बनारस फेमस है अपने घाट और मंदिरों के कारण, लेकिन आज हम बात करेंगें इनकी नही बात होगी ऐसी ऐसी चीज़ों की अगर आप देश या विश्व के किसी भी कोने मे होंगे , मुँह मे पानी लिए बनारस की तरफ़ दौड़े चले आएंगे।
बनारस मे बात होगी सिर्फ़ बनारसी खान पान की । कैसे लोग यहाँ जब घूम फ़िर के थक जाते है तो यहाँ के चाट गोलगप्पे, कचौड़ी, लौंगलता, जलेबा और भांग वाली ठंडई जैसी तमाम खाने-पीने वाली और बहुत सी चटपटी चीज़ों को खा अपना दिन और रात मस्त बनाते है। एक बात और बताएं यहाँ कभी भी कुछ भी नही मिलता है। हर चीज़ का यहाँ टाइम फ़िक्स है और अगर आपने उस टाइम को मिस कर दिया तो यकीं मानिए आपने एक बनारसी टेस्ट को मिस कर दिया। तो आइए अपनी पहली बनारसी डिश के बारे मे जानते है और उसे टेस्ट करते है शब्दों की रेसिपी से :—
बनारस का पान :
डॉन मूवी का वो गाना याद है ” खाइके पान बनारस वाला, खुल जाए बंद अक्ल का ताला” जी हाँ ! ये वही पान है जिसको खाने के बाद आपका बंद अक्ल का ताला खुल जाता है। बनारस के पहले जायके के बारे मे बात करें तो “बनारसी पान” पहले नंबर पे आता है। यहाँ पान आपको 5 रुपये से लेकर 500 रुपये तक के भी मिल सकते है। आप यहाँ पलंग तोड़ पान, गुलकंद वाला पान जैसे अलग अलग क़िस्म के पान खा सकते है।
बनारस का खास लस्सी :
दही ,चीनी, गुलाब जल, केवडा, और ढेर सारा बनारसी अंदाज़ को जब खूब मथनी से मथा जाता है तो बनती है भैया बनारसी लस्सी । जी हाँ!
देशी क्या विदेशी भी इस लस्सी के झबरा फैन है । अगर आप कभी बनारस आते है तो चौक इलाके की कचौड़ी गली में ‘ब्लू लस्सी’ के नाम से एक दुकान है, यहां पे आप ज़रूर आइये और लस्सी का आनंद लीजिये। यहाँ आपको सेब, केला, अनार, आम और रबड़ी समेत हर फ्लेवर की लस्सी मिल जाएगी।
बनारस की सुबह और पूड़ी-सब्जी, जलेबी :
बनारस की सुबह हो और आलू टमाटर ,मटर पनीर और कद्दू की सब्जी-पूड़ी और साथ में गरमागरम जलेबी न हो तो बनारस की सुबह का तो मजा ही नही आता है। सुबह का नाश्ता ये तो बनारस की पहचान है। वैसे तो बनारस मे बहुत सी सारी दुकानें है पर “चाची की दुकान” जो लंका पे है वो बहुत फेमस है और यहाँ रोज सुबह से ही भीड़ लगी रहती है। यहाँ पे कचौड़ी गली तो इसी बात के लिए फेमस है। अगर बनारस आने का मौक़ा मिले तो इसका ज़रुर आनंद लें।
बनारसी टमाटर चाट :
भैया बनारस आए तो टमाटर चाट न खाए तो बनारस आना पूरा नही होता। वैसे तो ये एक स्ट्रीट फूड है लेकिन कई लोगों की बड़ी बड़ी दुकानें केवल टमाटर चाट पे ही चलती है। जब टमाटर चाट पे सर्दियों मे मूली, धनिया , थोड़ा सा नमक पारे और और देशी घी और धनिया गार्निश करके जब मिट्टी के पुरवे मे जब इसको खाते है तो एक अलग ही आनन्द कि प्राप्ति होती है। इसे बनारसी चाट भी कहा जाता है। इसका स्वाद बेहद अलग और स्वादिष्ट होता है।
लौंग लता :
कुछ तीखा खाने के बाद हर बनारसी लवंग लाता खाता है । इसको ‘लवंग लतिका’ भी कहते हैं। लवंग लाता बनारस मे दोपहर के टाइम मे मिलता है जब छोला समोसा बनता है। वैसे तो ये बंगाली मिठाई है । मैदे का परत बना के और उसमें खोवा डाल के चीनी की चाशनी मे डुबो दिया जाता है। बनारस की हर दुकान पर ये करीने से सजी हुई रखी रहती है। जो काशी आता है, वो एक बार इसका स्वाद जरूर चखता है।
छोला समोसा :
छोला समोसा बनारस मे दोपहर का नाश्ता होता है। वैसे तो समोसा बहुत जगह और कई तरह से खाया जाता है लेकिन बनारस के समोसा जब कुल्हड़ मे फोड़ के छोला और ऊपर से मीठी या तीखी चटनी के साथ खाया जाता है तो मज़ा आ जाता है तो गुरु अब तो मुँह मे पानी आ ही गया होगा तो झट पट बैग पैक करो और चले आओ बनारस ।
ओस की बूंदों से बनी मलइयो :
बनारस की आन बान अउ शान है मलइयो जी है! ये दूध से बनने वाली एक बनारस की अपनी ख़ास डिश है जी हाँ! ये डिश आपको बनारस के अलावा कहि और नही मिलेगी। दूध को चीनी के साथ उबालकर आसमान के नीचे ओस में रख दिया जाता है। रात भर ओस में रखने के बाद इसमें दूध मिलाया जाता है। इसके बाद किसी बर्तन में दूध को काफी देर तक फेंटा जाता है। इससे झाग तैयार होता है, जिसे लाजवाब मलइयो कहते हैं। गंगा घाट, चौक और गदौलिया में मिलने वाला मलइयो लोगों को अपनी तरफ खींच ही लेता है।
कुल्हड़ वाली चाय :
कहते है कि बनारस कभी सोता नही है ये एक जगत शहर है और इसको जगाए रखती है यहाँ की कुल्हड़ वाली चाय । जी है! अगर आप बनारस मे है तो कुल्हड़ वाली चाय तो आप रोज और दिन मे कई बार पीते होंगे। गँगा घाट और गदौलिया मे वर्ल्ड क्लास चाय पीने का एक अलग ही अंदाज है। बनारसी मिट्टी की सोंधी-सोंधी खुशबू वाले कुल्हड़ में चाय पीने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। वैसे तो चाय पीने के लिए दुकानों पर हमेशा ही भीड़ लगी रहती है, लेकिन सर्दियों में लोग वहीं पर ही डेरा जमा लेते हैं।
रबड़ी वाला दूध:
वैसे तो आप घर में ही दूध गर्म करके पी लेते होंगे, लेकिन बनारस में बड़ी सी हांडी में घंटों तक दूध पकाया जाता है। इससे दूध का स्वाद बढ़ जाता है। इसके बाद दूध में रबड़ी भी मिलाई जाती है, जो इसके टेस्ट को और भी बढ़ा देती है।