ऐसे रिश्ते का भरम रखना कोई खेल नहीं तेरा होना भी नहीं और तेरा कहलाना भी
दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता तुम को भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता
तलब की राह में पाने से पहले खोना पड़ता है बड़े सौदे नज़र में हों तो छोटा होना पड़ता है
जुबां देता है जो ए दर्द तेरी बेज़ुबानी को उसी आंसू को फिर आँखों से बाहर होना पड़ता है
मोहब्बत ज़िन्दगी के फैसलों से लड़ नहीं सकती किसी को खोना पड़ता है किसी का होना पड़ता है
ये एहतियाते मोहब्बत तो जी नहीं जाती के तेरी बात तुझसे कही नहीं जाती
तेरी निगाह भी कैसी अजब कहानी है मेरे अलावा किसी से पढ़ी नहीं जाती
तुझे पता है सूरज तेरे इलाके में कही कही तो कभी रोशनी नहीं जाती
अजब मिजाज है इन खानदानी लोगों का तबाह हो के भी दरियादिली नहीं जाती
क्या दुःख है, समंदर को बता भी नहीं सकता आँसू की तरह आँख तक आ भी नहीं सकता
तू छोड़ रहा है, तो ख़ता इसमें तेरी क्या हर शख्स मेरा साथ, निभा भी नहीं सकता
प्यासे रहे जाते हैं जमाने के सवालात किसके लिए जिन्दा हूँ, बता भी नहीं सकता
घर ढूंढ रहे हैं मेरा , रातों के पुजारी मैं हूँ कि चरागों को बुझा भी नहीं सकता
वैसे तो एक आँसू ही बहा के मुझे ले जाए ऐसे कोई तूफ़ान हिला भी नहीं सकता
आते-आते मेरा नाम सा रह गया उस के होंठों पे कुछ काँपता रह गया
वो मेरे सामने ही गया और मैं रास्ते की तरह देखता रह गया
झूठ वाले कहीं से कहीं बढ़ गये और मैं था कि सच बोलता रह गया
आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे ये दिया कैसे जलता रह गया
उसूलों पे जहाँ आँच आये टकराना ज़रूरी है जो ज़िन्दा हों तो फिर ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है