स्टैचू ऑफ लिबर्टी न्यूयॉर्क हार्बर में स्थित एक विशाल मूर्ति है। स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी, अमेरिका के न्यूयार्क शहर के मैनहट्टन में ‘लिबर्टी द्वीप’ पर स्थित हैl इस स्टैच्यू का डिजायन फ्रांसीसी मूर्तिकार “फ्रेडरिक अगस्त बार्थोल्दी” ने तैयार किया था जबकि इसका निर्माण “गुस्ताव एफिल” ने किया थाl फ्रांसीसी और अमेरिकी लोगों ने इस स्टैच्यू के निर्माण के लिए 2,250,000 फ्रैंक (250,000 अमेरिकी डॉलर) एकत्र किए थेl 1984 में यूनेस्को ने इसे ‘विश्व विरासत स्थल’ घोषित किया था
स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी, 4 जुलाई 1776 को अमेरिका की स्वतंत्रता की स्मृति में अमेरिकियों के लिए फ्रांसीसियों द्वारा दिया गया एक उपहार था। स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी का निर्माण फ्रांस और अमेरिका दोनों के संयुक्त प्रयासों के द्वारा किया गया थाl इसके लिए अमेरिका और फ्रांस की सरकार के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था जिसके अनुसार अमेरिकी लोगों ने इस मूर्ति के आधार का निर्माण किया था और फ्रांसीसी लोगों ने इस मूर्ति को स्थापित किया थाl तांबे की यह मूर्ति 151 फुट लंबी है, लेकिन चौकी और आधारशिला मिला कर यह 305 फुट ऊंची है। 22 मंज़िला इस मूर्ति के ताज तक पहुंचने के लिये 354 घुमावदार सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। यदि कोई व्यक्ति मूर्तितल से स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के सिर तक जाना चाहता है तो उसे 354 कदम चलना पड़ेगाl मूर्ति के भीतर से उसके सिर तक पहुंचने का रास्ता भी बनाया गया हैl इस स्टैच्यू को फ्रांस में जुलाई 1884 में तैयार कर लिया गया था और फ्रांसीसी युद्धपोत “आईसेर” द्वारा 17 जून 1885 को न्यूयॉर्क बंदरगाह पर लाया गया थाl अमेरिकन क्रांति के दौरान फ्रान्स और अमेरिका की दोस्ती के प्रतीक के तौर पर तांबे की बनी ये मूर्ति फ्रान्स ने 1886 में अमेरिका को दी थी। 2010 का अनुमान है कि इस मूर्ति को देखने रोज़ाना 12 से 14 हज़ार लोग आते हैं।
स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी, 4 जुलाई 1776 को अमेरिका की स्वतंत्रता की स्मृति में अमेरिकियों के लिए फ्रांसीसियों द्वारा दिया गया एक उपहार था। इस स्टैच्यू को फ्रांस में जुलाई 1884 में तैयार कर लिया गया था और फ्रांसीसी युद्धपोत आईसेर द्वारा 17 जून 1885 को न्यूयॉर्क बंदरगाह पर लाया गया था और यहीं पर इसकी स्थापना हुई थीl फ्रांस से अमेरिका लाने के क्रम में स्टैच्यू को 350 टुकड़ों में बांटा गया था और 214 बक्सों में पैक किया गया थाl अमेरिका पहुंचने के बाद इस स्टैच्यू के टुकड़ों को फिर से जोड़ने में 4 महीने का समय लगा थाl
28 अक्टूबर, 1886 को तत्कालीन राष्ट्रपति “ग्रोवर क्लीवलैंड” ने हजारों दर्शकों के सामने “स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी” का अनावरण किया था l
” मूर्ति का आकार”
जमीन से स्टैच्यू के टॉर्च के ऊपरी हिस्से तक की ऊंचाई 305 फीट, 6 इंच हैl मूर्तितल से सिर के ऊपरी हिस्से तक की ऊंचाई 111 फीट, 6 इंच हैl स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी का कुल वजन 225 टन हैl 1986 में मरम्मत के दौरान नई मशाल को 24 कैरेट सोने की पतली चादर से सावधानीपूर्वक घेरा गया थाl
“मूर्ति का संदेश”
* मूर्ति के मुकुट पर 7 किरण हैं, जो दुनिया के 7 महाद्वीपों का प्रतिनिधित्व करती हैंl प्रत्येक किरण की लंबाई 9 फीट है और उनका वजन लगभग 150 पाउंड।
* मूर्ति के बाएं हाथ में 23 फीट 7 इंच लम्बा और 13 फीट 7 इंच चौड़ा नोटबुक या तख्ती है जिस पर JULY IV MDCCLXXVI लिखा हुआ है जो 4 जुलाई, 1776 को प्रदर्शित करता हैl
* इस स्टैच्यू के पाँवों में पड़ी हुई टूटी बेड़ियाँ उत्पीड़न और अत्याचार से मुक्ति का प्रतीक है
“स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी” की प्रमुख भौतिक विशेषताएँ निम्न है:
विशेषता
माप
तांबे की प्रतिमा की ऊंचाई
151 फीट 1 इंच
जमीन से मशाल के ऊपरी हिस्से तक की ऊंचाई
305 फीट 1 इंच
मूर्तितल से सिर की ऊंचाई
111 फीट 1 इंच
हाथ की ऊंचाई
16 फीट 5 इंच
तर्जनी अंगुली की लम्बाई
8 फीट 1 इंच
आँखों के बीच की दूरी
2 फीट 6 इंच
नाक की लम्बाई
4 फीट 6 इंच
दाहिने बांह की लम्बाई
42 फीट
कमर की मोटाई
35 फीट
चेहरे की चौड़ाई
3 फीट
नोटबुक या तख्ती की लम्बाई
23 फीट 7 इंच
नोटबुक या तख्ती की चौड़ाई
13 फीट 7 इंच
नोटबुक या तख्ती की मोटाई
2 फीट
मूर्तितल की ऊंचाई
89 फीट
नींव की ऊंचाई
65 फीट
स्टैच्यू में लगे तांबे का कुल वजन
27.22 टन
स्टैच्यू में लगे स्टील का कुल वजन
113.4 टन
स्टैच्यू का कुल वजन
225 टन
तांबे के शीट की मोटाई
2.4 मिमी
इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी अपने विशाल आकार और महत्व के कारण पूरी दुनिया के कुछ गिने चुने अजूबों में गिनी जाती हैl अपनी इसी विशाल संरचना के कारण यह दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है l