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विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई)

विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई)

Posted on April 23, 2019April 8, 2024 By admin

एक आम और प्रसिद्ध कहावत है कि “स्वास्थ्य धन है”. अच्छा स्वास्थ्य किसी भी व्यक्ति का मानसिक, शारीरिक और सामाजिक कल्याण की भावना है न कि केवल बीमारियों से मुक्त होना.हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस दुनिया भर में धूम्रपान करने के प्रभाव, तंबाकू चबाने और इससे उत्पन्न हुई बीमारियां जैसे कि कैंसर, दिल की बीमारियां, आदि के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए 31 मई को मनाया जाता है. इस दिन तंबाकू के उपयोग से जुड़े स्वास्थ्य समस्याओं और अन्य पैदा हुए खतरों पर ज़ोर दिया जाता है. साथ ही तंबाकू की खपत को कम करने के लिए प्रभावी नीतियों को भी सरकार द्वारा बनाया जाता है.

वर्ष 1987 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सदस्य राज्यों ने तंबाकू महामारी, इसके रोकथाम और इससे होने वाली मौत और बीमारीयों के कारण वैश्विक तौर पर ध्यान आकर्षित करने के लिए विश्व निषेध तंबाकू दिवस मनाने का फैसला लिया.15 मई 1987 को वर्ल्ड हेल्थ असेंबली ने 7 अप्रैल 1988 को ” विश्व धूम्रपान निषेध दिवस” के लिए एक प्रस्ताव पारित किया. इस तारीख को इसलिए चुना गया क्योंकि यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की 40वीं वर्षगांठ थी.इसके अलावा 1988 में हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने के लिए 31 मई को एक और प्रस्ताव पारित किया गया था और तब से 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाने लगा। स्वास्थ्य पर तंबाकू के बुरे प्रभावों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए इस दिन कई अभियान, कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाती हैं. हम सभी जानते हैं कि तंबाकू या अन्य ऐसे उत्पादों को खाने से कुछ समय तक खुशी मिलती है, अच्छा लगता है, लेकिन यह धीर- धीरे जीवन से दूर ले जाता है. ऐसा भी हो सकता है कि तंबाकू चबाने के बाद एक व्यक्ति थोड़ी देर के लिए ऊर्जावान महसूस करे लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता होगा? इसके सेवन से एक प्रकार की लत लग जाती है और आप इसी में जकड़ कर रह जाते हैं जिससे निकलना मुश्किल हो जाता है लेकिन नामुमकिन नहीं.

आईएएनएस के अनुसार आंकड़े बताते हैं कि देशभर में करीब 2739 लोग तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के कारण कैंसर व अन्य बीमारियों से हर रोज दम तोड़ देते हैं. वहीं मध्यप्रदेश में यह आंकड़ा करीब 348 है. वायस ऑफ टोबेको विक्टिम्स (वीओटीवी) के पैट्रन व कैंसर सर्जन डॉ़ टी़पी़ साहू ने आईएएनएस को बताया कि ‘दुनिया में कार्डियो-वेस्कुलर से होने वाली मौत और अक्षमता की रोकथाम के लिए तंबाकू पर रोक सबसे कारगर है. धूम्रपान से हृदय रोग का खतरा बढ़ता है साथ ही तंबाकू का धुआं रहित रूप भी समान रूप से हानिकारक है.

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2018: थीम

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस – 2018 का थीम “तंबाकू और हृदय रोग” है. इस बार का थीम कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य (cardiovascular health) पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

WHO के अनुसार इस पर आधारित अभियान जागरूकता बढ़ाएगा:

  • तंबाकू और दिल और अन्य कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों (CVD) के बीच संबंध जिसमें स्ट्रोक भी है और जो संयुक्त रूप से विश्व मैं होने वाली मौतों का प्रमुख कारण हैं.
  • सरकारों और जनता समेत प्रमुख दर्शकों के व्यवहार्य कार्यों और उपायों, तंबाकू द्वारा उत्पन्न हृदय सम्बंधित स्वास्थ्य समस्याओं को कम करना है.
  • तंबाकू की मांग को कम करने के लिए लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रस्तावित प्रभावी हस्तक्षेप के रूप में एमपावर उपायों का अनुपालन करने की दिशा में भारत ने निम्नलिखित उपाय अपनाएं है:
  • तंबाकू उत्पादों के पैकेट के दोनों ओर (किनारों) पर पचासी प्रतिशत बड़े सचित्र चेतावनी मानदंडों का पालन करना। अब 1 सितंबर 2018 से सभी तंबाकू उत्पादों के पैकेटों पर विशिष्ट सचित्र स्वास्थ्य चेतावनियों के नए सेट का उपयोग किया जाएगा;

जीएटीएस के दूसरे दौर का संचालन;

राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के विस्तार के लिए बारहवीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत अधिक निवेश;

धुंआ रहित तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध;

तंबाकू मुक्त फिल्म और टेलीविजन नीति का क्रियान्वयन और;

डब्ल्यूएचओ और आईटीयू (अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ) की सहभागिता में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने राष्ट्रीय टोल फ्री तंबाकू क्विटलाइन और एमसेसेशन सेवाओं की शुरूआत से सेसेशन सेवाओं को सुदृढ़ बनाया।

डबल्यूएचओ और इसके सदस्य राज्यों सहित गैर-सरकारी और सरकारी संगठनों के द्वारा वार्षिक आधार पर विश्व तंबाकू निषेध दिवस आयोजित किया जाता है। कुछ क्रिया-कलाप इस दिन को मनाने के लिये किया जाता है वो हैं, सार्वजनिक मार्च, प्रदर्शनी कार्क्रम, बड़े बैनर लगाना, शिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से विज्ञापन अभियान, धुम्रपान रोकने और छोड़ने के लिये आम जनता से सीधा संवाद, शामिल अभियानकर्ताओं के लिये सभा आयोजित करना, मार्च, लोगों के बीच बहस, तंबाकू निषेध क्रिया-कलाप, लोक-कला, स्वास्थ्य कैंप, रैली और परेड, खास क्षेत्रों में तंबाकू को प्रतिबंधित करने के लिये नये कानूनों को लागू करना और भी बहुत सारी गतिविधियाँ हो सकती है जो देश को तंबाकू मुक्त बनाने में सहायक होगी। इसे सार्वजनिक या आधिकारिक अवकाश के तौर पर घोषित नहीं किया गया है हालाँकि, इसे ढ़ेर सारी प्रभावशाली मुहिमों के साथ मनाया जाता है।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर डबल्यूएचओ द्वारा उठाये गये कदम / घटनाक्रम

विश्व स्तर पर विभिन्न दूसरे स्वास्थ्य जागरुकता अभियानों और विश्व तंबाकू निषेध दिवस कहे जाने वाले कार्यक्रम के स्थापना के द्वारा तंबाकू या इसके उत्पादों के इस्तेमाल को रोकने या घटाने में डबल्यूएचओ ने कई कदम उठाये हैं। तंबाकू सेवन नहीं करने की ओर डबल्यूएचओ के द्वारा कुछ खास कदम उठाये गये जो यहाँ दिये गये है वो इस प्रकार है-

तंबाकू के इस्तेमाल को छोड़ने या कम करने के लिये पूरे विश्व में तंबाकू इस्तेमाल करने वालो को जागरुक और निवेदन करने के लक्ष्य को लेकर इसके 40वीं वर्षगाँठ पर 1988 में 7 अप्रैल को “विश्व तंबाकू निषेध दिवस” कहे जाने वाले एक कार्यक्रम को मनाने के लिये 1987 में डबल्यूएचए40.38 के नाम से डबल्यूएचओ ने प्रस्ताव पास किया था।

हर वर्ष 31 मई को वार्षिक तौर पर विश्व तंबाकू निषेध दिवस कहे जाने वाले एक कार्यक्रम को मनाने के लिये 1988 में डबल्यूएचए42.19 कहे जाने वाले एक दूसरे प्रस्ताव को डबल्यूएचओ ने पास किया था। विभिन्न कार्यक्रमों और तंबाकू संबंधित विषयों को आयोजित करने के द्वारा इसने भी उत्सव को समर्थन दिया।

तंबाकू इस्तेमाल के वैश्विक स्वास्थ्य समस्याओं की ओर लोगों का ध्यान खींचने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय संसाधनों पर ध्यान केन्द्रित करने के लक्ष्य लिये 1998 में तंबाकू मुक्त पहल (टीएफआई) के नाम से एक दूसरे कार्यक्रम की स्थापना डबल्यूएचओ ने की थी। प्रभावशाली तंबाकू नियंत्रण के लिये वैश्विक तौर पर लोगों के लिये स्वास्थ्य नीतियों को बनाने में इसने मदद की है, समाज में लोगों को प्रोत्साहन दिया है आदि।

तंबाकू के अंत के लिये नीतियों को लागू करने के समझौते के रुप में 2003 में वैश्विक तौर पर स्वीकार किया गया एक दूसरा सार्वजनिक स्वास्थ्य संधि डबल्यूएचओ एफसीटीसी है।

“तंबाकू मुक्त युवा” लक्ष्य का निर्माण करने के द्वारा 2008 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस की संध्या पर डबल्यूएचओ ने तंबाकू विज्ञापन, प्रायोजन और प्रचार पर बैन घोषित किया था।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस थीम

विश्व तंबाकू निषेध दिवस को पूरे विश्व भर में प्रभावशाली तरीके से मनाने के लिये, अधिक जागरुकता के लिये लोगों में एक वैश्विक संदेश फैलाने के लिये केन्द्रिय अंग के रुप में हर साल एक खास विषय का डबल्यूएचओ चुनाव करता है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस के उत्सव को आयोजित करने वाले सदस्यों को इस विषय पर दूसरे प्रचारक वस्तुएँ जैसे ब्रौचर, पोस्टर, फ्लायर्स, प्रेस विज्ञप्ति, वेबसाइट्स आदि भी डबल्यूएचओ के द्वारा उपलब्ध कराया जाता है।

  • 1987 से लेकर 2018 के विषय (थीम) वर्ष के आधार पर दिये गये हैं:
  • वर्ष 1987 का थीम था “प्रथम धुम्रपान रहित ओलंपिक (1988 ओलंपिक शीत ऋतु- कैलगैरी)।”
  • वर्ष 1988 का थीम था “तंबाकू या स्वास्थ्य: स्वास्थ्य को चुनें।”
  • वर्ष 1989 का थीम था “तंबाकू और महिलाएँ: महिला धुम्रपान करने वाली: जोखिम को बढ़ाती हुयी।”
  • वर्ष 1990 का थीम था “बचपन और युवा बिना तंबाकू के: बिना तंबाकू के बड़ा होना।”
  • वर्ष 1991 का थीम था “सार्वजनिक स्थल और परिवहन: तंबाकू मुक्त बेहतर होता है।”
  • वर्ष 1992 का थीम था “तंबाकू मुक्त कार्यस्थल: सुरक्षित और स्वास्थ्यकर।”
  • वर्ष 1993 का थीम था “स्वास्थ्य सेवा: एक तंबाकू मुक्त विश्व लिये हमारी खिड़की।”
  • वर्ष 1994 का थीम था “मीडिया और तंबाकू: संदेश को सभी ओर भेजो।”
  • वर्ष 1995 का थीम था “आपकी सोच से ज्यादा होता है तंबाकू की कीमत।”
  • वर्ष 1997 का थीम था “तंबाकू मुक्त विश्व के लिये एकजुट हों।”
  • वर्ष 1998 का थीम था “तंबाकू के बिना बड़ा होना।”
  • वर्ष 1999 का थीम था “डिब्बे को पीछे छोड़ो।”
  • वर्ष 2000 का थीम था “तंबाकू मारता है, बेवकूफ मत बनो।”
  • वर्ष 2001 का थीम था “दूसरों से प्राप्त धुँआ मारता है।”
  • वर्ष 2002 का थीम था “तंबाकू मुक्त खेल।”
  • वर्ष 2003 का थीम था “तंबाकू मुक्त फिल्म, तंबाकू मुक्त फैशन।”
  • वर्ष 2004 का थीम था “तंबाकू और गरीबी, एक पापमय वृत।”
  • वर्ष 2005 का थीम था “तंबाकू के खिलाफ स्वास्थ्य पेशेवर।”
  • वर्ष 2006 का थीम था “तंबाकू: किसी भी रुप या वेश में मौत।”
  • वर्ष 2007 का थीम था “अंदर से तंबाकू मुक्त।”
  • वर्ष 2008 का थीम था “तंबाकू मुक्त युवा।”
  • वर्ष 2009 का थीम था “तंबाकू स्वास्थ्य चेतावनी।”
  • वर्ष 2010 का थीम था “महिलाओं के लिये व्यापार पर जोर के साथ लिंग और तंबाकू।”
  • वर्ष 2011 का थीम था “तंबाकू नियंत्रण पर डबल्यूएचओ रुपरेखा सम्मेलन।”
  • वर्ष 2012 का थीम था “तंबाकू उद्योग हस्तक्षेप।”
  • वर्ष 2013 का थीम था “तंबाकू के विज्ञापन, प्रोत्साहन और प्रायोजन पर बैन।”
  • वर्ष 2014 का थीम था “तंबाकू पर ‘कर’ बढ़ाओ।”
  • वर्ष 2015 का थीम था “तंबाकू उत्पादों के अवैध व्यापार को रोकना।”
  • वर्ष 2016 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के लिए थीम “प्लेन पैकेजिंग के लिए तैयार हो जाओ” था।
  • वर्ष 2017 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के लिए थीम “तंबाकू – विकास के लिए एक खतरा” था।
  • वर्ष 2018 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के लिए थीम “तंबाकू और हृदय रोग” था।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर कथन

  • “तंबाकू छोड़ना इस दुनिया का सबसे आसान कार्य है। मैं जानता हूँ क्योंकि मैंने ये हजार बार किया है।”- मार्क तवैन
  • “तंबाकू मारता है, अगर आप मर गये, आप अपने जीवन का बहुत महत्वपूर्ण भाग खो देंगे।”- ब्रुक शील्ड
  • “तंबाकू का वास्तविक चेहरा बीमारी, मौत और डर है- ना कि चमक और कृत्रिमता जो तंबाकू उद्योग के नशीली दवाएँ बेचने वाले लोग हमें दिखाने की कोशिश करते हैं।”-डेविड बिर्न
  • “ज्यादा धुम्रपान करना जीवित इंसान को मारता है और मरे सुअर को बचाता है।”- जार्ज डी प्रेंटिस
  • “सिगरेट छोड़ने का सबसे अच्छा तरीका है तुरंत इसको रोकना- कोई अगर, और या लेकिन नहीं।”- एडिथ जिट्लर
  • “सिगरेट हत्यारा होता है जो डिब्बे में यात्रा करता है।”- अनजान लेखक
    “तंबाकू एक गंदी आदत है जैसे कथन के लिये मैं समर्पित हूँ।”- कैरोलिन हेलब्रुन

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