जब शरीर में संक्रमण से लड़ने की क्षमता कमजोर होने लगती हैं. शरीर में बाहरी संक्रमण (External Infection) का प्रवेश कर जाना और मौसम का अचानक बदलना आदि बुखार का प्रमुख कारण (Causes Of Fever) बन जाता हैं ज्यादातर बुखार मौसम के परिवर्तन के कारण आता हैं इसका कारण होता हैं कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता. जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी उन्हें आसानी से बुखार नहीं आता फिर चाहे मौसम कैसा ही हो और जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती हैं उन्हें मौसम में जरा से परिवर्तन होने पर ही सर्दी जुकाम हो जाता हैं तो बार-बार बुखार आना इसी वजह से होता हैं. यहां हम इसी विषय में बुखार का इलाज व घरेलु उपचार के बारे में जानेंगे इसमें हम बुखार के घरेलु नुस्खे व उपाय का उपयोग करेंगे.
बुख़ार के प्रकार : (Bukhar Aane Ke Prakar)
पुराना बुखार, तेज बुखार, बार-बार बुखार आना, सर्दी लगकर बुखार आना।
बुखार आने के लक्षण : ( Bukhar Aaane ke Lakshan )
जोड़ों व हाथ पैरों में दर्द होना, जी मिचलाना (घबराना), गले में कफ बनना खराश होना, ठण्ड लगना, शरीर में आलस्य व सुस्ती आना, शारीरिक कमजोरी आना, जरा सा काम करने पर थकान महसूस होना, कई रोगियों को बुखार में सिर का दर्द भी होता हैं, चिड़चिड़ापन आता हैं, एक जगह बैठने का मन करता हैं आदि यह सभी बुखार के सामान्य संकेत होते हैं.
बुखार के कारण :
वायरल बुखार यानि संक्रमित बुखार यह किसी बाहरी संक्रमण के शरीर में प्रवेश कर जाने से होता हैं. इस बुखार में गले में दर्द, गले में खराश और ज्यादा सर्दी होना आदि लक्षण दिखाई देते हैं.
Bhukhar ke Gharelu Upchar
बुखार के लिए रामबाण काढ़ा :
हरी तुलसी के पत्ते, सुखी हुई अदरक जिसे सोंठ भी कहते हैं, पीपर (छोटी) के टुकड़े, गिलोय सत। सभी वस्तुओ को एक साथ लेकर बारीक-बारीक पीस लें, तुलसी के पत्ते, सोंठ, गिलोय सत, छोटी पीपर आदि इन सभी को अच्छे से कूटकर बारीक कर लें. इसके बाद 1 ग्लास पानी लें और उसमे यह सभी चीजे मिला दें. अब आखिर में एक बर्तन या कटोरा लें और उसमे यह 1 ग्लास पानी मिला कर उस कटोरे/बर्तन को गैस की आग पर रख दें. अब आप इसे अच्छे से उबाले, जब तक यह पानी आधा न रह जाए तब तक इसे उबालते रहे फिर आखिर में जब पानी आधा रह जाए तब इसे गैस से उतारकर ठंडा होने दें और फिर रोगी को पीला दें. इसका प्रयोग दिन में 2 से 3 बार तक करना होता हैं, इस बुखार की दवा को लेने के बाद आप आराम करे खुली हवा में न जाए.
तुलसी हैं बुखार का आयुर्वेदिक इलाज :
तुलसी के पत्ते, इलाइची, लौंग और कालीमिर्च इन तीनो को 4 की मात्रा में लेवे, थोड़ा सा गुड़ अदरक भी लेवे और आखिर में पानी ले लें. इन सभी सामग्री को लेने के बाद आप सबसे पहले एक बर्तन में बताई गई मात्रा में पानी डालकर आग पर उबालना शुरू करे. जब पानी उबलना शुरू होने लगे तो इसमें कालीमिर्च, लौंग, अदरक, गुड़ इन सभी को बारीक़ पीसकर डाल दें. इन सभी को डालने के बाद 1-2 मिनट रुके और फिर तुलसी के पत्तों को इस पानी में डाल दें. अब सभी सामग्री डाली जा चुकी हैं अब वक्त हैं थोड़ी देर इंतजार करने का. जब यह पानी उबलकर आधा रह जाए तब इसे गैस पर से उतार लें और ठंडा होने का इंतजार करे. इसे आप रोजाना रात को सोने से पहले प्रयोग में लाये, इसका सेवन करने के बाद आप पानी न पिए व खुली हवा में भी न जाए. तुलसी का काढ़ा पिने से बुखार में बहुत लाभ होता हैं, यह काढ़ा सामान्य बुखार व वायरल बुखार दोनों तरह के ट्रीटमेंट में रामबाण होता हैं. इसके सेवन से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं, सर्दी जुकाम दूर होता हैं, कफ की शिकायत ख़त्म हो जाती हैं.
तेज बुखार में बर्फ का सेंक :
तेज बुखार आने पर डॉक्टर भी ठन्डे पानी का सेंक करने की सलाह देते हैं, ऐसा करने से तेज बुखार से आराम मिलता हैं. इसके लिए एक सूती कपडा लें और इसे ठन्डे पानी में भिगोकर अपने सिर पर इसकी पट्टी रखे, जब पट्टी का पानी सुख जाए तो इसे दुबारा पानी में डुबोकर अपने सिर पर रखें. अगर आप पानी की पट्टी सिर पर नहीं रखना चाहते तो इसके बदले आप बर्फ के टुकड़ों का प्रयोग भी कर सकते हैं. इसके लिए एक पॉलीथिन लें और उसमे बर्फ के बारीक-बारीक टुकड़े करके रख लें. अब सबसे पहले अपने सिर पर एक कपडा रख लें और उस कपडे के ऊपर यह बर्फ की पॉलीथिन रख लें.
लौंग सबसे आसान उपाय :
लौंग ! अगर आपको सामान्य बुखार हैं तो आप इसे जरूर आजमाए. एक लौंग अच्छे से बारीक़-बारीक़ पीसकर हलके गर्म पानी के साथ लेने से बुखार जल्द ही ठीक हो जाता हैं. इस प्रयोग को आप दिन में तीन से चार बार करे, हर बार एक-एक लौंग लें. इसका प्रयोग करने के बाद खुली हवा में न जाए व आराम करे.
अदरक के कारगर उपाय :
अदरक भी बुखार में बहुत फायदेमंद होता हैं, इसमें ऐसे गुण होते हैं जो की सर्दी जुकाम व बुखार को ख़त्म करने में मदद करते हैं. हम इसका दो तरह से प्रयोग कर सकते हैं पहला हैं अदरक के पानी से स्नान और दूसरा हैं अदरक की चाय. अगर आपके पास बाथटब हैं तो उसमे गर्म पानी डाले और बाद में अदरक का पाउडर 2-3 चम्मच डाले (बड़ी चम्मच) और अच्छे से मिला दें. अब आखिर में आप इस पानी में लेट जाए और करीबन 11-12 मिनट तक इसीमें लेटे रहे. समय होने पर अपने शरीर को अच्छे से साफ़ कर लें और बिस्तर में जाकर सो जाए इस प्रयोग को करने के बाद आपको तेज गर्मी आएगी, इसलिए कंबल रजाई ओढ़कर लेट जाए और गर्मी को आने दे इससे आपका बुखार खत्म हो जायेगा.
बुखार में खांसी होने पर :
अगर आपको बुखार के साथ-साथ तेज खांसी भी चल रही हैं तो आप यह उपाय आजमाए. सबसे पहले 1-2 चम्मच हल्दी लें अब गैस जलाये और उसपर रोटी बनाने का तवा रख दें जब तवा गर्म होने लगे तो उसपर 1-2 चम्मच हल्दी डाल दें और हल्दी को अच्छे से सेंके. जब हल्दी हलकी-हलकी काली पढ़ने लगे तो उसे तवे पर से उतार लें इसे एक तरफ रख दें और अब 1 ग्लास में पानी लें और इसे हल्का गुन-गुना गर्म कर लें अब आखिर सिंकी हुई हल्दी को एक साथ फांक लें मुंह में रख लें और ऊपर से यह गुन-गुना गर्म पानी पि जाए. इस प्रयोग को 2-3 तक करने मात्रा से तेज से तेज खांसी भी शांत हो जाती हैं.
सर्दी लग कर आया बुखार :
अगर किसी को सर्दी जुकाम से बुखार आया हो या बुखार में सर्दी जुकाम ज्यादा हो रही हो तो उन्हें यह प्रयोग जरूर करना चाहिए. थोड़ी सी पोदीना, 6 कालीमिर्च के दाने और थोड़ा सा नमक इन सभी को एक 2 कप पानी में डालकर अच्छे से उबाले जब पानी आधा रह जाए, यानी एक कप जितना रह जाए तो इसे रोगी को पिने के लिए दे दें. इसको पिने से सर्दी लग कर आया बुखार दूर हो जायेगा खांसी जुकाम सब खत्म हो जायेंगे.
इसके अलावा जब सर्दी लग कर बुखार आये तो थोड़े से अदरक को बारीक पीसकर उसके रस को एक आधी चम्मच शहद में मिलाकर रोगी को रात को सोने से पहले व सुबह उठने के बाद तीन चार दिन तक दें. इस उपाय को कारण सर्दी से आया हुआ बुखार वयस्क व छोटे बच्चों का बुखार का इलाज हो जाता हैं. यह बहुत ही आसान व सरल सा प्रयोग हैं.
बुखार से बचने के उपाय :
बुखार के समय रोगी को आराम करना चाहिए व बाहरी हवा में ज्यादा घूमना फिरना नहीं चाहिए। रोगी को भरपूर मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए, ऐसा करने से शरीर की प्रणाली सही चलती रहती हैं व शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकलते रहते हैं.
सामान्य चाय न पिए इसके बदले आप अदरक की चाय, पुदीना की चाय पि सकते हैं। अगर आप स्नान करना चाहते हो तो सिर्फ गर्म पानी से ही स्नान करे.
बुखार में भोजन :
सात्विक भोजन करे ज्यादा तेज मिर्च मसालों वाला भोजन न करे, बाहर का भोजन न करे, फ़ास्ट फूड्स से बचे, तली गली चीजों के सेवन से भी बचे. बुखार में सादा आहार लें जैसे दाल रोटी, मूंग की दाल, दलिया, खिचड़ी, फलों का रस, अंगूर, सेब, मुनक्का, दूध, अंडे आदि का सेवन करे ।
गीला तौलिया :
बुखार के तापमान को कम करने में गीले तौलिए का इस्तेमाल काफी ही लाभकारी होता है . एक कॉटन का तौलिया लें उसको ठंडे पानी से गीला कर लें उसके बाद तौलिए को हल्का निचोड़ लें फिर कपाल के चारों तरफ लपेंट दें इससे आपके शरीर का तापमान कम होगा और आपको बुखार से काफी राहत मिल सकती है.