एक पौधा ऐसा है जिसमें लाज-शर्म जैसा मानवीय गुण भी देखा जा सकता है, इसे लाजवंती का पौधा कहते हैं। इस पौधे का बॉटनिकल नाम ‘मिमोसा प्यूडिका’ है। हमारे हाथ लगाते ही यह पौधा शर्माकर सिकुड़ जाता है जिसे देखना बहुत मनोरंजक होता है। लाजवंती का पौधा इंसानों के हाथ लगाने से ही नहीं बल्कि किसी भी बाहरी चीज के छू जाने से भी सिकुड़ जाता है इसीलिए इसे ‘छुई-मुई’ पौधा भी कहा जाता है। छूते ही सिकुड़ने की अपनी प्रकृति के चलते यह पौधा जानवरों के खाने से भी बचा रहता है, जैसे ही कोई जानवर इसे खाने की कोशिश करता है इसकी पत्तियां सिकुड़ कर सूखी पत्तियों जैसी हो जाती हैं जिससे जानवर इसे बेजान पौधा समझकर छोड़ देते हैं। छुई मुई का पौधा एक प्रकार की बारहमासी झाड़ी है जो कि ऊंचाई में बहुत ही कम बढ़ती है। इस झाड़ी में कांटे होते हैं। इस पौधे की ऊंचाई लगभग 15-100 सेमी होती है। इस प्रकार के पौधे आपको अक्सर सड़क के किनारे, चारागाहों या खेतों में देखने को मिल सकते हैं। इसकी जड़े पतली और वेलनाकार होती हैं। इस पौधे की मोटाई लगभग 2 सेमी. तक हो सकती है। इसके पत्ते छोटे-छोटे होते हैं जो शाखओं के दोनो ओर होते हैं। यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होता है।
छुई-मुई का पौधा एक ऐसा पौधा है जिसकी जड़ों से लेकर बीज तक का उपयोग कई प्रकार की बीमारियों जैसे आँखों के काले घेरे, आतों के घाव, कब्ज़, शारीरिक कमज़ोरी, नक़सीर, नपुंसकता, नेत्र रोग, मधुमेह रोग, टॉन्सिल्स, पेट के कीड़े, पेट दर्द, फोड़े फुंसी, बदहजमी, बवासीर, डायबीटीज़ आदि को दूर करने में किया जाता है।
1. मधुमेह रोग में राहत :– मधुमेह के रोगियों को छुई-मुई का काढ़ा पिलाने से आराम मिलता है। काढ़ा बनाने के लिए छुइमुइ की 100 ग्राम पत्तियों को 300 मिली पानी में डालकर काढ़ा बना लें और इस काढ़ा को मधुमेह के रोगियों को पिला दीजिए।
2. नपुंसकता का इलाज:तीन इलायची, तीन ग्राम छुई-मुई की जड़, तीन ग्राम सेमल की छाल को कूट पीसकर एक गिलास दूध में मिलाकर प्रतिदिन रात को सोने से पहले पीने से नपुंसकता की समस्या से निजात मिलता है।
3. कमज़ोरी दूर करे:रोज़ाना रात को सोने से पहले तीन ग्राम छुई-मुई के बीजों के चूर्ण को दूध के साथ मिलाकर पीने से शारीरिक कमज़ोरी दूर हो जाती है।
4. घाव ठीक करें:यदि किसी को घाव हो जाए तो छुई मुई की जड़ का 2 ग्राम चूर्ण दिन में तीन बार गुनगुने पानी के साथ पीने से घाव जल्दी भरने लगता हैं।
5. टॉन्सिल्स का उपचार:टॉन्सिल्स की समस्या होने पर छुई मुई की पतियों को पीस कर दिन में दो बार गले पर लगाने से तुरंत राहत मिलता है।
6. शुगर रोग से निजात:100 ग्राम लाजवन्ती के पतों का काढ़ा बना कर सुबह शाम पीने से शुगर (डॉयबिटीज) के मरीज़ को स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।
7. वीर्य की कमी दूर करें:रोज़ रात को चार ग्राम लाजवंती के बीज और जड़ का चूर्ण एक गिलास दूध के साथ मिलाकर पीने से पुरुषों में वीर्य की कमी की समस्या काफ़ी हद तक दूर हो जाती है।
लाजवंती का पौधा औषधीय गुणों से परिपूर्ण है इसलिए आज ही छुईमुई के पौधे को अपने घर में लगाएं और छुई-मुई के गुण और लाजवंती के फ़ायदे से अनेकों लाभ उठाएँ।