◆ जीवन चरित्र ◆
सिगमंड फ्रायड का जन्म 6 मई, 1856 को हुआ था । इनका परिवार उस समय विएना आ गया था, जब इनकी उम्र महज तीन वर्ष ही थी।
◆ सिगमंड की पढ़ाई लिखाई और उनका काम धाम ◆
विएना में रहते हुए ही इन्होंने प्राथमिक स्तर से लेकर चिकित्सा विज्ञान तक की शिक्षा अर्जित की। इन्होेंने 1873 मे विएना के चिकित्सा विभाग में दाखिला लिया व 1881 में परीक्षा उत्तीर्ण की। 1885 में इन्हें विएना विश्वविद्यालय में न्यूरोपैथाॅलाॅजी के प्राध्यपक के रूप में नियुक्ति मिली।
◆ सिगमंड का शादी शुदा जीवन ◆
इन्हें मार्था नामक युवती से प्रेम हुआ। लेकिन शादी से पूर्व यह स्वयं को बतौर चिकित्सक स्थापित कर लेना चाहते थे। इस कारण विएना के ही एक अस्पताल में चिकित्सकीय अनुभव ग्रहण करने लगे। 1886 में इन्होंने मार्था से विवाह कर लिया। इस शादी से इन्हें छह संततितां प्राप्त हुईं, जिनमें सबसे छोटी पुत्री एनी भी इन्हीं की भांति विख्यात मनोविश्लेषज्ञ बनी।
◆ सिगमंड के द्वारा लिखी गयी किताबें ◆
इनकी पहली किताब 1895 मे लिखी गई ’इंटरप्रिटेशन आॅॅफ ड्रीम्स’ पुस्तक प्रकाशित हुई। इसमें बताया गया था कि इंसान जो भी सपना देखता है वो उनकी दबी हुई इच्छाओं की परछाई होती है।
’द साइकोपैथोलाॅजी आॅफ एवरी डे लाइफ’, ’द ईगो एंड इड’, ’सिविलाइजेशन’, ’मोजेस एंड मोनोथिज्म’ के अलावा ’मनोवैज्ञानिक विश्लेषण’ के शीर्षक से इन्होेंने मानवीय विचारों की सशक्त शल्यक्रिया करके साबित किया कि इंसान का प्रत्येक कार्य धन, काम और प्रसिद्धि इन तीनों तत्वों से ही सर्वाधिक प्रभावित रहता है। यह तीनों तत्व इंसान के क्रियाकलापों को विभिन्न प्रकार से नियंत्रित भी करते हैं।
कुछ लोग यह मानते हैं कि फ्रायड भी उन्हीं लोगों की भांति सनकी थे, जो परंपराओं के खिलाफ जाकर कार्य करते हैं। इनकें द्वारा प्रतिदिन नाई से हजामत करवाने, अंक शास्त्र पर विश्वास करने और स्वयं की मृत्यु के पूर्वाभास को लेकर भी ऐसा कहा जाता है। फ्रायड ने माना था कि इनकी मृत्यु 60 या 62 वर्ष में हो जाएगी।
लेकिन इनकी मृत्यु 83 वर्ष की उम्र में सन् 1939 में इंग्लैंड में हुई। मनोविज्ञान को अपने विचारों मे समृद्ध करने के लिए इन्हें सदैव स्मरण किया जाता रहेगा।