असम में मौजूद ब्रह्मपुत्र नदी में बसा माजुली द्वीप बहुत खूबसूरत है। पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में माजुली सबसे बड़ा नदी में बसा द्वीप है। नदी के बीचों-बीच द्वीप होने के कारण माजुली में पशु-पक्षियों की कोई कमी नहीं है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में अपना नाम दर्ज करा चुके इस एक मात्र नदी द्वीप को देखने के लिए देश-दुनिया से हजारों पर्यटक रोजाना असम तक का सफर तय करते हैं। ब्रह्मपुत्र नदी की खूबसूरती पर चार-चांद लगाता माजुली द्वीप असम के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। इस आइलैंड की विशेषताओं को देखते हुए इसे प्राकृतिक व सांस्कृतिक विरासत स्थल के रूप में चिन्हित किया गया है। असम की ऐतिहासिक संस्कृति को जीवंत रूप प्रदान करता यह द्वीप पर्यटकों के मध्य काफी लोकप्रिय होता जा रहा है। यहां सैलानी प्राकृतिक खूबसूरती के साथ-साथ हर साल यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए खिंचे चले आते हैं। सुबह से लेकर देर शाम तक यहां सैलानियों का तांता बना रहता है। नेचर लवर्स और फोटोग्राफी के शौकिनों के लिए यह एक परफेक्ट प्लेस है। इसी के साथ ही पर्यटक यहां प्राचीन असमीया कलाकृतियों, अस्त्र-शस्त्र, वस्त्र-आभूषण और हस्तशिल्प के विशेष संकलन को आसानी से देख सकते हैं। अगर आपको प्रकृति की गोद में कुछ दिन बिताना है तो आप अपने वेकेशन में माजुली जरुर जाएं।
माजुली एशिया में नदी के बीच सबसे बड़ा द्वीप है. गुवाहाटी से करीब 400 किलोमीटर दूर ब्रह्मापुत्र नदी के बीच स्थित माजुली 1250 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इस द्वीप का निर्माण ब्रहमपुत्र नदी के दक्षिण में हुआ था तथा इसके उत्तर में खेरकुटिया नदी द्वारा इसका निर्माण हुआ.
क्या क्या ख़ास है माजुली मे :
आप जब यहां आएंगे तो आप ब्रह्मपुत्र नदी में बोट राइड यानि नौका विहार कर सकते हैं। इसके अलावा माजुली में आप कयाकिंग और पैरासेलिंग भी कर सकते हैं। असम की संस्कृति के बारे में अच्छी तरह से जान सकते हैं।
अगर आप फिशिंग के शौकीन हैं तो आप मछली पकड़ने ब्रह्मपुत्र नदी में जा सकते हैं। माजुली में आप साइकिल चलाने का मजा भी उठा सकते हैं। आप यहां जायकों का मजा लें। आप यहां मिट्टी के बर्तन बनाने की भी कला सीख सकते हैं।
माजुली मे मौसम :
गर्मी: माजुली में गर्मी के मौसम मार्च से जुलाई अंत तक होता है. इस समय यहाँ काफी गर्मी होती है.
मानसून: माजुली में मानसून का मौसम जुलाई के आसपास शुरू होता है और अगस्त तक रहता है, और इस समय बाढ़ का तांडव अपने चरम सीमा पर होता है.
सर्दी: सर्दियों के मौसम नवंबर से शुरू होता है और फरवरी तक रहता है. बारिश कम या नहीं के बराबर होती है. प्रमुख उत्सव तथा त्योहारों को सर्दियों के मौसम में आयोजित किया जाता हैं जब मौसम शांत और सुखद होता है.
माजुली मे कौन कौन जातियां रहती है : माजुली की आबादी में असमिया के अन्य जाति और उपजाति जैसे- कलिता, कोंच, नाथ, अहोम, चुतिया, मटक और ब्राह्मण भी हैं.
क्या खेती होती है माजुली मे : माजुली में उगाई जाने वाली मुख्य फसलें जैसे की चावल, मक्का, गेहूं, काला चना, सब्जियां, फल, कपास, जूट, अरंडी, गन्ना इत्यादि होते हैं.
कैसे पहुंचे : असम की सांस्कृतिक राजधानी मंजोली गुवाहाटी शहर से लगभग 300 किमी की दूरी पर स्थित है। द्वीप का निकटतम शहर और एयरपोर्ट ‘जोरहाट’ है। माजुली तक पहुंचने के लिए आप गुवाहाटी से रास्ते जोरहाट आ सकते हैं जहां से माजुली का सफर महज 20 किमी की दूरी के साथ पूरा किया जा सकता है। जोरहाट से आप बस सा टैक्सी का सहारा ले सकते हैं। आप हवाई मार्ग से अलावा ट्रेन से भी पहुंच सकते हैं। गुवाहाटी रेल मार्ग कोलकाता शहर से जुड़ा हुआ है। माजुली द्वीप तक पहुंचने के लिए नदी के पास बोट-स्टीमर की व्यवस्था की गई है।