हजारों वर्षों से हिजड़े भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहे हैं। हिजड़ा व्यक्ति वह है जो पुरुष के रूप में जन्म लेता है लेकिन महिला या थर्ड जेंडर के रूप में पहचाना जाता है।भारत में सभी ट्रांस व्यक्ति हिजड़ो के रूप में नहीं पहचाने जाते हैं। हालांकि कुछ धारणाओं के अनुसार ट्रांससेक्शुअल होना ही हिजड़ा होना है। दोनों पहचानों में अंतर होता है। कुछ हिजड़े अपने समुदाओं में एक साथ रहते हैं। वे महिलाओं की तरह कपड़े पहनते हैं। परंपरागत रूप से हिजड़ो ने कामुकता को पूरी तरह त्याग दिया है और समाज में उन्हें पवित्र रूप में देखा जाता है।आज भारत में हिजड़े कई तरह के भेदभावों का शिकार हैं। इनमें से कुछ सेक्स वर्कर के रूप में काम करते हैं क्योंकि उनके लिए रोजगार का कोई अन्य माध्यम मौजूद नहीं है। वे अक्सर कानून के हाथों या स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में अवहेलना का शिकार होते हैं।
ट्रांसजेंडर यानी जिनका ‘सेक्शुअल ऑर्गन’ और जेंडर अलग-अलग है. ऐसा शख़्स अपने शरीर में सहज नहीं होता है. ऐसा मुमकिन है कि लड़का बनकर जन्मा कोई शख़्स लड़की जैसा महसूस करे या लड़की के शरीर में जन्मा शख़्स लड़के जैसा महसूस करे.दरअसल लोग ‘ग़लत’ शरीर में पैदा नहीं होते. होता सिर्फ़ इतना है कि उनका असली जेंडर जन्म के वक़्त निर्धारित जेंडर से मेल नहीं खाता.
कोई ऐसा व्यक्ति जो पूरी तरह ना तो पुरुष होता है और ना ही महिला उन्हें तीसरे लिंग के रूप में मान्यता दी गई है। समलैंगिकों की तरह ट्रांसजेंडर की कोई लैंगिक अनुरूपता नहीं होती है। ट्रांसजेंडर व्यक्ति पुरुष और महिला दोनों की तरफ आकर्षित हो सकता है।ट्रांसजेंडर कोई स्टाइल नहीं है। यदि एक पुरुष महिलाओं के कपड़े पहनना पसंद करता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह ट्रांसजेंडर या हिजड़ा है। कुछ लोग अपने विपरीत लिंग के लोगों के कपड़े पहनते हैं लेकिन वे उस लिंग से नहीं पहचाने जाते हैं।
ट्रांसजेंडर की पहचान:-
1 – पेशाब करने का तरीका :- पैरेंट्स को ये समझना थोड़ा मुश्किल होता है कि उनका बच्चा अपने जेंडर की जगह दूसरे जेंडर का टॉयलेट (जब एक लड़का, पुरुषों की बजाय महिलाओं का टॉयलेट इस्तेमाल करना पसंद करता है) क्यों इस्तेमाल करना चाहता है? ये एक संकेत है जो आपको समझाने में मदद कर सकता है कि आपका बच्चा असल में ट्रांसजेंडर है। अगर आपका बच्चा आपसे कहें कि वो उस टॉयलेट को इस्तेमाल करने में सहज नहीं है। जहां उसके पैरेंट्स चाहते थे कि वो इस्तेमाल करें और इस वजह से उसके कपड़े गंदे हो गए, तो आपको समझने में देर नहीं लगानी चाहिए।
2 – समान जेंडर में दिलचस्पी न होना :– बचपन में लड़कियों का ट्रक्स और बस और लड़कों का गुडि़यों के साथ खेलना एक आम बात है। लेकिन खेलते समय आपके बच्चें कि गतिविधियां बहुत महत्वपूर्ण होती है आपको इस ओर ध्यान देने की जरुरत है कि क्या वो अपने जेंडर एक्टिविटीज को लेकर दिल चस्पी दिखाते है या नहीं। उदाहरण के लिए अगर कोई लड़का गुडि़यों के साथ खेलते हुए लड़कियों की तरह हरकते करता है जैसे उसका मेकअप करना और उसे अपने पास लेकर सोना।
3:- बातचीत करने के तरीक पर दें ध्यान :- अक्सर बातचीत के तरीके पर गौर करके भी आप किसी भी चीज को आसानी से पकड़ सकते हैं। ऐसा ही बदलाव बच्चों में होता है। जानकार के मुताबिक इसके अलावा आप बच्चों के बात करने के तरीके से भी मालूम कर सकते हैं।आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बोलते वक्त आपके बच्चे किस तरीके से बात कर रहे हैं। जैसे कि एक ट्रांसजेंडर बच्चा हमेशा यह कहता है कि काश वह एक लड़की होता।
4:- क्रोसड्रेसिंग करना:- ट्रांसजेंडर लड़कियों के कपड़े पहनने मे ज्यादा रुचि दिखाते है। वे या तो इसको अकेले या किसी ऐसे जगह मे करते है जहाँ उन्हें कोई देख नही सकता ।ऐसे लोग अपने घर मे माँ, बहनों, या किसी महिला मित्र के कपड़े पहनने के शौक रखते है ।उनके साड़ी, सूट सलवार,आदि महिला वस्त्र पहनने की शौकीन होते है।