दोस्तों ! चाय पीने वालों की हमारे देश मे कोई कमी नही है जिधर जाओ आपको चाय के दीवाने मिल जाएंगे। हर इंसान चाय को अपने अपने तरीक़े से पिता है और बनाता है। जहां पर कुछ लोग चाय पत्ती को उबाल करके बनाई गई चाय पीना पसंद करते हैं वहीं पर कुछ व्यक्ति ऐसे होते हैं जो चायपत्ती के बैग से बनाई गई चाय पीना पसंद करते हैं ,हालांकि शहरी इलाकों में आजकल चायपत्ती के बैग के जरिए बनाई जाने वाली चाय का सेवन अधिक मात्रा में किया जाता है और इसे लोग ज्यादा पसंद करते हैं। जब हम चाय की पत्ती को उबाल कर चाय बनाते है तो वो ज़्यादा टाइम टेकिंग होता है और चाय पत्ती के बैग वाली चाय काफी जल्दी बन जाती है और काफी आसान भी होता है।
इसलिए ज्यादातर ऑफिस और होटलों में टी बैग वाली चाय बनाई जाती है जिसके कारण पूरे देश में चाय पत्ती बेचने वाली जो कंपनियां होती हैं वह अब टी बैग वाली चाय पत्ती भी बेचना शुरू कर दी हैं।
तो दोस्तों! हम आज अपने इस आर्टिकल मे बताएंगे कि कैसे हम इस टी बैग का बिज़नेस कैसे कर सकते है।
★ टी बैग का बिजनेस शुरू करने के लिए प्लान कैसे करें :-
टी बैग बनाने का बिजनेस अगर आप शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपने आसपास के मार्केट में रिसर्च करना होगा और उसी के आधार पर अपना एक बिजनेस प्लान तैयार करना होगा क्योंकि आपके द्वारा तैयार की गई इस बिजनेस की प्लान की मदद से ही आपको चायपत्ती के बैग के व्यापार को स्थापित करने में सहायता मिलेगी और साथ ही इस व्यापार से जुड़े लाभ और हानि के बारे में आपको पता चल सकेगा |
★ चाय पत्ती के बैग बनाने में इस्तेमाल होने वाला रॉ मटेरियल :-
इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको केवल दो प्रकार के रा मटेरियल की आवश्यकता होती है।
● फिल्टर पेपर ।
● चायपत्ती ।
★ फिल्टर पेपर क्या है :——
जो पेपर टी बैग बनाने के लिए यूज़ होता है फ़िल्टर पेपर कहते है। इसका जो कागज होता है वह बहुत ही पतला और हल्का होता है इसके अलावा यह पेपर आसानी से गीला भी नहीं होता है जिसके कारण यह पेपर गर्म पानी में नहीं घुल पाता है गर्म पानी में पेपर के अंदर की चाय आसानी से घुल जाती है और चाय बनकर तैयार हो जाता है। ये फिल्टर पेपर फाइबर से बनाया जाता है और यह फाइबर फिलीपीन केले के पत्तों से प्राप्त किया जाता है जिसे मनीला हंप के रूप में भी जाना जाता है।
फिल्टर पेपर के अंदर चायपत्ती को भरा जाता है और पेपर सहित चायपत्ती को गर्म पानी में डालकर चाय बनाई जाती है।
★ फिल्टर पेपर और चाय कहां से खरीदें:-
वैसे तो ये पेपर आपको आजकल ऑनलाइन साइट्स पे भी मिल जाएगा और आपके आस पास मार्किट मे भी सर्च करने पर मिल सकता है। जब भी आप फिल्टर पेपर और चाय पत्ती को लेने जाए तो उसकी गुणवत्ता को जांच-परख कर तभी सामान को खरीदें |
★ टी बैग बनाने के लिए आवश्यक मशीनरी एवं उपकरण:-
जहाँ तक मशीन की बात करें तो बैग बनाने मे आपको मैनुअल (हाथ वाली) से लेकर ऑटोमेटिक दोनों प्रकार की मशीनें उपलब्ध हैं, जिन्हें टी मेकिंग मशीन भी कहा जाता है। अगर आप ऑटोमेटिक मशीन जो बिजली से चलती है ख़रीद रहे है तो आपको ज़्यादा पैसा लगाना पड़ सकता है और अगर आप मैनुअल मशीन यानी हाथ से चलने वाली मशीन को लेना चाहते हैं तो उसकी लागत कम होगी।
★ चाय को टी बैग में भरने की प्रक्रिया :-
आप ख़रीदी गयी मशीन से टी बैग मे चायपत्ती को भर सकते है। मशीन की मदद से फिल्टर पेपर में आप इसे भर सकते हैं आमतौर पर एक चाय बैग में लगभग 1 से लेकर 4 औंस चाय पत्ती भरी जाती है। फिल्टर पेपर में चाय पत्ती को भरने के बाद उस पेपर को टी बैग मेकिंग मशीन की मदद से सील किया जाता है और उस पेपर के साथ एक धागा जोड़ा जाता है
अगर आप चाहें तो अपने टी बैग पेपर पर अपनी कंपनी का लोगो भी लगा सकते हैं हालांकि ऐसा करने के लिए आपको पेपर पर लोगो छापने वाली मशीन के लिए किसी कंपनी से संपर्क करना पड़ेगा |
★ बिजनेस हेतु आवश्यक लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन :-
जहां तक टी बैग मेकिंग बिजनेस शुरू करने के लिए स्थानीय नियमों की बात है तो यह राज्य एवं शहर के आधार पर अलग – अलग हो सकते हैं ,अपने बिजनेस को रजिस्ट्रेशन करा लेने के बाद उद्यमी को अपने व्यापार को वर्तमान कर प्रणाली के अंतर्गत पंजीकरण कराना पड़ सकता है यानी आपको GST Registration भी कराना पड़ेगा | यह सब करने से पहले उद्यमी को अपने व्यापार के नाम से पैन कार्ड एवं चालू खाता खोलना पड़ सकता है ,इन सबके अलावा उद्यमी चाहे तो अपने बैग मेकिंग बिजनेस को उद्योग आधार के तहत भी पंजीकृत करा सकता है ।