यह योजना उन क्षेत्रों में भूजल स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई है जहां यह काफी नीचे चला गया है. योजना का मुख्य उद्देश्य भूजल का स्तर बढ़ाना है. साथ ही, यह योजना केंद्र सरकार द्वारा किसानों को लाभ प्रदान करने के लिए लाई गई है.केंद्र सरकार इस योजना के तहत किसानों के लिए पर्याप्त जल भंडारण सुनिश्चित करना चाहती है. इस योजना के तहत सात राज्यों के 8350 गांव लाभान्वित होंगे. भूजल के संरक्षण हेतु शैक्षणिक और संवाद कार्यक्रमों को संचालित किया जायेगा.
इस योजना से महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात इन सात राज्यों के भूजल का उठाने में बहुत सहायता मिलेगी. इन सात राज्यों के 78 जिलों में 8,350 ग्राम पंचायतों में भूजल की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है.
इस योजना में आम लोगों को भी शामिल किया जाएगा. जल सुरक्षा के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर काम किया जाएगा. इस योजना के तहत राज्यों में स्थायी भूजल प्रबंधन के लिए संस्थागत प्रबंधनों को मजबूत बनाया जाएगा. अटल भूजल योजना के तहत साल 2024 तक हर घर में पीने का पानी पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘अटल भूजल योजना’ में एक प्रावधान किया गया है, जिसमें बेहतर प्रदर्शन करने वाली ग्राम पंचायतों को अधिक आवंटन दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पिछले 70 वर्षों में, 18 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3 करोड़ के पास पाइप जलापूर्ति की सुविधा पहुंच पाई है. अब सरकार ने पाइपों के जरिए अगले 5 वर्षों में 15 करोड़ घरों में पीने के स्वच्छ पानी की सुविधा पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.पृष्ठभूमि
मोदी सरकार ने मार्च 2018 में ‘अटल भूजल योजना’ का प्रस्ताव रखा था. इस योजना को विश्व बैंक की सहायता से 2018-19 से 2022-23 की पांच वर्ष की अवधि में कार्यान्वित किया जाना है. इस योजना का लक्ष्य भूजल का गंभीर संकट झेल रहे सात राज्यों में सबकी भागीदारी से भूजल का उचित और टिकाऊ प्रबंधन करना था.वर्ष 2016-17 के केंद्रीय बजट में ‘राष्ट्रीय भूजल प्रबंधन सुधार योजना’ (National Groundwater Management Improvement Programme- NGMIP) की घोषणा की गई थी। मई 2017 में व्यय वित्त समिति द्वारा इस योजना को बंद कर दिया गया था। लेकिन बाद में इस योजना को ‘अटल भूजल योजना’ के रूप में पुनः नामकरण कर फिर से शुरू किया गया।
इस योजना का क्रियान्वयन जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय (Ministry of Water Resources, River Development & Ganga Rejuvenation) द्वारा किया जा रहा है।
अटल भूजल योजना का उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से देश के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में भूजल प्रबंधन में सुधार करना है।
इस योजना में विश्व बैंक और केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 50:50 की है।
यह योजना गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में जल की कमी वाले क्षेत्रों हेतु प्रस्तावित है।
इस योजना के अंतर्गत इन प्रदेशों के 78 ज़िलों, 193 ब्लॉकों और 8350 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है।
केंद्रीय भूजल बोर्ड की विगत वर्ष की रिपोर्ट के अनुसार, देश के 6584 भूजल ब्लॉकों में से 1034 ब्लॉकों का अत्यधिक उपयोग हुआ है। सामान्यतः इन्हें ‘डार्क ज़ोन’ (पानी के संकट की स्थिति) कहा जाता है।