वर्तमान में कुछ शरीरिक समस्याओं का साथ चोली दामन की तरह हो गया है। जैसे ब्लड प्रेशर, शुगर, थाइरोइड, कोलेस्ट्रॉल आदि। और आज इसी कड़ी में हम जानेंगे खास से आम और आम से खतरनाक हो चुकी बढ़े कोलेस्ट्रॉल की समस्या की। कोलेस्ट्रॉल लीवर द्वारा बनाया जाने वाले वसा होता है। हमारे शरीर के ढंग से काम करने के लिए कोलेस्ट्रॉल का बनना ज़रूरी होता है। ब्लड में कोलेस्टेरॉल का स्तर कम ज़्यादा होने से तरह-तरह की बीमारियाँ घेर लेती हैं। कोलेस्ट्रॉल एक तरह का वसायुक्त तत्व है, जिसका उत्पादन लिवर करता है। यह कोशिकाओं की दीवारों, नर्वस सिस्टम के सुरक्षा कवच और हॉर्मोस के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। यह प्रोटीन के साथ मिलकर लिपोप्रोटीन बनाता है, जो फैट को खून में घुलने से रोकता है। हमारे शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल होते हैं-एचडीएल (हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन, अच्छा कोलेस्ट्रॉल) और एलडीएल (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन, बुरा कोलेस्ट्रॉल)। एचडीएल यानी अच्छा कोलेस्ट्रॉल काफी हलका होता है और यह ब्लड वेसेल्स में जमे फैट को अपने साथ बहा ले जाता है। बुरा कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल ज्यादा चिपचिपा और गाढा होता है। अगर इसकी मात्रा अधिक हो तो यह ब्लड वेसेल्स और आर्टरी में की दीवारों पर जम जाता है, जिससे खून के बहाव में रुकावट आती है। इसके बढने से हार्ट अटैक, हाई ब्लडप्रेशर और ओबेसिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कोलेस्ट्रॉल की जांच के लिए लिपिड प्रोफाइल नामक ब्लड टेस्ट कराया जाता है। किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में कुल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 मिग्रा./डीएल से कम, एचडीएल 60 मिग्रा./डीएल से अधिक और एलडीएल 100 मिग्रा./डीएल से कम होना चाहिए
कोलेस्ट्रॉल कितने प्रकार के होते है Type of Cholesterol In Hindi
कोलेस्टेरॉल दो तरह का होता है एकलो डेंसिटी लाइपोप्रोटीन (एलडीएल) दूसरा हाई डेंसिटी लाइपोप्रोटीन (एचडीएल) इसमें से हमारी एलडीएल सेहत के लिए बुरा होता है, जबकि एचडीएल होता है अच्छा
हाई कॉलेस्ट्रॉल के लक्षण क्या होता है
वज़न बढ़ना
शारीरिक मेहनत न करना
खान-पान में लापरवाही
जेनेटिक
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के सिम्पटम्स कुछ इस तरह होते है
हाई ब्लड प्रेशर
जल्दी थकान होना
जल्दी हाँफना
डायबिटीज़ के मरीज़ में शुगर लेवल बढ़ने से जब ख़ून गाढ़ा होना आदि
Cholesterol Kaise Kam Kare (कोलेस्ट्रॉल कम करने के तरीके )
एलोवेरा:
रोजाना खाली पेट 50 ग्राम एलोवेरा खाने सेकोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में किया जा सकता है
अंकुरित अनाज:
अंकुरित दालों को अगर दिल का दोस्त कहा जाए तो गलत नहीं होगा। अंकुरित दालों का रोजाना सेवन बुरे कोलेस्ट्रॉल को घटाता है। अपने दिन के खाने में कम से कम आधा कप बीन्स जैसे राजमा, चने, मूंग, सोयाबीन और उड़द को आप सूप, सलाद या सब्जी किसी भी रूप में ले सकते हैं।
ओट्स:
सुबह के समय नाश्ते में ओट्स खाना स्वस्थ दिन की शानदार शुरुआत है। 6 हफ्ते तक सुबह नाश्ते में प्रतिदिन ओट्स का दलिया लेने से एलडीएल को 5.3% तक घटा सकते हैं।
वाइन:
जो लोग वाइन पीने का शौक रखते हैं, वो अपना शौख बरकरार रखें। हफ्ते में 2 बार थोड़ी सी रेड ग्रेप वाइन पीना कोलेस्ट्रॉल को कम करने मे मदद करता है।
ग्रीन टी:
ग्रीन टी में कॉफी के मुकाबले काफी कम कैफीन पाई जाती है। साथ ही शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने और स्वस्थ रखने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट भी ग्रीन-टी में ज्यादा होते हैं।रोजाना ग्रीन-टी पीने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करना आसान हो जाता है।
मछली:
जो लोग मछली खाते हैं उनके लिए भी कोलेस्ट्रॉल को घटाना आसान है। दरअसल, हमारे शरीर को स्वस्थ फैटी एसिड और अमीनो एसिड की जरूरत होती है। शरीर को एनर्जी और विटामिन-डी देने के अलावा फिश में स्वस्थ फैटी एसिड और अमीनो एसिड भरपूर मात्रा में होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में उपयोगी हैं।
ड्राई फ्रूट्स:
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक सूखे मेवे खाना हमारी सेहत के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि इनमें प्रोटीन फाइबर और विटामिन-ई भरपूर मात्रा में होते हैं।साथ ही मेवों में स्वस्थ फैटी एसिड भी पाया जाता है जो केमिकल्स में प्रोसेस नहीं होता है और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में काफी असरदार है।तो अब बिंदास आप रोजाना एक मुट्ठी डॉयफ्रूइट्स खाएं।
मोटापा कम करें:
मोटापा कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के प्रमुख कारणों में से एक है। हाई कोलेस्टेरॉल का ख़तरा बढ़ने पर वज़न को बढ़ने मत दीजिए। अधिक मोटापा हाई कोलेस्टेरॉल के साथ साथ डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर का भी कारण होता है।
योग और व्यायाम करें:
योग और व्यायाम के लिए वज़न बढ़ने का इंतज़ार मत कीजिए। योग करने से रक्त संचार ठीक रहता है, हृदय रोगों से बचाता है, और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
लहसुन:
लहसुन कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी असरदार है। इससे खून का थक्का बनने की आशंका कम होती है, रक्तचाप कम होता है व संक्रमण से बचाव होता है। नए शोध के अनुसार लहसुन का नियमित सेवन धमनियों में प्लाक जमने से रोकता है। ताजे लहसुन की दो से चार कलियों का नियमित रूप से सेवन करें।
बींस
एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी पॉलीटेक्निक में हुए एक शोध में पाया गया कि सूप में आधा कप बींस मिलाना कुल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। एलडीएल में 8 % तक की कमी आती है। राजमा, काले व सफेद लोबिया में फाइबर की अधिकता कोलेस्ट्रॉल को सोखती है।
जैतून का तेल:
जैतून के तेल में हृदय के लिए लाभकारी मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं, जो एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं। जैतून के तेल से पेट की वसा कम होती है। इसे सलाद व फल-सब्जियों के ऊपर डाल कर खाएं।
मेवे:
यदि कोलेस्ट्रॉल कम करने की सोच रहे हैं तो मेवे खासतौर पर अखरोट का सेवन करें। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार अखरोट का नियमित सेवन एलडीएल के साथ कुल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। बादाम व काजू को भी शामिल करें। मेवों में कैलोरी की अधिकता होती है, इसलिए एक मुट्ठी मेवों का नियमित सेवन फायदेमंद रहेगा।
पालक:
पालक में ल्युटेन होता है। पीले रंग का यह पिग्मेंट हरी पत्तेदार सब्जियों व अंडे के पीले वाले हिस्से में पाया जाता है। उम्र बढ़ने के साथ आंखों में आने वाली कमजोरी को दूर करने में यह असरदार है। हालिया शोध कहते हैं कि पालक का सेवन धमनियों की परत को सुरक्षा प्रदान कर हृदयाघात से बचाता है। प्लाक जमने से रोकता है। छोटे पत्ते वाले ताजे पालक की पत्तियों को सलाद में इस्तेमाल करें या फिर माइक्रोवेव में कुछ देर पका कर डिश के ऊपर डाल कर खाएं।
चाय:
चाय को कैंसररोधी एंटीऑक्सीडेंट्स के कारण जाना जाता है, पर इसमें एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने वाले तत्व भी होते हैं। एक अध्ययन के अनुसार ब्लैक टी का तीन सप्ताह तक नियमित सेवन ब्लड लिपिड को 10 प्रतिशत तक कम कर देता है।