दोस्तों अब इंडिया बदल रहा है और अब हम इंडियंस सिर्फ़ खाने पीने के शौकीन ही नही है। अब हम अपने घर, ड्राइंग रूम, किचन, और बेडरूम को सजाने मे भी अब पैसे ख़र्च करने लगे है। जी हाँ! हम बात कर रहे है इंटीरियर डेकोरेशन या डिजाइनिंग की। आजकल लोग अपने घर को एक से एक डिज़ाइन से सजाकर और एक दूसरे से अलग दिखाना चाहते है। आज कल लोग अपने घर की सजावट के लिए इंटीरियर डेकोरेटर से सलाह लेते हैं। तो दोस्तों अब इस फील्ड मे भी रोजगार के बहुत सारे विकल्प खुल गए है। लोग अब इससे जुड़े बिज़नेस को बहुत महत्व दे रहे है। अगर आपके पास इंटीरियर डिजाइनिंग के कोर्स की डिग्री, कौशल एवं कला है तो बस देर किस बात की आइए और तैयार हो जाइए अपने टैलेंट के दम पर दूसरे के घरों को सजाने के लिए। आप स्टार्ट कीजिये अपना खुद का इंटीरियर डेकोरेशन या डिजाइनिंग का बिज़नेस।
अब हम बात करते है इस बिज़नेस से जुड़ी ज़रूरी बातों का जिसे ध्यान देने पर आप अपने बिज़नेस को और तरक्की पे ले जा सकते है।
★ क्या है इंटीरियर डिज़ाइनर में स्कोप :—
आज के फैशन के टाइम मे इंटीरियर डिजाइनिंग का बहुत ही स्कोप है। अगर आप के पास नये आईडिया, डिजाइनिंग और रचनात्मक सोच है तो आप इस बिज़नेस को कर सकते है और आप को बहुत जल्दी सफ़लता मिल सकती है। अगर हम पिछले सालों की बात करें तो इसमें बहुत से लोगों ने अपना कैरियर बनाया है और अब इसमें और लोग अपना कैरियर बना रहा है। अगर आपके पास डिज़ाइन ले कलाकारी कर सकते है तो आप लोगों कि पसन्द बन सकते है। इस पेशे मे आपको होम या प्रॉपर्टीज को डिजाइन करना शामिल है, और उसके बाद उन डिजाइन को बनाना जो कि ग्राहक आपसे जिसकी डिमांड करते है। इस काम को करने के लिए आपके पास बहुत अच्छा मैनेजमेंट और कम्युनिकेशन स्किल भी होनी चाहिये, और साथ ही आपका काम रचनात्मक होना चाहिए.
★ शिक्षा एवं अनुभव की आवश्यकता:–
आजकल हर जगह शिक्षा का महत्व हो गया है , लोग भी उन्हीं लोगों को काम भी देना चाहते है जो उस काम की पढ़ाई किया हो और उसके पास उस चीज़ का प्रैक्टिकल ज्ञान भी हो। और जब आप इस काम को करने की बात करते है तो आपको और ज्ञान और प्रैक्टिकल की ज़रूरत होती है। इस काम के पढ़ाई मे आपको कलर थ्योरी, डिजाइन स्टाइल, कलर स्कीम पर आपकी पकड़ मजबूत करके आपको इसका प्रैक्टिकल मे कुशल बनाकर आपको इस काम के लिए तैयार किया जाता है।
★ उपकरण एवं आवश्कतायें :–
हर बिज़नेस की तरह आपको इसमें ज़रूरी उपकरण और सामानों की लिस्ट होनी चाहिए। आप इन चीज़ों के बिना अपना बिज़नेस नही स्टार्ट कर सकते है। इसके लिए आपके पास एक लेजर प्रिंटर और एक सॉफ्टवेयर के साथ एक कंप्यूटर सिस्टम, एक फैक्स मशीन, फैब्रिक्स एवं वाल कवरिंग की सैंपल बुक्स और नाप लेने के लिए एक टेप आदि का होना आवश्यक है. आप कई इंटीरियर डिजाइन सॉफ्टवेयर प्रोग्राम खरीद सकते हैं, जो आपको फ्लोर प्लानिंग्स, 3 – डायमेंशनल कमरे की डिजाइन और यहाँ तक कि डेकोरेटिंग कलर को बदलने की सुविधा प्रदान करेंगे. यदि आप एक कंप्यूटर पर्सन हैं, तो आप एक ही ऐसा सॉफ्टवेयर खरीद सकते हैं, जो आपको ये सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराये. आपको इन चीज़ों को चलाने के लिए स्टाफ भी रखने पड़ सकते है क्योंकि ये आप अकेले नही चला सकते है। आपको उनको देने के लिए वेतन का बहु जुगाड़ करना पड़ सकता है।
★ इंटीरियर डिजाइनिंग व्यापार ऑनलाइन और ऑफलाइन कैसे शुरू करें :–
● ऑनलाइन माध्यम से कैसे शुरू करें :—-
दोस्तों आजकल हर चीज़ इंटरनेट पे है और यदि किसी व्यक्ति को कोई सेवा लेनी है तो वो किसी व्यक्ति से सलाह न लेते हुए सीधे इंटरनेट की मदद लेता है। उसी तरह इंटीरियर डिजाइन के लिए ग्राहक इंटरनेट का सहारा लेते है। अगर आप ख़ुद एक इंटीरियर
डिजाइनर है तो सबसे पहले आपको अपनी एक ख़ुद की वेबसाइट बनानी होगी, जिससे ग्राहक आपके पास सीधे संपर्क कर सकते है। आप अपनी वेबसाइट पे अपने काम के बारे मे उनको बता सकते है। अपने पहले के काम को उस वेबसाइट पे डाल सकते है। ताकि वेबसाइट पे आने वाले लोग आपके ग्राहक बन जाएं। आप उसमें अपना संपर्क सूत्र ज़रूर डालें।
● ऑफलाइन माध्यम से कैसे शुरू करें :—
यदि आप ऑफ लाइन बिज़नेस कर रहे है तो सबसे पहले आपको अपन इंटीरियर डेकोरेशन बिज़नेस के लिए ऑफिस खोलना चाहिए, जहाँ आप अपने क्लाइंट या ग्राहक से मिल सकते हैं. आप अपने बिज़नेस के लिए प्रचार प्रसार भी कर सकते है। इसके लिए आप आपनी खुद की डिज़ाइन को स्थानीय न्यूज़पेपर या अन्य माध्यम से विज्ञापन दे सकते हैं. ताकि लोग आकर्षित होकर आपके पास अपने घर का इंटीरियर डिज़ाइन कराने के लिए आयें. आप आज के मीडिया जैसे वाट्सअप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया टूल्स की मदद ले सकते है। आपके पास आपकी खुद की किये हुए इंटीरियर डिज़ाइन कार्य के कैटलॉग होने चाहिये. ताकि जब लोग आपके ऑफिस में आये, तो आप उन्हें अपनी डिजाइन से आकर्षित कर सकें. आप अपने ग्राहकों की सुविधा का ख़्याल रखें।
★ टैक्स रजिस्ट्रेशन एवं बैंक खाता :—
बिज़नेस शुरू करने से पहले आपको रजिस्ट्रेशन करने की आवश्यकता होगी. इसके साथ ही आपको इंटीरियर डिजाइनिंग व्यवसाय के लिए एक व्यापार बैंक खाता भी खोलना चाहिए. एक अलग व्यापारिक खाता आपके व्यापार को व्यवस्थित रखता है और आपके व्यवसाय को आपके ग्राहकों के लिए अधिक प्रोफेशनल दिखाता है.
★ लाइसेंस या अनुमति:–
आपको अपने बिज़नेस के लिए लाइसेंस एवं विशेष अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा. यदि आप आवश्यक परमिट और लाइसेंस प्राप्त करने में विफल होते हैं, तो आपको इसके लिए भारी जुर्माना देना पड़ सकता है, या आपके व्यवसाय को बंद भी किया जा सकता है. यदि आप औपचारिक रूप से ‘इंटीरियर डिजाइनर’ के शीर्षक को अपनाना चाहते हैं और इसके लाइसेंस के लिए क्वालीफाई करने के लिए आपको इंटीरियर डिजाइन सर्टिफिकेशन परीक्षा के लिए राष्ट्रीय काउंसिल को पास करना होगा. यह परीक्षा देने के लिए आपके पास इंटीरियर डिजाइन में बेचेलर की डिग्री और 2 साल का कार्य का अनुभव होना आवश्यक है.
★ कुल निवेश :—
इस बिज़नेस को स्टार्ट करने के लिए लगभग 15 से 20 लाख रूपये तक का निवेश करना पड़ सकता है. आपको अपना खुद काम शुरू करने के लिए एवं वहां पर आवश्यक चीजें जैसे कंप्यूटर, टेलीफोन और वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर आदि की व्यवस्था के लिए निवेश करना होगा.
★ लाभ मार्जिन :—
इस बिज़नेस में लाभ मार्जिन बहुत बड़ा है. ये ऐसे व्यवसाय है, जहाँ आप अपने लाभ मार्जिन को कम से कम 20 – 25 % तक बढ़ा सकते हैं.बिज़नेस को बढ़ाने के लिए अच्छे मार्जिन सेट करना महत्वपूर्ण है. मूल्य निर्धारण को उस स्तर पर सेट करने की आवश्यकता है, जो आपको भारी लाभ मार्जिन की गारंटी देता है.