श्रीलंका मे कई स्थान है जहां आज भी रामायण काल के कई निशान मौजूद हैं, जो इस बात की प्रामाणिकता देते हैं कि रामायण की कथा सत्य है
लंका पर कुबेर का राज्य था। लंका को जीतकर रावण ने उसको अपना नया निवास स्थान बनाया । रावण ने सुंबा और बाली द्वीप को जीतकर अपने शासन का विस्तार करते हुए अंगद्वीप, मलयद्वीप, वराहद्वीप, शंखद्वीप, कुशद्वीप, यवद्वीप और आंध्रालय पर विजय प्राप्त की थी। इसके बाद रावण ने लंका को अपना लक्ष्य बनाया
श्रीलंका में वह स्थान ढूंढ लिया गया है, जहां रावण की सोने की लंका थी। ऐसा माना जाता है कि जंगलों के बीच रानागिल की विशालकाय पहाड़ी पर रावण की गुफा है, जहां उसने तपस्या की थी। रावण के पुष्पक विमान के उतरने के स्थान को भी ढूंढ लिया गया है
श्रीलंका का इंटरनेशनल रामायण रिसर्च सेंटर और वहां के पर्यटन मंत्रालय ने मिलकर रामायण से जुड़े ऐसे 50 स्थल ढूंढ लिए हैं जिनका पुरातात्विक और ऐतिहासिक महत्व है और जिनका रामायण में भी उल्लेख मिलता है। श्रीलंका में वह स्थान ढूंढ लिया गया है, जहां रावण की सोने की लंका थी। अशोक वाटिका, राम-रावण युद्ध भूमि, रावण की गुफा, रावण के हवाई अड्डे, रावण का शव, रावण का महल और ऐसे 50 रामायणकालीन स्थलों की खोज करने का दावा किया गया है। बाकायदा इसके सबूत भी पेश किए गए हैं
यहां हुआ था राम और रावण में युद्ध : श्रीलंका की रामायण रिसर्च कमेटी की जानकारी के अनुसार श्रीलंका में एक स्थान जिसे रामायण काल से जोड़ कर देखा जाता है। अनुसंधान में यहां पर भगवान हनुमान का श्रीलंका में प्रवेश के लिए उत्तर दिशा में मौजूद नागदीप पर पैरों के निशान भी मिलते हैं। इस स्थान की छानबीन में यह भी पाया गया कि राम व रावण के बीच यहीं पर भीषण युद्घ हुआ था। श्रीलंका में आज भी इस युद्घ-स्थान को युद्घगनावा नाम से जाना जाता है जहां पर रावण का भगवान राम ने वध किया था
लंका में यहां रुकी थी माता सीता : माता सीता का हरण करने के बाद रावण ने उन्हें अपने महल की अशोक वाटिका में रखा था। यह जगह आज भी श्रीलंका में मौजूद है। यहां पर सीता माता का एक प्राचीन मंदिर भी बनाया गया है। इस जगह को सेता एलीया के नाम से जाना जाता है। ये नूवरा एलिया नामक जगह के पास स्थित है। मंदिर के पास ही एक झरना भी है। माना जाता है कि इस झरने में सीता माता स्नना करती थीं। इस झरने के आसपास की चट्टानों पर हनुमान जी के पैरों के निशान भी मिलते हैं। यही वो पर्वत है जहां हनुमान जी ने पहली बार कदम रखा था। इसे पवाला मलाई कहते हैं। ये पर्वत लंकापुरा और अशोक वाटिका के बीच में है
यहां गिरे थे माता सीता के आंसू : रावण जब सीता माता को हरण करके ले जा रहा था तब सीता माता अपने पति भगवान राम के पास जाने के लिए रावण से कह रही थीं। मगर, रावण उन्हें जबरन अपने साथ लंका ले जा रहा था। उस दौरान सीता माता के आंसू जिस-जिस स्थान पर गिरे वहां पर तलाब बन गया। श्रीलंका में भी एक ऐसा ही स्थान है जहां सीता माता के आंसू गिरे थे। तब से इस जगह को सीता अश्रु ताल कहा जाता है। श्रीलंका में कैंडी से लगभग 50 किलोमीटर दूर नम्बारा एलिया मार्ग पर यह तालाब मौजूद है। इसे कुछ लोग सीता टियर तालाब कहते हैं। जब लंका में गर्मी पड़ती है और सारे तलाब सूख जाते हैं तब भी यह तलाब नहीं सूखता। इस तलाब का पानी भी बहुत मीठा है
माता सीता ने यहां दी थी अग्नि परीक्षा : श्रीलंका में वेलीमड़ा नामक एक जगह है। यहां एक मंदिर डिवाउरूम्पाला है। कहा जाता है कि यहां पर माता सीता ने अग्नि परीक्षा दी थी। अगर आपने रमायण पढ़ी होगी तो आप जानते होंगे कि रावण की कैद से रिहा करवाने के बाद सीता माता कि पवित्रता पर सवाल उठाए गए थे। इसलिए उन्होंने अग्नि परीक्षा देकर इस बात का निश्चित किया था कि वह पवित्र हैं। आज भी स्थानीय लोग इस जगह पर सुनवाई करके न्याय करने का काम करते हैं। मान्यता है कि जिस तरह इस जगह पर देवी सीता ने सच्चाई साबित की थी उसी तरह यहां लिया गया हर फैसला सही साबित होता है
यहां उतरता था पुष्पक विमान : श्रीलंका में एक शहर है जिसका नाम सिन्हाला है। यहां एक वेरागनटोटा नाम की जगह है जिसका मतलब होता है विमान उतरने की जगह। कहते हैं कि यही वो जगह है जहां दशानन अपना पुष्पक विमान उतरता था। अगर आप इस स्थान को देखेंगे तो यह एक हैलपैड की तरह लगती। मगर असल में यह पहाड़ है जो उपर से पूरी तरह फ्लैट है