जब बात आए फिटनेस और स्वास्थ्य की, तो ग्रीन-टी का नाम लगभग हर किसी की ज़ुबान पर आता है। पूरी दुनिया ग्रीन-टी को अपना रही है, क्योंकि इससे होने वाले फ़ायदे कुछ कम नहीं हैं। आज इस लेख के ज़रिए हम आपको ग्रीन-टी क्या है, ग्रीन-टी के फायदे और ग्रीन-टी बनाने की विधि और पीने के सही समय के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं।
वजन कम करने वालों का तो ये पसंदीदा पेय है. इसके अलावा स्किन की क्वालिटी सुधारने, मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने और लंबे समय तक एक्टिव बने रहने के लिए भी ग्रीन टी पीना फायदेमंद है. ग्रीन टी फायदेमंद है लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि आप एक के बाद एक कई कप ग्रीन टी पी जाएं. अगर आप फिटनेस के बारे में सोचते हैं और फिट रहने की कोशिश करते हैं तो हो न हो, ग्रीन टी जरूर पीते होंगे. बीते कुछ सालों में ग्रीन टी की लोकप्रियता काफी बढ़ी है.
Benefits Of Green Tea in Hindi
ग्रीन-टी में क्या लक्षण क्या होता है
इससे पहले की आप ग्रीन-टी के फायदे जानें, उससे पहले यह जानना ज़रूरी है कि ग्रीन-टी क्या है?
ग्रीन-टी को कैमेलिया साइनेन्सिस नामक पौधे से बनाया जाता है। इस पौधे की पत्तियों का उपयोग न सिर्फ ग्रीन-टी, बल्कि अन्य प्रकार की चाय बनाने में भी किया जाता है।
ग्रीन-टी के पौष्टिक तत्व:
ग्रीन-टी पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें कई ऐसे पौष्टिक तत्व हैं, जिनके बारे मे लोगों को ज्यादा जानकारी नही होती है। ग्रीन-टी में चीनी की मात्रा नही होने से इसमें कैलोरी नहीं होती है। ग्रीन-टी में फ्लेवेनॉल और कैटेकिन मौजूद होता है, जो एक तरह का पॉलीफेनोल (पोषक तत्व) होता है, इसके कई फायदे हैं।
एपीगैलोकैटेकिन-3-गैलेट:
नामक तत्व मौजूद रहते है और इसके कई लाभ है और उनमें से एक है शरीर में मेटाबॉलिक दर का बढ़ना और वज़न नियंत्रित रहना।
ग्रीन-टी में मौजूद यौगिक
- एमिनो एसिड व एंजाइम
- कार्बोहाइड्रेट
- मैग्नीशियम, कैल्शियम, मैंगनीज, लौह, क्रोमियम, तांबा व जिंक जैसे खनिजों की मात्रा
- विटामिन-बी 6,विटामिन-सी
- प्रोटीन
- थियनाइन
- मिनो एसिड
- इंडियन मेडिकल थैरेपी में ग्रीन-टी या हरी चाय काे काफी फायदेमंद माना जाता है।
- ग्रीन-टी से आपका ब्लड प्रैशर कंट्रोल होता है और साथ में चोट को सही करने, डाइजेशन को सही करने, दिल और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने में भी मदद मिलती है। ये चाय आपकी बॉडी के टेंपरेचर को भी मैनेज करती है। कई मेडिकेशन रिपोर्ट ये भी कहती हैं कि ये चाय आपको वजन घटाने में भी मदद करती है और मोटापा आज सभी के लाइफस्टाइल की बड़ी परेशानी बना हुआ है। इससे टाइप-2 शुगर, एल्जाइमर और कई और बीमारियों से दूर रहने में भी मदद मिलती है। कुल मिलाकर ये चाय आपके लिए काफी फायदेमंद हैं। ग्रीन टी आपकी फिटनेस के लिए भी काफी मदद गार है। इससे पुरानी बीमारियों से लड़ने में तो मदद मिलती ही है साथ में फिट रहने में भी ये चाय काफी मददगार है। ग्रीन टी रोज लेने से आपकी बहुत सी परेशानियां दूर हो सकती हैं और ये काफी फायदेमंद भी है।
वजन:
इसके रोजाना पीने से शरीर में वास कम होता है और पेट की चर्बी घटती है। इससे वजन घटता है।
बाल और दांत:
ग्रीन टी में शामिल ऑक्सीडेंट्स से बालों का गिरना कम होता है और दांत भी कीड़ा लगने से बचे रहते हैं। ग्रीन टी के इतने फायदे होने के कारण हमे नॉर्मल चाय की जगह इसका सेवन करना चाहिए।
शुगर और कोलेस्ट्रोल:
ग्रीन-टी से शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है और रोजाना सेवन से कोलेस्ट्रोल भी कम होता है।
ब्लड प्रैशर:
ग्रीन टी से ब्लड प्रैशर भी कंट्रोल रहता है और पीने वाली की बढ़ती उम्र भी कुछ हद तक कम होती है।
एंटी कैंसर:
ग्रीन टी के बारे में कम लोग जानते हैं कि ये कैंसर से भी बचाव रखने में मददगार है और हड्डियों को भी मजबूती देती है।
Green Tea ke Nuksan ग्रीन टी पीने के नुकसान
इसके साथ ही ग्रीन टी पीने का एक सही समय भी तय होना चाहिए, वरना ये नुकसानदेह भी हो सकता है. ग्रीन टी में कैफीन और टेनिन्स पाए जाते हैं, जो गैस्ट्रिक जूस को डाइल्यूट करके पेट को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके बहुत अधिक इस्तेमाल से चक्कर आने, उल्टी आने और गैस होने जैसी प्रॉब्लम हो सकती हैं.
भूख में कमी:
ग्रीन टी का अधिक सेवन करना आपकी भूख को कम कर सकता है, जिसे आप सही डाइट नहीं ले पाते और आपके शरीर को जरूरी मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिल पाते। इस तरह से आपका शरीर कमजोर हो सकता है।
गुर्दे की पथरी:
ग्रीन टी में पाया जाने वाला ऑक्जेलिक एसिड गुर्दे में पथरी बनने का कारण हो सकता है। इसके अलावा इसमें कैल्शियम, यूरिक एसिड, अमीनो एसिड और फास्फेट भी पाया जाता है जो ऑक्जेलिक एसिड के साथ मिलकर गुर्दे की पथरी के लिए जिम्मेदार होते हैं।
कैफीन:
कॉफी में कैफीन की उपस्थिति के बारे में तो आप जानते हैं, लेकिन ग्रीन टी में भी कैफीन मौजूद होता है। हालांकि ग्रीन टी में कैफीन की मात्रा कॉफी की अपेक्षा बहुत कम होती है, लेकिन दिनभर में ग्रीन टी का अत्यधिक सेवन इससे होने वाली खतरनाक बीमारियां पैदा कर सकता है। इससे आप पेट की समस्या, अनिद्रा, उल्टी, दस्त एवं अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के शिकार हो सकते हैं
गर्भावस्था में (Garbhwati Mahila ke Bhojan Chart):
गर्भवस्था में या फिर शिशु के जन्म के बाद भी ग्रीन टी का अत्यधिक सेवन आपको स्वास्थ्य लाभ की बजाए हानि दे सकता है। इसके ज्यादा सेवन से गर्भपात की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। दिन में दो कप से ज्यादा ग्रीन टी पीना गर्भवती महिलाओं के लिए कई तरह से खतरनाक हो सकता है।
आयरन की कमी:
भले ही जानने में यह अजीब लगे या फिर आपको यकीन न हो, लेकिन ग्रीन टी का अत्यधिक सेवन करने से आपके शरीर में लौह तत्वयानि आयरन की कमी हो सकती है। दरअसल ग्रीन टी में मौजूद टैनिन, खाद्य पदार्थों और पोषक तत्वों से होने वाले आयरन के अवशोषण में अवरोध उत्पन्न करता है।
ऑस्टियोपोरोसिस:
हालांकि ग्रीन टी और ऑस्टियोपोरोसिस का कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन ग्रीन टी को अधिक मात्रा में पीने से कैल्शियम की वह मात्रा बढ़ जाती है, जो यूरिन के माध्यम से शरीर के बाहर निकल जाती है। इस तरह से शरीर में कैल्शियम की अधिक कमी हो सकती है, जो ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों का कारण बनती है।