देश में महिला उद्यमियों की संख्या पुरुष उद्यमियों के मुकाबले लगभग 20 % ही है , और यही कारन है की सरकार द्वारा महिलाओं को बढ़ावा देने यानी महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने तथा मजबूत बनाए के लिए कई प्रकार की योजनाओं को शुरू किया है | जिससे महिलाए घर की चार दिवारी में न रहकर बल्कि बाहर निकल कर अपने लिए कुछ कर सके | ताकि महिला उद्यमियों को बढ़ावा मिल सके | इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार के अलावा बैंको ने भी महिलाओ को ऋण उपलब्ध करवाए है । वहीँ कुछ महिलाओं को बिजनेस के लिए अपनी अच्छी खासी नौकरी को त्यागते हुए भी देखा गया है। इस बात से सभी अच्छी तरह से परिचित हैं की उद्यमशीलता की यात्रा करने के लिए पूँजी की आवश्यकता होती है और पूँजी के अभाव में कोई भी व्यक्ति अपनी इस यात्रा को शुरू नहीं कर सकता है। यही कारण है की विभिन्न बैंकों द्वारा महिला उद्यमियों को ऋण प्रदान करने के लिए अनेकों योजनायें चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं के अंतर्गत कोलैटरल सिक्यूरिटी, ब्याज दर इत्यादि नियम शर्तों को काफी फ्लेक्सिबल बनाया गया है। यहाँ नीचे हम विशेष रूप से महिलाओं के लिए जारी की गई ऋण योजनाओं का जिक्र कर रहे हैं जिनका उद्देश्य देश में महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करके आर्थिक प्रक्रियाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी को बढ़ाना है।
1. अन्नपूर्णा योजना: जैसे की नाम से पता चलता है की इस योजना का मकसद अन्न की पूर्ति करने वाले व्यवसाय से है यानी जो महिलाए इस प्रकार के बिज़नस को करना चाहती है उन्हें बुनियादी जरुरतो के लिए इस लोन को दिया जाएगा | लोन की रकम पचास हजार होगी जिसे 36 महीनो के अंदर महिला उद्यमी को भुगतान करना होगा | लेकिन इस योजना के अंतर्गत यदि किसी महिला को इस ऋण की आवश्यकता होती तो उसे बैंक में एक ग्रान्टर की आवश्यकता होगी , इस योजना की खास बात यह है की क्योकि महिलाये खाना बनाने बनाने में माहिर होती हैं इसलिए इस योजना को शुरू किया है |
2. स्त्री शक्ति पैकेज योजना: इस योजना के तहत ऋण देने की पेशकश अधिकतर भारतीय स्टेट बैंक की शाखाएं करती हैं कहने का अभिप्राय यह है की महिला उद्यमियों को ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना भारतीय स्टेट बैंक ने चलाई है। एक ऐसा उद्यम जिसमें 50% से अधिक कैपिटल किसी महिला उद्यमी का लगा हो वह इस योजना के तहत ऋण के लिए आवेदन कर सकता है। जिस उद्यम में 50% से अधिक हिस्सेदारी या मालिकाना हक महिला उद्यमी का होगा । उस उद्यम को इस योजना के तहत ऋण देने का प्रावधान किया गया है। यदि ऋण ली गई राशि 2 लाख रूपये से अधिक होगी तो इस स्थिति में ब्याज दर पर 0.5% तक छूट देने का भी प्रावधान किया गया है।
3. देना शक्ति स्कीम: जैसा की नाम से ही स्पष्ट है की यह योजना देना बैंक द्वारा शुरू की गई है यह योजना ऐसी महिलाओं को वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। जो अपना बिजनेस कृषि विनिर्माण क्षेत्र, खुदरा स्टोर या अन्य छोटे उद्यमों के माध्यम से शुरू करना चाहती हैं। कहने का अभिप्राय यह है की चाहे महिला कृषि क्षेत्र में बिजनेस कर रही हो, विनिर्माण क्षेत्र में कर रही हो, रिटेल स्टोर का बिजनेस कर रही हो या फिर अन्य किसी छोटे उद्यम से कमाई करने की सोच रही हो वह इस योजना के तहत ऋण के लिए आवेदन कर सकती हैं। रिटेल स्टोर इत्यादि के लिए यदि अधिकतम ऋण रूपये 20 लाख होता है तो इस स्थिति में ब्याज 0.25% तक कम हो सकता है। जबकि माइक्रो क्रेडिट के लिए यह सीमा रूपये 50000 है।
4. उद्योगिनी स्कीम: इस योजना की शुरुआत महिला उद्यमियों को ऋण देने के लिए पंजाब एंड सिंध बैंक ने शुरू की है इस योजना को खास तौर पर ऐसी महिला उद्यमियों के लिए पेश किया गया है जिन्हें कृषि, रिटेल या अन्य किसी छोटे उद्यम के लिए वित्तीय सहायता अर्थात ऋण की आवश्यकता है । और उन्हें लचीली दरों एवं रियायती ब्याज दरों के साथ ऋण उपलब्ध कराया जा सके । इस योजना के तहत 18 से 45 साल की महिलाओं को अधिकतम रूपये 1 लाख तक ऋण देने का प्रावधान किया गया है लेकिन किस महिला को कितना ऋण मिलेगा वह उसकी पारिवारिक आय पर निर्भर करेगा। अनुसूचित जाति/जनजाति की महिलाओं के लिए यह सीमा रूपये 45000 है।
5. सेंट कल्याणी स्कीम: महिला उद्यमियों के लिए यह ऋण योजना सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा शुरू की गई है इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिला उद्यमियों को नया वेंचर स्थापित करने, या फिर मौजूदा उद्यम के विस्तारीकरण या पुनरुत्थान के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस प्रकार यह ऋण ऐसी महिलाओं द्वारा लिया जा सकता है जो ग्रामीण एवं कुटीर उद्योगों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों, स्वरोजगारित महिलाएं, कृषि एवं इससे संबद्ध गतिविधियों, खुदरा व्यापार और सरकार द्वारा प्रायोजित कार्यक्रमों में संलिप्त हैं। इस योजना की खास बात यह है की इसके तहत ऋण लेने के लिए कोई कोलैटरल सिक्यूरिटी या गारंटर की आवश्यकता नहीं होती है। और कोई प्रोसेसिंग शुल्क भी चार्ज नहीं किया जाता है। इस योजना के तहत दी जाने वाली अधिकतम राशि एक करोड़ रूपये है।
6. महिला उद्यम निधि स्कीम: इस योजना की शुरुआत पंजाब नेशनल बैंक द्वारा लघु उद्योगों से सम्बंधित महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता या ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है। इस योजना के तहत महिला उद्यमियों को सॉफ्ट ऋण प्रदान करने का प्रावधान किया गया है जिसे दस वर्षों की अवधि में चुकाया जा सकता है। इस योजना के तहत ब्यूटी पार्लर खोलने, डे केयर सेण्टर स्टार्ट करने, ऑटो रिक्शा खरीदने, दुपहिया वाहन खरीदने, कार खरीदने इत्यादि के लिए ऋण जारी किया जा सकता है। इस योजना के अंतर्गत अधिकतम रूपये 10 लाख तक का ऋण स्वीकृत हो सकता है। और जहाँ तक ब्याज की बात है यह बाजार दरों पर निर्भर करता है।
7. मुद्रा योजना: यह योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है इस योजना का उद्देश्य केवल महिलाओं को ही नहीं अपितु सभी व्यक्तिगत उद्यमियों को छोटे नए उद्यम शुरू करने के लिए ऋण मुहैया कराना है। इस योजना के तहत महिलाएं ब्यूटी पार्लर खोलने, टेलरिंग यूनिट स्थापित करने, ट्यूशन सेण्टर स्थापित करने इत्यादि के लिए ऋण ले सकती हैं। इस योजना के तहत तीन योजनाओं के अंतर्गत ऋण लिया जा सकता है पहला शिशु ऋण जिसे बिजनेस के शुरूआती दौर में लिया जा सकता है । और इसके तहत दी जाने वाली अधिकतम राशि रूपये 50000 है। दूसरा किशोर ऋण के लिए पहले से स्थापित उद्यम अप्लाई कर सकते हैं इसके तहत रूपये 50000 से रूपये 500000 तक का ऋण स्वीकृत किया जा सकता है। तीसरा तरुण लोन के लिए पहले से स्थापित उद्यम जो अपना विस्तारीकरण करना चाहते हैं अप्लाई कर सकते हैं इसके तहत रूपये 10 लाख तक का ऋण दिए जाने का प्रावधान है। यदि इस योजना के तहत ऋण स्वीकृत हो जाता है तो सम्बंधित व्यक्ति को एक मुद्रा कार्ड दिया जाता है जो क्रेडिट कार्ड की तरह कार्य करता है। हालांकि इसमें केवल कुल ऋण राशि का 10% फण्ड ही उपलब्ध रहता है।
8. ओरिएंट महिला विकास योजना: यह एक ऐसी योजना है जिसके अंतर्गत उन महिलाओं को ऋण उपलब्ध करवाया जाता है जो संयुक्त रूप से काम करती हों | इस योजना में महिलाओ को 10 लाख से लेकर 25 लाख तक ऋण बैंक द्वारा बिना किसी ग्रान्टर के देती है | क्योकि यह संयुक्त रूप से लोन दिया जाता है इसलिए इसमें किसी ग्रान्टर की आवश्यकता नहीं होती है | महिला उद्यमी चाहे तो लोन पुनर्भुगतान कर सकती है | जिसकी समयवधि 7 साल है तथा महिला को यह लोन 2% की ब्याज दर के हिसाब से दिया जाता है |
9. सिंडिकेट बैंक की महिला शक्ति: महिला उद्यमियों के लिए यह ऋण योजना सिंडिकेट बैंक द्वारा शुरू की गई है इस योजना के तहत बैंक नए एवं मौजूदा दोनों तरह के महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। यह योजना नए या मौजूदा महिला उद्यमियों से समबन्धित व्यवसायिक इकाइयों की कार्यशील पूँजी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 10 वर्षों तक के टर्म लोन के तहत या फिर नकद ऋण के रूप में लिया जा सकता है। इस योजना के तहत भी ऋण के लिए केवल ऐसे ही उद्यम अप्लाई कर सकते हैं जिसमें महिलाओं की मालिकाना हिस्सेदारी कम से कम 50% हो।
10. भारतीय महिला बैंक व्यवसायी ऋण —– इस योजना के अन्तरगत महिला उद्यमियों को अधिकतम 20 लाख रूपये तक की ऋण सुविधा उपलब्ध रहती है | इस योजना में महिला उद्यमी को 0.25% तक की ब्याज में छुट भी दी जाती है | परन्तु इस योजना का ब्याज दर अधिक होता है , इसमें लिए गए लोन की ब्याज दर 10.15% या किन्ही मामलो में इससे भी अधिक होती है | हालंकि इस योजना की सबसे अच्छी बात यह की यह लघु और सूक्ष्म उद्यम के लिए क्रेडिट गारंटी फण्ड ट्रस्ट के तहत एक करोड़ राशी के लिए सर्वपार्श्विक सुरक्षा की आवश्यकता नहीं होती है|
11 .स्त्री शक्ति योजना —- यह ऋण योजना भारतीय स्टेट बैंक द्वारा चलाया जा रहा है | जिसमे महिला उद्यमी को 5 लाख रूपये तक लोन दिया जाता है | इस योजना की खास बात यह है की लोन के ब्याज दर में 0.25% तक की छुट दी जाती है लेकिन तब जब ऋण की राशी 2 लाख रूपये से अधिक हो | महिला को 5 लाख तक के ऋण पर भी किसी प्रकार की सिक्युरिटी नहीं जमा करने पड़ती है , योजना का लाभ लेने के लिए महिला उद्यमी को प्रोजेक्ट रिपोर्ट के साथ आई कार्ड तथा एड्रेस प्रूफ जमा करना होता है |
12. प्रियदर्शनी योजना ——- इस योजना को बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा चलाया जा रहा है | इस ऋण योजना में अन्य ऋण के मुकाबले एक फीसदी कम ब्याद दर होता है , इसमें महिला उद्यमी को 2 लाख रूपये तक ऋण दिया जाता है |