षण के लिए dye-sensitized solar cell की एक पतली परत पर graphene की परत चढ़ा कर उसको plastic और indium tin oxide के बीच में रखा गया और देखा कि ये सिस्टम सभी तरीके के मौसम में electricity generate करने में सक्षम था.
★ कैसे काम करता है बारिश के पानी का सोलर पैनल ★
जब बारिश का पानी इस सोलर प्लेट पर गिरता है तो सोडियम, कैल्शियम आदि के पॉजिटिव चार्ज कण ग्राफेन की पतली प्लेट पर चिपक जाती है, और इस तरीके से पॉजिटिव और निगेटिव दो लेयर बन जाती हैं और दोनों के बीच पोटेंशियल ऊर्जा अलग होने के कारण इलेक्ट्रॉन्स बहने करने शुरू हो जाते हैं जिससे करंट जेनेरेट होने लगता है और बिजली बननी शुरू हो जाती है जिसे बैटरी के जरिये जमा कर लिया जाता है.
हालांकि अभी ये तरीका पूरी तरके से कामयाब नही हो पाया है लेकिन काफी हद तक वैज्ञानिको ने सफलता पायी है और जैसे ही ये सफल हो जाएगा तब मार्किट में बहुत तेज़ी से सभी सोलर पैनल को हटाकर इनको लगाया जाएगा और नए तरीके के पैनल का इंस्टालेशन शुरू किया जायेगा और ऊर्जा की मांग बढ़ने के साथ ही उत्पादन भी बढ़ जाएगा.