पूरी दुनिया चमत्कारों से भरी पड़ी है, दुनिया में कई ऐसे रहस्य है जिनके बारे में पता लगाना काफी मुस्किल है ऐसे ही रहस्यमी देशो में एक देश है मिश्र जो अपनी पिरामिड ,मम्मी, और फराहो के लिए जाना जाता है यह देश अपने साथ कई रहस्यो को आज भी जिन्दा रखा है जिनके बारे में पता लगाना मुश्किल है हलकी वैज्ञानिक इसके बारे में लम्बे समय से शोध कर रहे है पैर इसके बारे में पता नहीं लगा सके है , आज हम मिश्र के प्राचीन सभ्यता और इतिहास के बारे में जा तरहे जिनके बारे लोगो को बहुत ही कम पता होगा
कौन थे पिरामिड बनाने वाले मजदूर :
बहुत लोगो का ये मानना है की मिश्र की पिरामिड गुलामो के द्वारा बनवाया गया था , हलाकि ये दावा गलत था ये मजदूर गुलाम नहीं थे इन्होने पिरामिड बनाने के लिए मजदूरी लिए थे और ये मजदूर सगठित मजदूर थे और दुनिया के ऐसे पहले मजदूर थे जो अपने बेतन के लिया हडताल करते थे .
मम्मी बनाने के दौरान दिल नहीं निकला जाता था :
मम्मी बनाने के दौरान सभी अंगो को शारीर से बहार निकल लिए जाते थे , मुर्दों के दिमाग को नाक के मद्धम से निकाला जाता था और सभी अंगो को एक उपकरण में रख दिया जाता था पर दिल को शारीर में ही रहने दिया जाता था क्योकि ये लोग दिल को आत्मा का प्रतिक मानते थे
नौकरों और नाई को भी राजा के साथ दफनाया जाता था :
प्राचीन मिश्र में जब कोई राजा मर जाता था तो उसके साथ उसकी जरुरत के सभी बस्तुवो के साथ साथ उसके नौकर और नाई को भी दफनाये जाता था नौकर और नाई को सर पे हौथोडा मर के बेहोश कर दिया जाता था और उसके राजा के साथ दफना दिया जाता था
आजाद थी मिश्र की महिलाये :
प्राचीन मिश्र में औरतो को बहुत आज़ादी थे इनका समाज में काफी मान मर्यादा था वो अपनी मर्जी से किसी से भी शादी कर सकती थे और त्तालक दे सकती थी और अपनी मान से किसी और से शादी कर सकती थे | ये महिलाये शादी से पहले कॉन्ट्रैक्ट भी कर सकती थीं, जिसमें वह शादी में लाई गई वस्तुओं के बारे में अपने विचार रख सकती थीं. मिश्र के औरते जमीन खरीद और बेच सकती थी और जज भी बन सकती थे और घर से बहार काम कर सकती थे और उन्हें समान बेतन मिलता था
बिल्लियों से था खास लगाव :
प्राचीन मिश्र में लोगो को बिल्लिवो से एक अनोखा लगवो था बिलिया से इनका लगाव काफी अहम् था जब कोई पालतू बिली मर जाती तो ये अपनी भावों को हटा देते और बिल्ली को एक चूहे और दूध के साथ मम्मी बना कर दफना देते थे . अगर कोई बिलिवो को मरता था तो उसे मौत के सजा सुनाई जाती थी
पहला गर्भरोधक देश है मिश्र :
प्राचीन मिश्र में लोग गर्भरोधक दवाई बनाने के लिए मिट्टी, शहद और मगरमच्छ का गोबर को इस्तेमाल करते थे इन तीनो का मिश्रण बना के महिला के योनी में डाल दिया जाता था ताकि महिला गर्भवती नहीं हो इनका मानना था की मगरमच्छ का गोबर एसिडिक होता है जो शुक्राड़ो को मारता है
मिश्र के अधिकतर लोग इसाई थे :
सन 400 से लेकर 800 ले बीच अधिकतर लोगो ने इसाई धर्म अपना लिया था और उनकी भाषा थी कॉप्टिक, लेकिन 11वी सदी के मध्ये में मुसलमानों के हमले के बाद बहुत लोगो ने इस्लाम क़ुबूल कर लिया और कॉप्टिक भाषा की जगह अरबी भाषा ने ले ली
गणित के जानकार थे मिश्र के लोग :
मिश्र के लोगो दुनिया के पहले ऐसे लोग थे जो अपनी खेतो को मापना शुरू किया और खेतो में डरेर लगाना शुरू किया ताकि पाने खेतो को पहचाना जा सके | मिश्र के निवासी गणित में काफी तेज़ थे उनके द्वारा बनाई गई संरचनाओं से यह साबित होता है कि गणित और वास्तु कला में वो बहुत तेज़ और निपुण थे.
प्राचीन मिस्र के डॉक्टर :
प्राचीन मिश्र में काफी निपुड डॉक्टर थे इतिहासकार हेरोडोटस के अनुसार, प्राचीन मिस्र में एक चिकित्सक एक ही बीमारी का विशेषज्ञ था और उससे सम्बंधित इलाज ही करता था. हरेक इलाज़ के लिए अलग अलग डॉक्टर होते थे
365 दिनों वाला कैलंडर के खोज:
साल में 365 दीन होते है इसका खोज मिश्र के लोगो ने किया था
शादी में अगुठी का आदान प्रदान :
मिश्र के निवासियो ने सबसे पहले शादियो में अगुठी के आदान प्रदान की शुरुवात की थी