Symptom of lever Cancer in Hindi
लीवर का कैंसर या तो लीवर में शुरू होता है या लीवर में शरीर के अन्य अंगों से फैलता है। दूसरे भागों से होकर लीवर तक होने वाले कैंसर सबसे ज्यादा पाया जाने वाला ठोस ट्यूमर है, जिसके एक मिलियन से अधिक मामलों का हर वर्ष निदान किया जाता है।
लिवर क्या है और क्या काम करता है :-
लीवर हमारे शरीर का अहम भाग है। जो कि शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। लीवर पित्त के उत्पादन में मुख्य भूमिका निभाता है। यह विटामिन, वसा जैसे अन्य पोषक तत्वों को पचाने में मदद करता है।
क्या है लीवर कैंसर: लीवर कैंसर को हेपेटिक कैंसर भी कहा जाता है। एक कैंसर होता है जो लीवर में शुरू होता है। जब कैंसर लीवर में विकसित होता है, तो यह लीवर कोशिकाओं को नष्ट कर देता है ।
लीवर कैंसर के दो प्रकार होते हैं
- प्राथमिक लीवर कैंसर, जो लीवर की कोशिकाओं में शुरू होता है। ज्यादातर प्राइमरी कैंसर लिवर कोशिकाओं से पैदा होते हैं व उन्हें हेपैटोसेलुलर कैंसर (कार्सिनोमा) कहा जाता है।
- द्वितीयक लीवर कैंसर, जो कैंसर कहीं और से शुरू होता है और अंततः लीवर तक पहुंच जाता है, उन्हें जिगर मेटास्टेसिस या द्वितीयक लीवर कैंसर कहा जाता है।
- लीवर कैंसर 40 साल की उम्र के लोगों को होने का ज्यादा खतरा रहता है।
Symptom of Liver Cancer लीवर कैंसर के लक्षण :-
ज्यादातर लोगों को शुरुआत में लीवर के लक्षण नहीं होते है। जिसके कारण हमें समझ नहीं आता है। जब इसके बारें में पता चलता है तो बहुत देरी हो जाती है।
- वजन कम होना।
- उल्टी होना।
- पीलिया
- भूख की कमी
- बुखार
- नार्मल खुजली
- हेपटेमेगाली
- बढ़े हुए स्प्लीन
- पेट में सूजन
- स्किन और आंखों का पीला होना।
- पैरों में सूजन होना।
लीवर कैंसर के कारण
हेपेटाइटिस बी या सी का गंभीर इंफेक्शन
सिरोसिस
डायबिटीज
लीवर फैटी होना।
अधिक मोटा होना।
स्मोकिंग या एल्कोहॉल का सेवन।
क्या है इलाज : –
सर्जरी : लिवर में प्रभावित हिस्से के आसपास के ऊत्तकों को ऑपरेशन कर निकालते हैं। लिवर में ट्यूमर किस जगह है उसपर सर्जरी निर्भर करती है।
नॉन सर्जिकल : इसके दो तरीके हैं। पहला कीमो एम्बोलाइजेशन इसमें एंटी-कैंसर ड्रग को सीधे लिवर की रक्तवाहिकाओं में इंजेक्ट करते हैं। दूसरा,रेडियो-फ्रीक्वेंसी एबलेशन इसमें कैंसर टिश्यूज को नष्ट करने या सिकोडऩे के लिए उच्च क्षमता वाली उर्जा की किरणों जैसे एक्स-रे व प्रोटॉन प्रयोग करते हैं। ये किरणें केवल लिवर पर असर करती हैं।
लिवर ट्रांस्प्लांट : खराब लिवर की जगह स्वस्थ लिवर को प्रत्यारोपित करते हैं। जिनके लिवर में छोटे-छोटे ऐसे ट्यूमर जो रक्त नलिकाओं तक न फैले हों उनमें यह ट्रांस्प्लांट होता है।
रोबोटिक सर्जरी : सर्जन कम्प्यूटर से रोबोट को नियंत्रित करते हैं। शरीर में छोटे-छोटे छेद लगाने से दर्द नहीं होता व निशान नहीं दिखते। जटिलताएं कम होने से रिकवरी जल्दी होती है व मरीज को अस्पताल से जल्दी छुट्टी दे देते है।