हम अपनी शिकायत NHRC या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग मे कैसे करे ये जानने से पहले हमें ये जानना ज़रूरी है कि मानवाधिकार क्या होता है ? ये कैसे काम करता है ? इसकी नींव कब पड़ी?
किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता, समानता और प्रतिष्ठा के साथ जीवन जीने के अधिकार को संरक्षित करने के लिए मानव अधिकार आयोग का गठन किया गया है। भारत में 28 सितंबर, 1993 से मानव अधिकार कानून अमल में लाया गया और 12 अक्टूबर, 1993 में ‘राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग’ का गठन किया गया था। 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। इन अधिकारों में प्रदूषण मुक्त वातावरण में जीने का अधिकार, पुलिस कस्टडी में यातनापूर्ण और अपमानजनक व्यवहार न होने संबंधी अधिकार, महिलाओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार और रंग, जाति, राष्ट्रीयता या लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करने का अधिकार भी शामिल है।आयोग के कार्यक्षेत्र में नागरिक और राजनीतिक के साथ आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार भी आते हैं. जैसे बाल मजदूरी, एचआईवी/एड्स, स्वास्थ्य, भोजन, बाल विवाह, महिला अधिकार, हिरासत और मुठभेड़ में होने वाली मौत.
मानव के जीवन मे अधिकार क्या है?
सी.डी. बर्न्स की उक्ति है, फ्रांस की क्रांति ने कोई दान नहीं माँगा, उसने मनुष्य के अधिकारों की माँग की। अधिकार ऐसी अनिवार्य परिस्थिति है जो मनुष्य के विकास के लिए आवश्यक है। यह व्यक्ति की माँग है जिसे समाज, राज्य तथा कानून नैतिक मान्यता देते हें और उनकी रक्षा करना अपना परम धर्म समझते हैं। अधिकार वे सामाजिक परिस्थितियाँ तथा अवसर हैं जो मनुष्य के व्यक्तित्व के उच्चतम विकास के लिए आवश्यक होते हैं। इन्हें समाज इसी कारण से स्वीकार करता है और राज्य इसी आशय से इनका सरंक्षण करता है। अधिकार उन कार्यों की स्वतंत्रता का बोध कराता है जो व्यक्ति और समाज दोनों के ही लिए उपयोगी सिद्ध हों
आयोग की कार्यप्रणाली :-
- शिकायत भेजने के लिए कोई निर्धारित प्रारूप नहीं है, शिकायत साधारण कागज पर लिखकर भेजी जा सकती है।
- आयोग किसी विशिष्ट मामले में जाँच के लिए उपयुक्त संख्या में पर्यवेक्षक नियुक्त कर सकता है।
- आयोग व्यापक लोकहित के मामलों में अनुशंसा करने के पूर्व विशेषज्ञों की समिति गठित कर सुझाव भी ले सकता है।
- शिकायत भेजने के लिए आयोग द्वारा हाल ही में ई-मेल के माध्यम से भी नई सुविधा शुरू की गई है। इसके लिए ऑनलाइन के किसी भी सेंटर से शिकायत भेजी जा सकती है।
- आयोग द्वारा घटनाएं घटित होने के 1 साल बाद की जाने वाली शिकायतों पर कार्रवाई नहीं की जाती।
- आयोग द्वारा किसी अन्य न्यायालय या आयोग के समक्ष विचाराधीन प्रकरण पर कार्रवाई नहीं की जाती।
- समाचार पत्रों में प्रकाशित व्यापक जनहित अथवा व्यक्तिगत मामलों में मानव अधिकार के हनन की खबरों पर भी संज्ञान लेकर आयोग द्वारा कार्रवाई की जाती है।
- अब हमने सभी बुनियादी चीज़ों को जाना समझा कि मानव अधिकार आयोग कैसे काम करता है ,इसकी शक्तियां क्या है? अब हम ये जानने की कोशिश करेंगे कि यदि किसी भी नागरिक के अधिकार का हनन किसी भी व्यक्ति या किसी भी प्रकार से किया जाता है तो वो आयोग को कैसे शिक़ायत करें।
शिकायत कैसे करें:-
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (National Human Rights Commission) की वेबसाइट http://nhrc.nic.in है। इस वेबसाइट को ओपन करने के बाद आपको चार तरह के ऑप्शन दिखेंगे। इसमें सबसे ऊपर ‘ऑनलाइन शिकायत पंजीकरण’ का ऑप्शन होगा। इसे क्िलक करते ही आपका शिकायत फॉर्म खुल जाएगा।
इस फॉर्म के खुलते ही इसमें सबसे पहले उस व्यक्ति की पसर्नल डिटेल (नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि) भरनी होगी, जो यह फॉर्म भर रहा है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कई बार पीड़ित व्यक्ित शिकायत करने से डर जाता है या घबरा जाता है। ऐसे में आप विक्टिम के बिहॉफ पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। यहां आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि इस डिटेल के साथ ही दाहिनी तरफ ‘Self’ का ऑप्शन भी है, यानी कि अगर पीड़ित ही यह फॉर्म भर रहा है तो वह सेल्फ पर टिक करे ।
पीड़ित की डिटेल : इसके बाद दूसरा नंबर आता है पीड़ित की डिटेल का। इसमें उस व्यक्ित की डिटेल भरी जाएगी जिसके साथ हादसा हुआ है। इसमें नाम, पता, उम्र और धर्म आदि भरना पड़ेगा।
क्या है मामला : इसके बाद तीसरी डिटेल है ‘घटनाक्रम’ की। यानी कि पीड़ित के साथ क्या हुआ वह इसमें जिक्र करेगा। इसमें घटना कहां पर हुई और किस तारीख को हुई…यह लिखना अनिवार्य है। इसके ठीक नीचे रिलीफ डिटेल भरी जाएगी।
अंत में जब पूरा फॉर्म भर जाएगा, तो आखिर में नीचे लिखे टेढ़े-मेढ़े शब्दो को(कैप्चा कोड) भरकर ‘अपडेट’ बटन दबा दें। इसके बाद आपकी शिकायत दर्ज हो जाएगी।