भारत में सभी सरकारी सेवायें ई-गवर्नेंस के माध्यम से प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है | जिससे लोगों का रुझान डिजिटल इण्डिया की तरफ बढ़े और सभी लोग इसमें भागीदारी कर सके | ई-गवर्नेंस द्वारा सरकारी योजनाओं और सेवाओं में लगने वाले समय को कम किया गया है| इससे जनता के धन और समय की बचत की जाती है | अब शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा भी डिजिटल हस्ताक्षर का प्रयोग किया जा रहा है| जिससे समय पर सरकारी काम संपन्न होने लगे है | इस पेज पर Digital signature (डिजिटल हस्ताक्षर) किसे कहते है ? डिजिटल सिग्नेचर कार्ड के लाभ, डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट ऑनलाइन के विषय में बताया जा रहा है |
● डिजिटल सिग्नेचर क्या है ●
डिजिटल सिग्नेचर आपके आधार नंबर, पैन कार्ड नंबर और डिजिटल सिग्नेचर की सेवा प्रदान करने वाली संस्था के डाटा से मिला कर गणित और कंप्यूटर अल्गोरिथम की सहायता से तैयार किया गया एक ऐसा गोपनीय नंबर या कोड होता है | जिसे केवल आप ही जानते हैं | जब कभी भी आपको डिजिटल हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होगी | तो आप उस गोपनीय नंबर या कोड की सहायता से अपने Digital Signature कर सकते हैं | और क्यूंकि किसी भी अन्य व्यक्ति या व्यक्ति समूह को वह गोपनीय कोड या नंबर की जानकारी नहीं है | इसलिए कोई भी आपके डिजिटल सिग्नेचर की नक़ल नहीं कर सकता है |
● Digital Signature कैसे काम करता है –
लाइसेंस प्राप्त Certifying Authority (CA) डिजिटल सिग्नेचर जारी करते है। CA का अर्थ उस व्यक्ति से है, जिसे सेक्शन 24 के इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, के तहत डिजिटल सिग्नेचर जारी करने के लिए लाइसेंस दिया गया है।
CA से DSC जारी होने के लिए एक दिन से एक सप्ताह तक टाइम लग सकता हैं।
हर प्रोवाइडर की फीस आम तौर पर भिन्न होती है, और वे एक या दो साल की वैलिडिटी के साथ जारी कीए जाते है।
● डिजिटल सिग्नेचर के प्रकार –
● डिजिटल सिग्नेचर के प्रमुख रूप से तीन प्रकार है-
● क्लास 1 –
इसके अंतर्गत डिजिटल सिग्नेचर करने वाले व्यक्ति की पहचान अथवा वैधता उसके ईमेल अकाउंट की सहायता से की जाती है |
● क्लास 2 –
इसके अंतर्गत डिजिटल सिग्नेचर की सुविधा प्रदान करने वाली संस्था यह सुनिश्चित करती है | आपके द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाली रिपोर्ट अथवा डॉक्यूमेंट सही है | और आप उसकी स्वीकृति दे रहे है | और इसके गलत पाए जाने की जिम्मेदारी आपकी होगी | इसे कोई भी आम व्यक्ति अथवा किसी बिज़नेस कंपनी द्वारा उपयोग किया जाता है |
● क्लास 3 –
इस तरह के डिजिटल सिग्नेचर सबसे सुरक्षित और विश्वसनीय माना जाता है | क्योंकि इस तरह के ,डिजिटल सिग्नेचर प्रदान करने वाली संस्था द्वारा सीधे जारी किया जाता है | और इसे प्राप्त करने हेतु उपभोक्ता को व्यक्तिगत रूप से डिजिटल सिग्नेचर की सुविधा प्रदान करने वाली संस्था के समक्ष प्रस्तुत होना पड़ता है | बिना व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत हुए संस्था आपको यह सुविधा प्रदान नहीं करेगी | और आप इसका लाभ नहीं उठा पाएंगे |
★ डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट क्या है :
डिजिटल सिग्नेचर एक सिग्नेचर का इलेक्ट्रॉनिक रूप हैI ठिक उसी प्रकार से जैसे किसी डॉक्यूमेंट को हाथ से किए गए सिग्नेचर प्रमाणित करते हैं, वैसे हि डिजिटल सिग्नेचर इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट को प्रमाणित करते हैं। इस सिग्नेचर को इलेक्ट्रॉनिक रूप से पहचान साबित करने के लिए, इंटरनेट पर सर्विसेस एक्सेस करने या डिजिटल डयॉक्यूमेंटस् पर डिजिटर साइन करने के लिए प्रस्तुत किया जा सकता है। Digital Signature Certificate (DSC) ऑनलाइन ट्रैन्ज़ैक्शन्ज़ मे हो रहे इनफॅार्मेशन एक्सचेंज को हाई लेवल सिक्योरिटी प्रोवाइड करता हैं।
DSC में यूजर की पहचान (नाम, पिन कोड, देश, ईमेल एड्रेस, सर्टिफिकेट जारी किए जाने की तारीख और प्रमाणित प्राधिकारी का नाम) के बारे में जानकारी शामिल होती है।
★ डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट की आवश्यकता कहां पर होती हैं?
● इनकम टैक्स रिटर्न के E-filling के लिए।
● कंपनी इनकॉर्पोशन के E-filling के लिए।
● चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कंपनी सेक्रेटरी और कॉस्ट एकाउंटेंट द्वारा ई E-Attestation के लिए।
● गवर्नमेंट टेंडर के E-filling के लिए।
● ट्रेडमार्क और कॉपीराइट ऐप्लीकेशन के E-filling के लिए।
● एग्रीमेंट और कौन्ट्रैंक्ट के ई-साइनिंग के लिए।
★ डिजिटल सिग्नेचर कार्ड के लाभ
डिजिटल सिग्नेचर के द्वारा समय की बचत होती है |
डिजिटल सिग्नेचर प्रक्रिया पेपरलेस है, जिसमें कागज का प्रयोग नहीं किया जाता है |
डिजिटल सिग्नेचर के द्वारा भ्रष्टाचार में कमी हुई है |
इसके द्वारा सरकारी कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ते है |