यूं तो हमारे शरीर के लिए सभी विटामिन्स का अपना-अपना महत्व है, लेकिन उनमें कुछ की खास भूमिका होती है। ऐसे विटामिन्स में एक प्रमुख है विटामिन ई। चाहे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनाए रखने की बात हो या शरीर को एलर्जी से बचाए रखने की या फिर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में प्रमुख भूमिका निभाने की, यह विटामिन बहुत जी जरूरी होता है। विटामिन ई हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है। विटामिन ई वसा में घुलनशील विटामिन है। यह एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी कार्य करता है। इसके आठ अलग-अलग रूप होते हैं। कोशिकाएं एक दूसरे से इंटरएक्ट करने में विटामिन ई का उपयोग करती हैं और कई महत्वपूर्ण कार्य करती हैं।विटामिन ई मनुष्य की स्मृति क्षमता को बढ़ाता है और अनेक बीमारियों से रक्षा भी करता है I यह कोशिकाओं को मजबूत बनाने के साथ -साथ हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि करता है। आंखों के लिए विटामिन ई सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है I विटामिन ई का सेवन करने वाले लोगों में इसका सेवन न करने वालों की अपेक्षा मोतियाबिंद की शिकायत कम होती है। विटामिन ई आपकी त्वचा को जवान रखने में भी सहायक होता है।
विटामिन ई की कमी के लक्षण:-
बाल तेज़ी से झड़ना शुरू हो जाते हैं। इतना ही नहीं बल्कि बाल फ़्रिज़ी हो जाते हैं और उनमें चमक नहीं रह जाती।
पैरों की हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं जिससे कि अक्सर पैरों में दर्द रहता है।
नर्वस सिस्टम बुरी तरीक़े से प्रभावित होता है। हाथ पैरो की नसों में सुन्न होने की समस्या आ जाती है। कभी कभी तो अपने अंग को महसूस कर पाना भी मुश्किल होता है।
टिशूज़ की क्रियाविधि प्रभावित होती है।कोशिकाएं रिकवर करने में असक्षम होती हैं और नई कोशिकाओं का भी निर्माण ढंग से नहीं हो पाता है।
त्वचा पर दाग़ धब्बे हो जाते हैं और मुँहासे भी निकलने लगते हैं।
पाचन संबंधी समस्याएं हो जाती हैं।आँतों की दीवारें भी ख़ुश्क हो जाती हैं जिससे कि कब्ज की समस्या हो जाती है। इसके अलावा कोशिकाएं भोजन से आवश्यक पोषक तत्वों का अवशोषण भी नहीं कर पाती हैं जिससे कि शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।
” विटामिन ई की कमी से होने वाले रोग”
प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है:– जैसा कि हम सभी जानते हैं कि प्रजनन क्षमता के लिए विटामिन ई अति आवश्यक होता है। यदि शरीर में विटामिन ई की कमी हो जाती है तो फर्टिलिटी में कमी आ जाती है। पुरुषों में विटामिन ई की कमी के कारण पर्याप्त शुक्राणुओं का निर्माण नहीं हो पाता है
मांसपेशियां कमज़ोर :- विटामिन ई की कमी के कारण मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं जिससे कि शरीर में ऐंठन वा दर्द की समस्या हो जाती है।
त्वचा की समस्याएँ:– विटामिन ई हमारी त्वचा को मेंटेन रखने में काफ़ी मदद करता है। विटामिन ई त्वचा को नया निखार और चमक देता है। अगर शरीर में विटामिन ई की कमी हो जाती है तो ऐसे में त्वचा अपनी चमक और निखार खो देती है।
एनीमिया :– अगर शरीर में विटामिन ई का स्तर घट जाता है तो शरीर में मौजूद रक़्त का स्तर भी कम होने लगता है। जब शरीर में हद से ज़्यादा रक्त की कमी हो जाती है तो ऐसे में एनीमिया की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
कैंसर :- शरीर में विटामिन ई की कमी से कैंसर जैसी भयानक बीमारी का ख़तरा बढ़ जाता है। जी हाँ, यह बहुत ही साधारण सी बात लगती है कि जब हमारे शरीर में विटामिन ई की कमी हो जाए लेकिन आप देख सकते हैं कि इसका परिणाम कितना भयानक है।
आँखों से संबंधित समस्याएं:- शरीर में विटामिन ई की कमी होने से आँखों से संबंधित समस्याएं हो जाती हैं।विटामिन ई की कमी के कारण नाइट ब्लाइंडनेस या रात का अंधापन व अन्य दृष्टि दोष भी हो जाते हैं। पीड़ित व्यक्ति चीज़ों को सही से देख पाने में असमर्थ होता है। उसे चीज़ें धुँधली दिखाई देती हैं।
विटामिन ई के स्त्रोत
अंडे, सूखे मेवे, बादाम और अखरोट, सूरजमुखी के बीज, हरी पत्तेदार सब्जियां, शकरकंद, सरसों, शलजम, एवोकेडो, ब्रोकली, कड लीवर ऑयल, आम, पपीता, कद्दू, पॉपकार्न।
“विटामिन ई के मुख्य स्त्रोत:
बादाम :- विटामिन ई मुख्य रूप से बादाम में पाया जाता है, जो कि इसका सबसे अच्छा स्त्रोत है।
मूंगफली:- मूंगफली में भी विटामिन ई प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
अखरोट:- अखरोट का सेवन करने से भी आप विटामिन ई प्राप्त कर सकते हैं।
सूरजमुखी का तेल:- विटामिन ई सूरजमुखी के तेल में भरपूर मात्रा में पाया जाता है I यह विटामिन ई की पूर्ति के लिए एक कारगर खाद्य है
गेहूं , सोयाबीन और मक्का:- कई अनाज जैसे गेहूं , मक्के और सोयाबीन में भी विटामिन ई होता है ।
सब्जियाँ और अंडा:- हरी और पत्तेदार सब्जियां, शलजम ,टमाटर ,अंडा, शकरकंद आदि में भी विटामिन ई अच्छी मात्रा में पाया जाता है।