नदी के पास में घर गमो का पाला है खबर मिली है के सैलाब आने वाला है कोई बाला मेरे पास नहीं आ सकती मेरी माँ ने मुझे गमो में पाला है

घड़ी भर भी मुझे तन्हा कभी होने नहीं देते ये मेरे चाहने वाले मुझे सोने नहीं देते। मेरे सर पर मेरी माँ की दुवाओं के जो साये हैं सफर में ये कभी हादसा होने नहीं देते ।

“राख हो जाये गए आग लगाने वाले राम के देश में सीता को जलने वाले याद हमें आते है वो हमें टीपू सुल्तान खून से अपने चरागों को जलने वाले“

हमने वतन के वास्ते क्या क्या नहीं किया और आप कह रहे हैं कि क्या-क्या नहीं किया हमने धोखा वफा की राह में खाए हैं जरूर लेकिन किसी के साथ में धोखा नहीं किया हमने गुज़ार दी फकीरी में ज़िंदगी लेकिन कभी ज़मीर का सौदा नहीं किया दिल को जला के दी है ज़माने को रोशनी जुगनू पकड़ के हमने उजाला नहीं किया

हरगिज़ गलत निगाह से  परखा न कर मुझे, मैं तेरा हो चुका हूं सोचा न कर मुझे, तनहाइयों में बैठकर तन्हा न कर मुझे, मैं घुट कर न मर जाऊं ऐसा न कर मुझे, तू मुझको भूल जाए मुझे इसका गम नहीं, लेकिन खुदा के वास्ते रुसवा न कर मुझे, एजाज तेरे इश्क में बीमार हो गया, तेरा मरीज ए इश्क हूं अच्छा न कर मुझे,