केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएम-केएमवाई) के लिए रजिस्ट्रेशन का काम शुरू कर दिया। सरकार ने आम बजट में इस योजना की घोषणा की थी। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि पीएम-केएमवाई पंजीकरण प्रक्रिया देश भर में शुरू हो गई है।
तोमर ने कहा कि कड़ी मेहनत करने के बावजूद, किसान को पर्याप्त कमाई नहीं होती है। इसलिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। हमने बेहतर आय सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए हैं और पीएम-केएमवाई इस दिशा में एक और प्रयास है।
★ क्या है इस योजना मे राशि | PM kisan pension yojana ★
● इस योजना में शमिल किसानों को 60 साल की आयु पूरी करने पर 3,000 रुपए मासिक पेंशन मिलेगी।
● किसान की मृत्यु होने की स्थिति में उसकी पत्नी को 1,500 रुपए की मासिक पेंशन मिलेगी।
कैसे करा सकते हैं पंजीयन?
● प्रधानमंत्री किसान मानधन पेंशन योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कराने की प्रक्रिया बेहद आसान है। जो भी योग्य किसान इस योजना में शामिल होना चाहते हैं वे आधार कार्ड और बैंक पासबुक लेकर अपने नजदीकी सीएससी पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
● CSC का संचालन करने वाले वीएलई किसानों की सभी जानकारी लेकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करेंगे। प्रमाणीकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पंजीकरण कराने वाले किसानों को सूचना मिल जाएगी और उनका पीएमकेएमवाई का पेंशन कार्ड यूनिक पेंशन अकाउंट नंबर के साथ जेनरेट हो जाएगा।
● क्या है इस पेंशन योजना की योग्यता ●
● 60 साल की उम्र तक पेंशन कोष में किसानों को योजना में शामिल होते समय उनकी उम्र के आधार पर 55 से 200 रुपए का मासिक योगदान देना होगा।
● 18 वर्ष की आयु में योजना में शामिल होने वाले किसान को 55 रुपए और 40 की उम्र में योजना में आने वाले किसान को 200 रुपए की मासिक किस्त देनी होगी। उनके योगदान के बराबर ही सरकार भी अपनी ओर से योगदान देगी।
★ योजना की प्रमुख विशेषता ★
● इस योजना मे पति अथवा पत्नी अलग-अलग भी 3,000 रुपए की पेंशन प्राप्त करने के हकदार होंगे, लेकिन उन्हें पेंशन कोष में अलग से योगदान करना होगा।
● 60 साल की आयु पूरी होने से पहले किसान की मृत्यु की स्थिति में पति अथवा पत्नी योजना को जारी रख सकते हैं।
● अगर किसान की 60 वर्ष की आयु के बाद मृत्यु हो जाती है, तो पति या पत्नी को पारिवारिक पेंशन के रूप में 50 प्रतिशत यानी 1,500 रुपए की मासिक पेंशन मिलेगी।
● बाहर निकलने पर उनकी पूरी योगदान राशि को पेंशन कोष प्रबंधक जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की ओर से बचत बैंक दरों के अनुरूप ब्याज के साथ वापस किया जाएगा।
● जो किसान पीएम-किसान योजना के लाभार्थी हैं, उनके पास उस योजना से प्राप्त होने वाली राशि से, बीमा योजना के लिए सीधे अपना योगदान करने का विकल्प होगा।
● नियमित योगदान न देने की स्थिति में, लाभार्थियों को निर्धारित ब्याज दर सहित बकाया राशि का भुगतान करके अपने योगदान को नियमित करने की अनुमति होगी।
लाभार्थी स्वैच्छिक रूप से पांच वर्षों के नियमित योगदान के बाद योजना से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकते हैं।
सरकारी खजाने पर पड़ेगा इतना बोझ
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान को खेती की पूरी जानकारी देनी होगी। इसके लिए खसरा/खतौनी के अलावा आधार कार्ड , जनधन खाते की डिटेल और मोबाइल नंबर देना होगा जो कि आधार और बैंक खाते में जुड़ा हो। बता दें कि इस योजना से सरकारी खजाने पर 10,774.5 करोड़ सालाना बोझ पड़ेगा।
जीवन बीमा को दी गई है जिम्मेदारी
योजना से जुड़ने के लिए किसानों को मासिक 100 रुपये का योगदान देना होगा। यह रकम उम्र बढ़ने के हिसाब से बढ़ती है। इसके बाद योजना में 60 साल से ऊपर के किसानों को 3000 रुपये तक प्रति माह पेंशन मिलेगी। वहीं अगर किसान की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को 50 फीसद रकम का भुगतान मिलता रहेगा। यानी उसे 1500 रुपये मिल सकते हैं। इसकी जिम्मेदारी जीवन बीमा निगम को दी गई है।