भारत जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत मे एजुकेशन का बहुत बड़ा फील्ड है। इस बढ़ती हुयी मांग को देखकर यह एक अच्छा मुनाफा करने वाला काम साबित हो सकता है। एक अच्छा स्कूल खोलकर आप अच्छे खासे पैसे कमा सकते है। अगर आप अपना स्कूल शुरू करना चाहते हो तो आपके लिये ये जानना बेहद जरुरी है की ऐसे कौन कौन से स्टेप्स है जो आपको फॉलो करनी पड़ेंगी :——-
★ स्कूल की प्लानिंग करें :–
स्कूल ओपन करने के लिए आप सबसे पहले एक प्लान बनायें जिस से ये पता चल सके की आप को किन किन बातों का ख़्याल रखना होगा। सबसे पहले आप को ये तय करना रहेगा की आप कौन सा स्कूल खोलना चाहते है।
अगर आप प्री-स्कूल, डे केर, और क्लास 5 तक के स्कूल ओपन करना चाहते है तो आप मुनिसीपालिटी की परमिशन से स्कूल खोल सकते है।अगर आप इस से ऊपर के क्लास का स्कूल खोलना चाहते है तो आप को राज्य शिक्षा बोर्ड और अन्य बोर्ड्स के परमिशन लेना अनिवार्य रहेगा।
★ स्कूल के लिए लोकेशन सेलेक्ट करें :—-
आप को एक अच्छा सा लोकेशन खोजना होगा जहां आप अपना स्कूल आसानी से शुरु कर सके। लोकेशन ऐसा होना चाहीये जहां दूसरे स्कूल काफ़ी दुरी पर हो, बच्चो की संख्या ज्यादा हो और ट्रान्सपोर्टेशन भी सरलता से उपलब्ध हो। इस से आप को बच्चे जो आप की स्कूल में दाखिला ले वो आसानी से मिल जायेंगे और जरुरी स्टाफ़ भी उपलब्ध हो जायेगा। आप को स्कूल शुरु करने से पहेले ही स्टाफ़ को हायर करना होगा ताकी पेरंट्स आप की स्कूल पर भरोसा जता सके। स्टाफ़ की जरुरत आप को किस तरह का और किस लेवल पर स्कूल खोल रहे है उस पर निर्भर करती है।
★ स्टार्टिंग मे क्लास कितनी तक हो :–
जब आल स्कूल खोल रहे है तो अब आपका स्कूल किस क्लास तक होगा इस बात का निर्णय लेले। क्योंकि हर क्लास तक के स्कूल खोलने के लिए आपको अलग अलग बोर्डस से मान्यता लेनी होती है। आपको उस हिसाब से जगह का और बाकी सुविधाओं का भी ध्यान देना होगा।
★ स्कूल खोलने के लिए नियम :—-
स्कूल खोलने के लिए वेसे तो कई नियम हो सकते है आपको हर नियम को अच्छे से मानना पड़ता है। स्कूल खोलने के लिए आप डी.एल.एड. जिसे बी टी सी के नाम से भी जाना जाता है या B.Ed भी कर सकते है। B.ED के लिए आपको इसका एग्जाम क्वालीफाई करना अनिवार्य है।
एग्जाम क्वालीफाई करने के बाद आपको ग्रेजुएशन करनी होगी। इधर प्रशिक्षण लेने के बाद आपको “IGNOO” से विद्यालय प्रबंधन का कोर्स करना पड़ता है यह कोर्स अनिवार्य होता है। इसके बाद आपके पास 5 वर्ष तक स्कूल में पढ़ाने का अनुभव भी होना चाहिए।
★ मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया :—
स्कूल की मान्यता प्राप्त करने के लिए आपको बहुत सी अलग अलग तरह के प्रोसेस का पालन करना पड़ेगा। प्राथमिक स्कूल खोलना बहुत ही आसान है इसके लिए सबसे पहले आपको 9 से 11 लोग के साथ मिलकर एक संस्था का निर्माण करना होगा। संस्था के निर्माण होने के तुरंत बाद ही आपको रजिस्ट्रार के पास जाना होता है वहां पर आप संस्था के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करेंगे। संस्था के रजिस्ट्रेशन में आपके 12 हजार रुपये तक खर्च हो सकते है। और रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद संस्था के रजिस्ट्रेशन का सर्टिफिकेट आपको मिल जायेगा।
इसके बाद हर साल april-may के महीने में नए विद्यालय खोलने के लिए आॅनलाइन पंजीयन होता है आपको विद्यालय खोलने के लिए पंजीयन कराना होगा। इसमें आपके लगभग 3 हजार रुपये खर्च हो सकता है ।
इसके बाद आपको इस फॉर्म को लेना है और उसको भरना है फॉर्म भरने के बाद उस फॉर्म को संस्था के certificate की काॅपी के साथ अटेच करना है फिर उसको D.E.O. ऑफिस में जमा करवा दे। D.E.O. ऑफिस में आपको डॉक्यूमेंट के साथ 12 हजार रुपये भी देने होंगे।
डॉक्यूमेंट जमा करने के कुछ दिन बाद आपके विद्यालय को देखने कुछ ऑफिसर आएंगे। यह ऑफिसर आपके सारे डाॅक्यूमेंट को एक बार और चेक करेंगे। इसके अलावा पुरे विद्यालय को भी देखेंगे। अगर यह लोग आपके स्कूल और कागजो को पास कर देते है तो आप अपना स्कूल खोल सकते है
★ टीचर किस आधार पर ले :—-
विद्यालय के लिए अध्यापकों के लेते समय ध्यान रहे कि कम से कम आपके 2 अध्यापक तो B.ED किये हुए होने ही चाहिए। यह स्कूल खोलने का एक जरुरी मानक है जिसका पालन अनिवार्य है, और बाकी टीचर्स भी बी टी सी या बीएड किये होने चाहिए।
★ स्कूल से होने वाला मुनाफा :—
स्कूल से आप कोशिश करें तो आराम से 1 से 1.5 लाख तक हर माह कमा सकते है। मान लीजिये आपके स्कूल में कुल 100 छात्र पढ़ते है। और हर छात्र की फीस 300₹ है तो 100 छात्र है से आप हर महीने 3,00,000 ₹ कमा लेंगे।
पर इन रुपयो में आपको अपने अध्यापको को , बिजली का बिल और बाकी खर्चे भी देने होंगे। अगर इन सब को मिला ले तब भी आप 1.50 लाख तक ही खर्च कर पाएंगे। 1.5 लाख आपके पास बचेंगे जो आपका मुनाफा होगा।
★ स्कूल का प्रचार प्रसार :—
हर बिज़नेस की तरह स्कूल की मार्केटिंग बहुत ज़रूरी है क्योंकि ये बिज़नेस सिर्फ पब्लिक का है और बिना पब्लिक के स्कूल चल ही नही सकता है। आप लोकल एरिया मे विज्ञापन लगवा सकते है, पेपर मे ऐड देने लगती है। पेंफलेट्स छपवा के बांट सकते है, होर्डींग एवं बेनर भी लगवा सकते है। यहां पर आप के लिये जरुरी रहेगा की आप एक बजट बना कर चले ताकी खर्च के उपर भी एक अंकुश बना रहे। आपका विज्ञापन ऐसा होना चाहिए कि जो लोगो को आकर्षित करे। जितना ज्यादा मार्केटीग होगा उतना ही आपको वर्तमान एवं भविष्य में फ़ायदा होगा। आप सोशल मीडिया का भी सहारा ले सकते है जैसे वाट्सअप, फेसबुक या इंस्टाग्राम।
★ इन बातों पर बरतें सावधानी :—
1) अगर आप स्कूल शुरू करना चाहते है तो सबसे पहले किसी ऐसे इन्सान की मदद ले जिसे इस बात का अनुभव हो। वो आपको सारी जानकारी दे सकता है जिससे आपका स्कूल बनाने के सपना आसानी से साकार हो सकता है। कौन कौन से बोर्ड्स से आपको परमिशन लेनी पडेगी, इन्स्पेक्शन कैसे होता है, क्या क्या डॉक्यूमेंट देने पड़ेंगे, कहां से कौन सी परमिशन मिलेगी, किस किस विभाग से कौन सी परमिशन लेनी पडेगी और अलग अलग परमिशन आने में कितना टाइम लगेगा ये सब बाते आपको इस से पता चल जायेगी जो की आपके लिये बडी महत्वपुर्ण होगी.
2) आपको विविध बोर्ड्स के कुछ कायदे एवं नियमो का पालन करना रहेगा। आपके पास जो भी इन्फ़्रास्ट्रक्चर है वो इन बोर्ड्स के गाइडलाइन के मुताबिक ही होने चाहिये तभी परमिशन आसानी से मिल सकती है। स्कूल में आने वाले बच्चो की सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य जरुरी तो का आप सही से वहन करने के लिये केपेबल हो की नही ये सबसे अहम बात होती है सारे बोर्ड्स के लिये।
3) आपको ये भी देखना होगा की आप एज्युकेशन का माध्यम कौन सा रखेंगे, कौन कौन सी सुविधाएं छात्रोको दे पायेंगे एवं हर स्टुडन्ट की हर स्टान्डर्ड में फीस क्या रहेगी क्युंकी राज्य शिक्षण विभाग की परमिशन से ज्यादा फीस आप नही ले सकते। फीस के अलावा आप कौन कौन से फंड पेरेंट्स से आप लेनेवाले है ये भी आपको शिक्षण विभाग को दीखाना पडेगा और आपके पास ये सब बातो का पर्याप्त नोलेज होना चाहिये।
4) आप के स्कूल के बिल्डींग में पानी की सुविधा होनी चाहिये, अच्छा सा वोशरुम होना चाहिये, कमरो में ताजी हवा का प्रोविजन होना चाहिये, बच्चो के लिये सारे संसाधन एवं खिलौने होने चाहिये, ट्रेईन्ड स्टाफ़ होना चाहिये और बच्चो के स्वास्थ्य के लिये जोखिम हो ऐसी कोइ भी चिज नही होनी चाहिये।
5) प्री-प्राइमरी स्कूल के लिए 3-4 कमरों वाली बिल्डिंग का होना जरुरी है। प्राइमरी स्कूल के लिए आपको 5 कमरे कक्षा के लिए , 1 ऑफिस का रूम 1 लाइब्रेरी और 1 स्टाफ रूम का होना बहुत जरुरी है। इसके अलावा टॉयलेट का उचित इंतज़ाम भी करना होगा।