किसी भी समाज के विकास का सीधा सम्बन्ध उस समाज की महिलाओं के विकास से जुड़ा होता है | महिलाओं के विकास के बिना व्यक्ति, परिवार और समाज के विकास की कल्पना भी नही की जा सकती है | महिलाएं आज हर फील्ड में अपना अलग मुकाम बनाने में सफल हो रही है। पुरुषों से कंधों से कंधे मिलाकर चल रही है। दुनियाभर में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा कई महत्चपूर्ण कदम उठाए गए हैं, कई योजनाएं खासकर महिलाओं के लिए लागू किया गया है। जैसे :- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, उज्ज्वला योजना, सुकन्या समृद्धि योजना और कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय योजना आदि की शुरुआत की है | ये योजनाएं कमजोर और पीड़ित महिलाओं को आवाज उठाने में मदद कर रही हैं। मोदी सरकार ने भी महिलाओं के मुद्दों और देश की अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को मान्यता दी है। तो आइए जानते हैं सरकार की इन योजनाओं के बारे में।
1- महिलाओं के लिए प्रशिक्षण और रोजगार कार्यक्रम :—–
इस योजना की शुरुआत 1986-87 में एक केन्द्रीय योजना के रूप में की गयी थी। इस योजना को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के माध्यम से चलाया जा रहा है । योजना का मुख्य उद्येश्य महिलाओं का कौशल विकास कराकर उनको इस लायक बनाना है कि वे स्व-रोजगार या उद्यमी बनने का हुनर प्राप्त कर सकें । इस योजना का मुख्य लक्ष्य 16 वर्ष या उससे अधिक की लड़कियों/महिलाओं का कौशल विकास करना है । इस योजना के तहत अनुदान सीधे राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को न देकर संस्था/संगठन यहाँ तक कि गैर सरकारी संगठन को सीधे ही पहुँचाया जाता है ।
2- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना :–
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से कमजोर वर्ग के परिवारों खासकर महिलाओं को बहुत राहत मिली है। इसे 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में लॉन्च किया गया था।
इस योजना के तहत सरकार गरीबी रेखा (BPL) से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को घरेलू रसोई गैस (एलपीजी (LPG) गैस) का कनेक्शन देती है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) केंद्र सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सहयोग से चलाई जा रही है। सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत अगले तीन सालों में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली 5 करोड़ से अधिक महिलाओं को नए एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए 8000 करोड़ रुपये को मंज़ूरी दी है।
इस योजना में केंद्र सरकारी तेल कंपनियों को प्रति कनेक्शन 1,600 रुपए की सब्सिडी देती है। यह सब्सिडी सिलेंडर की जमानत और फिटिंग शुल्क के लिए होती है।
3- वन स्टॉप सेंटर :–
यह योजना 1 अप्रैल 2015 को शुरू की गई है। यह निर्भया; फंड से लागू हुई है। यह योजना उन महिलाओं को शरण देती हैं जो किसी तरह की हिंसा का शिकार हुई हैं। इसके तहत पुलिस डेस्क, कानूनी, मेडिकल सर्विस देने का काम किया जाता है।
4 -महिला ई-हाट:–
इसके लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक मंच तैयार किया है जिसके माध्यम से महिलाएं अपने हुनर के जरिए कमाई भी कर सकती हैं। इस योजना के तहत घर पर रहने वाली महिलाओं को आर्थिक तौर पर मज़बूत करना है। ई-हाट की मदद से कोई भी महिला ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर अपना बिजनेस शुरू कर सकती है। सरकार इसका कोई चार्ज भी आप नहीं लेती है।
5- महिला शक्ति केंद्र योजना:—
यह योजना महिलाओं के सरंक्षण और सशक्तिकरण के लिए उंब्रेला स्कीम मिशन के तहत महिला एवं बाल विकास द्वारा 2017 में संचालित की गई थी। महिला शक्ति केंद्र योजना के तहत,आंगनवाड़ी केंद्र जिले के हर गांव में महिला शक्ति केंद्र का रूप लेगा। इन केन्द्रों के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को केंद्र सरकार से जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी, ट्रेनिंग और सामुदायिक भागीदारी के जरिए क्षमता विकास पर जोर दिया जाएगा।
6- स्वाधार घर योजना:—
इस योजना को 2001-02 में शुरू किया गया था। इस योजना को ‘महिला एवं बाल विकास मंत्रालय’ के माध्यम से चलाया जा रहा है । इस योजना का उद्देश्य वेश्यावृत्ति से मुक्त महिलाओं, रिहा कैदी, विधवाओं, तस्करी से पीड़ित महिलाओं, प्राकृतिक आपदाओं, मानसिक रूप से विकलांग और बेसहारा महिलाओं के पुनर्वास की व्यवस्था करना है। इस योजना के अंतर्गत विधवा महिलाओं के भोजन और आश्रय, तलाक शुदा महिलाओं को कानूनी परामर्श, चिकित्सा सुविधाओं और महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसी सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं। इस योजना के माध्यम से महिलाओं को अपना जीवन फिर से शुरू करने के लिए शारीरिक और मानसिक मजबूती प्रदान की जाती है ताकि वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकें|
7- वर्किंग वुमन हॉस्टल:—
इस योजना का उद्देश्य है काम करने करने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित आवास असानी से उपलब्ध कराना। जहां पर उनके बच्चों के देखभाल की सुविधा और जरुरत की हर चीज आसपास उपलब्ध हो। यह योजना शहरी, सेमी अरबन और ग्रामीण सभी जगह पर उपलब्ध है जहां पर महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर मौजूद है।