शरद गोविंदराव पवार एक वरिष्ठ भारतीय राजनेता हैं जो नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के संस्थापक और अध्यक्ष भी हैं। वे तीन अलग-अलग समय पर महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। एक प्रभावशाली नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले शरद पवार केंद्र सरकार में भी रक्षा और कृषि मंत्री रह चुके हैं। वे पहले कांग्रेस पार्टी में थे पर सन 1999 में उन्होंने अपने राजनितिक दल ‘नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी’ की स्थापना की। वर्तमान में वे राज्यसभा से सांसद हैं और अपनी पार्टी का वहां नेत्रत्व कर रहे हैं। राष्ट्रिय राजनीति और महाराष्ट्र के क्षेत्रीय राजनीति में उनकी कड़ी पकड़ है।
★ शरद का प्रारंभिक जीवन : शरद गोविंदराव पवार का जन्म 12 दिसम्बर 1940 में महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था। उनके पिता का नाम गोविंदराव पवार था। जो बारामती के कृषक सहकारी संघ में कार्यरत थे और उनकी माता का नाम शारदाबाई पवार था। जो कातेवाड़ी (बारामती से 10 किलोमीटर दूर) में परिवार के फार्म का देख-रेख करती थीं।
● शरद का निजी जीवन : शरद पवार का विवाह पूर्व क्रिकेटर सदू शिंदे की बेटी प्रतिभा पवार से 1 अगस्त 1967 को हुआ। शरद और प्रतिभा पवार की एकमात्र संतान सुप्रिया सूले हैं। सुप्रिया फिलहाल महाराष्ट्र के बारामती से सांसद हैं। सुप्रिया सूले ने भी अपने पिता के मार्गदर्शन में राजनीति में उतरकर अपनी अलग पहचान बनाई है। पवार के भतीजे अजित अनंतराव पवार महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रिय हैं। शरद पवार के भाई वसंत पवार काफी समय तक शेतकारी कामगार पार्टी से जुड़े रहे। पवार को बचपन से ही राजनीति देखने और सामाजिक कार्य करने का मौका मिला।
★ शरद की पढ़ाई लिखाई : शरद पवार ने हाईस्कूल तक की शिक्षा बारामती के सरकारी स्कूल में पूरी की, इसके बाद वह आगे की पढ़ाई केलिए पुणे आ गए। इसी दौरान वह युवक कांग्रेस से सक्रिय रूप से जुड़े और यहीं से शुरू हुआ उनका राजनीतिक सफर। शरद पवार ने पुणे विश्वविद्यालय से सम्बद्ध ब्रिहन महाराष्ट्र कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स (BMCC) से पढ़ाई की।
★ यशवंतराव चव्हाण के मार्गदर्शन में शुरू की राजनीति : महाराष्ट्र के प्रथम मुख्यमंत्री तथा आधुनिक महाराष्ट्र के शिल्पकार यशवंतराव चव्हाण शरद पवार के राजनीतिक गुरू माने जाते हैं। यशवंतराव चव्हाण कांग्रेस के कद्दावर नेता थें। उनके ही मार्गदर्शन से ही शरद पवार पहले युवा कांग्रेस से और फिर कांग्रेस पार्टी में सक्रिय रूप से जुड़े। महाराष्ट्र में कांग्रेस के विकास के लिए किए गए काम के चलते शरद पवार की पहचान युवा कांग्रेस नेता के रुप में बनी।
★ खेल-कूद प्रशासन : राजनीति के साथ-साथ वे क्रिकेट प्रशासन से भी जुड़े हुए हैं। सन 2005 से 2008 तक भारतीय क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष और सन 2010 से 2012 तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट कौंसिल के भी अध्यक्ष थे। 2001 से 2010 तक वे मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष रह चुके हैं और जून 2015 में एक बार फिर उन्हें मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना गया।
शरद पवार कबड्डी, खो-खो, कुश्ती, फूटबाल और क्रिकेट जैसे खेलों में दिलचस्पी रखते हैं और इनके प्रशासन से भी जुड़े रहे हैं। वे नीचे दिए गए सभी संगठनों के मुखिया रह चुके हैं।
मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन
महाराष्ट्र कुश्ती एसोसिएशन
महाराष्ट्र कबड्डी एसोसिएशन
महाराष्ट्र खो-खो एसोसिएशन
महाराष्ट्र ओलंपिक्स एसोसिएशन
भारतीय क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् के उपाध्यक्ष
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् के अध्यक्ष
★ शरद का भी रहा है विवादों से पुराना नाता : शरद पवार के राजनितिक जीवन में समय-समय पर विभिन्न विवादों में उनका नाम आया। उनपर भ्रष्टाचार, अपराधियों को बचाने, स्टाम्प पेपर घोटाले, जमीन आवंटन विवाद जैसे मामलों कें शामिल होने का आरोप लगा। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार का नाम कई बार विवादों में भी रहा। अब्दुल करीम तेलगी ने शरद पवार को लगभग 600 अरब रुपए के स्टैंप घोटाले का मास्टरमाइंड बताया था। 2007 में गेहूं आयात में हुए हजारों करोड़ों की धांधली में बीजेपी ने तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार के इस्तीफे की मांग की। वर्ष 2009 में चीनी और 2011 में प्याज के दामों को लेकर भी शरद पवार को आरोपों का सामना करना पड़ा। शरद पवार पर आरोप लगा कि उन्होंने आयातकर्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए इन खाद्य सामग्रियों के दामों में वृद्धि की है।