Skip to content

THE GYAN GANGA

Know Everythings

  • Home
  • Health
  • Knowledge
  • Biography
  • Tourist Place
  • WEIGHT LOSS
  • Home Remedies
  • Politics
  • Toggle search form
  • Discover Inspiring William Wordsworth Quotes Quotes
  • INDIA के २० सबसे बड़े घोटाले कौन से पार्टी ने की सबसे ज्यादा घोटाले
    INDIA के २० सबसे बड़े घोटाले कौन से पार्टी ने की सबसे ज्यादा घोटाले Knowledge
  • निदा फ़ाज़ली का जीवन परिचय :-
    निदा फ़ाज़ली का जीवन परिचय :- Biography
  • मिडिल ईस्ट का ‘पेरिस’ दुबई
    मिडिल ईस्ट का ‘पेरिस’ दुबई Tourist Place
  • NEFT RTGS or IMPS में क्या अंतर है
    NEFT RTGS or IMPS में क्या अंतर है Knowledge
  • Discover Inspiring John Walters Quotes Quotes
  • Best Quotes of M K Gandhi Life Quotes
  • व्लादिमीर लेनिन कौन था | जानिए क्रन्तिकारी नेता  व्लादिमीर लेनिन के बारे में
    व्लादिमीर लेनिन कौन था | जानिए क्रन्तिकारी नेता व्लादिमीर लेनिन के बारे में Biography
नागरिकता संशोधन विधेयक (बिल) 2019 क्या है ?

नागरिकता संशोधन विधेयक (बिल) 2019 क्या है ?

Posted on December 19, 2019April 8, 2024 By admin

नागरिकता संशोधन विधेयक (बिल) के अनुसार, हिंदू, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय के सदस्य जो 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हैं और वहां धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे थे, उन्हें अवैध अप्रवासी नहीं माना जाएगा बल्कि उन्हें भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी ।विधेयक के अनुसार, नागरिकता प्राप्त करने पर ऐसे व्यक्तियों को भारत में उनके प्रवेश की तारीख से भारत का नागरिक माना जाएगा और अवैध प्रवास या नागरिकता के संबंध में उनके खिलाफ सभी कानूनी कार्यवाहियाँ बंद कर दी जाएंगी।अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी तथा ईसाई प्रवासियों के लिये 11 वर्ष की शर्त को घटाकर 5 वर्ष करने का प्रावधान करता है।अवैध प्रवासियों के लिये नागरिकता संबंधी उपरोक्त प्रावधान संविधान की छठी अनुसूची में शामिल असम, मेघालय, मिज़ोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों पर लागू नहीं होंगे।इसके अलावा ये प्रावधान बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन, 1873 के तहत अधिसूचित ‘इनर लाइन’ क्षेत्रों पर भी लागू नहीं होंगे। ज्ञात हो कि इन क्षेत्रों में भारतीयों की यात्राओं को ‘इनर लाइन परमिट’ के माध्यम से विनियमित किया जाता है।वर्तमान में यह परमिट व्यवस्था अरुणाचल प्रदेश, मिज़ोरम और नगालैंड में लागू है। इस विधेयक में विदेशी भारतीय नागरिक (OCI) कार्डधारक के पंजीकरण को रद्द करने के लिये एक और आधार जोड़ने की बात की गई है, जिसके तहत यदि OCI कार्डधारक अधिनियम के प्रावधानों या केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित कोई अन्य कानून का उल्लंघन करता है तो भी केंद्र के पास उस OCI कार्डधारक के पंजीकरण को रद्द करने का अधिकार होगा।

क्यों हो रहा है इसका विरोध ?

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 सभी व्यक्तियों को कानून के समक्ष समानता की गारंटी देता है अर्थात् कानून के समक्ष सभी बराबर हैं। यह कानून भारतीय नागरिकों और विदेशियों दोनों पर समान रूप से लागू होता।लोगो का मानना है कि यह विधेयक अवैध प्रवासियों को मुस्लिम और गैर-मुस्लिम में विभाजित कर कानून में धार्मिक भेदभाव को सुनिश्चित करने का प्रयास करता है, जो कि लंबे समय से चली आ रही धर्मनिरपेक्ष संवैधानिक लोकनीति के विरुद्ध है।सरकार बार-बार यह दोहरा रही है कि इस विधेयक का एकमात्र उद्देश्य धार्मिक आधार पर उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है, परंतु यदि असल में ऐसा है तो विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश एवं पाकिस्तान के अतिरिक्त अन्य पड़ोसी देशों का ज़िक्र क्यों नहीं है।यह तथ्य नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता कि श्रीलंका में भी भाषायी अल्पसंख्यकों जैसे-तमिल ईलम के उत्पीड़न का एक लंबा इतिहास रहा है। वहीं भारत को म्याँमार के रोहिंग्या मुसलमानों के साथ हुए अत्याचारों को भी नहीं भूलना चाहिये।विशेषज्ञों के अनुसार विधेयक में मात्र 6 धर्मों को शामिल करने का उद्देश्य भी काफी हद तक अस्पष्ट है, क्योंकि गत कुछ वर्षों में पाकिस्तान के अल्पसंख्यक अहमदिया मुसलमानों, जिन्हें पाकिस्तान में गैर-मुस्लिम माना जाता है, के उत्पीड़न की खबरें भी सामने आती रही हैं।विधेयक के अनुसार, जो अवैध प्रवासी अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान के निर्दिष्ट अल्पसंख्यक समुदायों के हैं, उनके साथ अवैध प्रवासियों जैसा व्यवहार नहीं किया जाएगा। इन अल्पसंख्यक समुदायों में हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शामिल हैं। इसका तात्पर्य यह है कि इन देशों से आने वाले अवैध प्रवासी जिनका संबंध इन 6 धर्मों से नहीं है, वे नागरिकता के लिये पात्र नहीं हैं।भारतीय संविधान का अनुच्छेद 14 भारतीय तथा विदेशी नागरिकों सभी को समानता की गारंटी देता है। यह अधिनियम दो समूहों के बीच अंतर करने की अनुमति केवल तभी देता है जब यह उचित एवं तर्कपूर्ण उद्देश्य के लिये किया जाए।विधेयक में बांग्लादेश और पाकिस्तान को शामिल करने के पीछे तर्क दिया गया है कि विभाजन से पूर्व कई भारतीय इन क्षेत्रों में रहते थे, परंतु अफगानिस्तान को शामिल करने के पीछे कोई तर्कपूर्ण व्याख्या नहीं दी गई है।31 दिसंबर, 2014 की तारीख का चुनाव करने के पीछे का उद्देश्य भी स्पष्ट नहीं किया गया है

Knowledge

Post navigation

Previous Post: कैसे होता है भारत के राष्ट्रपति का चुनाव और कौन कौन देता है मत (वोट) ?
Next Post: नक्सलवाद के जनक – चारु मजूमदार | Father of Naxalism |

Related Posts

  • famous buddhist temple in india
    famous buddhist temple in india History
  • माँ भारती का सच्चा भगत: भगत सिंह
    माँ भारती का सच्चा भगत: भगत सिंह Knowledge
  • Bulk SMS Kya Hota Hai
    Bulk SMS Kya Hota Hai Knowledge
  • ओला (OLA) के साथ मिलकर कैसे शुरु करें कैब बिजनेस, कितनी होगी कमाई?
    ओला (OLA) के साथ मिलकर कैसे शुरु करें कैब बिजनेस, कितनी होगी कमाई? Knowledge
  • ★ अबी अहमद अली बने इस साल के शांतिदूत, मिला नोबेल पुरस्कार ★
    ★ अबी अहमद अली बने इस साल के शांतिदूत, मिला नोबेल पुरस्कार ★ Knowledge
  • Difference Between CAA and NRC
    Difference Between CAA and NRC Knowledge

  • Home
  • Health
  • Knowledge
  • Biography
  • Tourist Place
  • WEIGHT LOSS
  • Home Remedies
  • Politics
  • Home
  • Health
  • Knowledge
  • Biography
  • Tourist Place
  • WEIGHT LOSS
  • Home Remedies
  • Politics
  • Discover Inspiring Simone Weil Quotes Quotes
  • Everything You Need to Know About Lemon Water Benefits FITNESS
  • अगर आप कनाडा जाना चाहते है तो ये तरीके अपनाये
    अगर आप कनाडा जाना चाहते है तो ये तरीके अपनाये Knowledge
  • जटायू पार्क: राम के पक्षी दूत History
  • Health Benefits Of Chickpeas (Garbanzo Beans) Nutrition
  • मौलाना अबुल कलाम आज़ाद: आज़ादी का सच्चा सिपाही
    मौलाना अबुल कलाम आज़ाद: आज़ादी का सच्चा सिपाही Knowledge
  • न्यूज़ीलैंड की मस्ज़िद मे आतंकी हमला, बाल बाल बचे बांग्लादेशी क्रिकेटर्स Politics
  • Saragarhi लड़ाई के कुछ रोचक तथ्य जो आप को नहीं पता होगा :
    Saragarhi लड़ाई के कुछ रोचक तथ्य जो आप को नहीं पता होगा : History

Copyright © 2025 THE GYAN GANGA.

Powered by PressBook News WordPress theme