छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल के नाम से जाने जाना वाला स्टेशन को अंग्रेज सरकार ने विक्टोरिया टर्मिनल के नाम से 20 जून 1887 को बनवाना स्टार्ट किया था। इसे महारानी विक्टोरिया के सत्ता संभालने की गोल्डन जुबली(50 वर्ष पूरा होने) की याद में मुंबई (तब बॉम्बे) के बोरी बंदर इलाके में बनाया गया था। उस समय 16.13 लाख रुपए में बनकर तैयार हुआ था। यह यूनेस्को की विश्वविरासत सूची में शामिल है।
गोथिक शैली में हुआ निर्माण : विक्टोरिया टर्मिनल बिल्डिंग को बनाने में उस समय 16.13 लाख रुपए की लागत आई थी।
- इस भवन का निर्माण भारतीय वास्तुकला को ध्यान में रखते हुए गोथिक शैली में किया गया है। यह इंग्लिश के अक्षर ‘सी’ के आकार में संतुलित तथा योजनाबध्द तरीके से पूर्व और पश्चिम दिशा में बनाया गया है।
- इस बिल्डिंग का मुख्य आकर्षण इसका सेंट्रल गुंबद हैं, जिसके ऊपर ग्रोथ को दर्शाने वाली 16 फीट 6 इंच बड़ा स्टेच्यू लगा है।
- उस वक्त इस रेलवे स्टेशन में 6 प्लेटफार्मों का निर्माण किया गया, जिसकी लागत 10.4 लाख आई थी।
- साल 1929 में यहां प्लेटफार्म की संख्या बढ़ कर 13 हो गई। फिलहाल यहां कुल 18 प्लेटफार्म है।
- यहां से हर रोज 30 से ज्यादा यात्री सफर करते हैं। यहां पर सेंट्रल रेलवे का मुख्यालय भी है।
किस चीज़ों से बना है स्टेशन : इटेलियन मार्बल तथा पॉलिश्ड भारतीय ब्लू स्टोन से बनाया गया छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) में भारतीय और ब्रिटिश आर्किटेक्ट शैली की कुशल संगम दिखाई देता है। यहां के हर गेट पर एक शेर (ब्रिटेन का प्रतीक) तथा चीता (भारत का प्रतीक) दिखाई देता है। साथ ही यहां क्वीन विक्टोरिया की प्रतिमा भी स्थापित की गई थी जिसे आजादी के बाद हटा दिया गया।
. कुछ रोचक तथ्य स्टेशन के बारे मे :—-
मुंबई के बोरीबंद इलाके में बनाए जाने से इसे बोरीबंदर स्टेशन के नाम से जाना जाता था
- इसे महारानी विक्टोरिया के सत्ता संभालने की गोल्डन जुबली(50 वर्ष पूरा होने) की याद में मुंबई (तब बॉम्बे) के बोरी बंदर इलाके में बनाया गया था।
- ग्रेट इंडियन पेनिनस्यूला रेलवे द्वारा मई 1878 में शुरू किया गया था और यह 1888 में बनकर तैयार हो गया।
- सन् 1887 में महारानी विक्टोरिया के शासन की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस भवन का नाम ‘विक्टोरिया टर्मिनस’ रखा गया।
- इसे बनाने में 16.5 लाख रुपए खर्च हुए थे।
- सन् 1996 में इसका नाम विक्टोरिया टर्मिनस से बदलकर छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रखा गया।
हुआ था सबसे बड़ा आतंकी हमला :
- 2008 में मुंबई पर बड़ा आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में सबसे पहले सीएसटी को ही टार्गेट किया था।
- आतंकवादी अजमल कसाब और उसके साथियों ने यहां पर फायरिंग करने से 58 लोगों की मौत हुई थी।
- हमले की वजह से यह रेलवे स्टेशन पूरे वर्ल्ड में सुर्खियों में आया था।
फिल्मों में भी
अगर आपने आस्कर विजेता फिल्म देखी हो तो आपको याद होगा कि स्लमडॉग मिल्यनेर में सीएसटी को बार-बार दिखाया गया था।इसके अलावा सीआईडी और यही है बॉम्बे मेरी जान पिक्चर में भी दिखता है सीएसटी