चूल्हा मिट्टी का मिट्टी तालाब की तालाब ठाकुर का। भूख रोटी की रोटी बाजरे की बाजरा खेत का खेत ठाकुर का। बैल ठाकुर का हल ठाकुर का हल की मूठ पर हथेली अपनी फ़सल ठाकुर की। कुआँ ठाकुर का पानी ठाकुर का खेत-खलिहान ठाकुर के गली-मुहल्ले ठाकुर के फिर अपना क्या? गाँव? शहर? देश?

वे भूखे हैं पर आदमी का मांस नहीं खाते प्यासे हैं पर लहू नहीं पीते नंगे हैं पर दूसरों को नंगा नहीं करते उनके सिर पर छत नहीं है पर दूसरों के लिए छत बनाते हैं।