दोस्तों! आज के जमाने मे जहाँ पूरी दुनिया एक दूसरे के साथ जुड़ी है और इंटरनेट का भरपूर लाभ अपने बिज़नेस ,पढ़ाई, चैटिंग,खेल कूद मे आगे होने के लिए कर रही है तो वही बहुत से ऐसे लोग है जो इस इंटरनेट का गलत फायदा उठा रहे है और फ्राड, हैकिंग और रुपये पैसों के गलत लेन देन ,बैड वायरस को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर मे एक जगह बैठे बैठे बहुत आसानी से और खूब तेजी के साथ कर रहे है। दोस्तों! उनका यही गलत काम साइबर क्राइम के अंदर आता है। ऐसा करके वो साइबर क्राइम कर रहे होते है। क्या आप जानते है कि साइबर क्राइम एक कानूनी जुर्म भी है और क़ानून ने भी इसके लिए बहुत कड़ी सजा का प्रावधान भी किया है।
भारत में भी साइबर क्राइम मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है. सरकार ऐसे मामलों को लेकर बहुत गंभीर है. भारत में साइबर क्राइम के मामलों में सूचना तकनीक कानून 2000 और सूचना तकनीक (संशोधन) कानून 2008 लागू होते हैं. मगर इसी श्रेणी के कई मामलों में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), कॉपीराइट कानून 1957, कंपनी कानून, सरकारी गोपनीयता कानून और यहां तक कि आतंकवाद निरोधक कानून के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है.
साइबर क्राइम से बचने के उपाय :
दोस्तों! अगर आप भी चाहते है कि साइबर क्राइम से जुड़ी कोई भी घटना आपके साथ न हो तो आप नीचे बताई गई बातों को बहुत ध्यान से पढ़े और उन्हें फॉलो करें
- आप जब भी नेट बैंकिंग का यूज़ करें तो कभी भी अपना एटीएम, या बैंकिंग से जुड़ा कोई भी ओटीपी कोड किसी के सामने न दबाये न ही किसी को बताए
- अपने कम्प्यूटर या लैपटॉप का पासवर्ड किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ शेयर न करें, हो सकें तो स्ट्रांग पासवर्ड बनाएं
- कभी भी आप अपने बैंकिंग यूजर नेम, लॉगिन पासवर्ड, ट्रांजिक्शन पासवर्ड , ओ. टी.पी, गोपनीय प्रश्नों या गोपनीय उत्तर को अपने मोबाइल, नोटबुक, डायरी, लैपटॉप या किसी कागज पर न लिखें, हमेशा आप ऐसा पासवर्ड सेट करें, जो की आपको आसानी से याद रहे और आपको इसे कहीं लिखने की आवश्यकता न पड़े.
- कभी आप अपने सोशल साइट्स के अकाउंट को डिलीट कर रहे हैं, तो उससे पहले आप अपनी सारी पर्सनल जानकारी को डिलीट कर दें और फिर उसके बाद आप अपना अकाउंट डीएक्टिवेट करें या डिलीट करें.
- कम उम्र के बच्चों को वॉट्सअप, फेसबुक पर आईडी बनाने की अनुमति न दें। 13 साल से कम छोटे बच्चों को फेसबुक और 16 साल से छोटे बच्चों को वॉट्सअप चलाने के लिये निश्चित सॉफ्टवेयर अवश्य डालकर दें।
- कभी भी अपरिचित नंबर पर कॉल बैक रिप्लाई न करें। विशेष रूप से 4, 7, 11 एवं 13 डिजिट के फोन नंबर से। पुरस्कार और लालच भरे एसएमएस को कभी रिप्लाई न करें
- कभी भी ऐसे फाइल अटैचमेंट्स को न क्लिक करें जो अनजान लोगों की ओर से आए हैं। बैंक या किसी भी वेबसाइट पर जाने के लिए उसका नाम टाइप करें या सीधे यूआरएल टाइप करें कभी भी प्राप्त लिंक को क्लिक न करें
- किसी सॉफ्टवेयर या एप्लीकेशन को सिक्योर स्रोत से डाउनलोड करें, प्राप्त लिंक से नहीं।
- अनजान लोगों से प्राप्त ईमेल को डिलीट कर दिया करें।
- कभी भी ज्यादा लुभावनी ईमेल या पोस्ट्स को जो आपको मुफ्त में सैर कराने का वादा कर रही हों, क्लिक न करें।
- अपने सॉफ्टवेयर को हमेशा अपडेट रखें।
- अपनी फाइल्स और डाक्यूमेंट्स का एक सुरक्षित बैकअप ज़रूर रखें, ताकि उसके लिए कोई साइबर अपराधी आपसे रैनसम या फिरौती न ले सके।
- सोशल मीडिया साइट्स पर अनजान लोगों से बहुत दोस्ती न बढ़ाएं।
- अपनी व्यक्तिगत और आर्थिक जानकारियां साझा न करें।
- अनजान लोगों से अगर दोस्ती होती है तो भी वास्तविक जीवन में मिलने में सावधानी बरतें।
- अपना व्यवहार सौम्य और संयत रखें।
- अश्लील साइट्स से दूर रहें।
- वेब कैमरा के माध्यम से कभी कोई अश्लील हरकत न रिकॉर्ड करें।
- मोबाइल या कंप्यूटर से लगे वेब कैमरा को जब इस्तेमाल न कर रहे हों दो दूसरी तरफ रखें।
- अपने मोबाइल, कंप्यूटर में अचानक आए बदलाव पर नज़र रखे जैसे क्या अचानक उसकी बैटरी जल्द समाप्त हो रही है, लोकेशन या ब्लूटूथ अपने से ऑन हो जा रहा है, वेब कैमरा/कैमरा तस्वीरें ले रहा है। डाटा ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है। ऐसा कुछ भी हो रहा है तो सतर्क हो जाएं।
साइबर क्राइम करने पर लगती हैं आईपीसी की ये धाराएं :
दोस्तों! जब भी कोई क्राइम होता है तो क्राइम करने वाला ये सोचता है कि मैं कानून की गिरफ्त से निकल जाऊँगा और वो कानून को बेवकूफ़ बनाने की कोशिश करता है। जबसे साइबर क्राइम ने अपनी जड़ें मजबूत करनी स्टार्ट की तो क़ानून ने भी इसकी रोकथाम के लिए ऐसे ऐसे कड़े क़ानून बनाये है जिससे यदि अपराधी पकड़ मे आ जाता है तो उसे जुर्माने से लेकर उम्रकैद तक कि भी सजा हो सकती है।
तो आइए! देखें कि आईपीसी की वो कौन कौन सी धाराएं है जो साइबर क्राइम को रोकती है।
साइबर क्राइम को लेकर सख्त कानून :
साइबर क्राइम के कुछ मामलों में आईटी डिपार्टमेंट की तरफ से जारी किए गए आईटी नियम 2011 के तहत भी कार्रवाई की जाती है. इस कानून में निर्दोष लोगों को साजिशों से बचाने के इतंजाम भी हैं. लेकिन कंप्यूटर, इंटरनेट और दूरसंचार इस्तेमाल करने वालों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए कि उनसे जाने-अनजाने में कोई साइबर क्राइम तो नहीं हो रहा है.
हैकिंगः धाराएं और सजा : यदि कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे के कंप्यूटर, डिवाइस, इंफॉर्मेशन सिस्टम या नेटवर्क में बिना उसकी अनुमति के घुसता है या उसके डेटा से छेड़ छाड़ करता है तो वो व्यक्ति हैकर और उसके द्वारा की गई छेड़ छाड़ हैकिंग कहलाती है। ज़रूरी नही है कि हैकर ने सिस्टम को यूज़ करके ही हैक किया हो ,वो दूर बैठे भी उसको हैक कर सकता है। हैकिंग का ये काम ही साइबर क्राइम के अंदर आता है।
जिसके लिए सजा का प्रावधान है. आईटी (संशोधन) एक्ट 2008 की धारा 43 (ए), धारा 66 – आईपीसी की धारा 379 और 406 के तहत अपराध साबित होने पर तीन साल तक की जेल या पांच लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है.
जानकारी या डेटा चोरी : अगर कोई किसी व्यक्ति, संस्थान या संगठन की गोपनीय एवं निजी सूचनाओं को चुराता है और उसका गलत उपयोग करता है तो ऐसा करना भी साइबर क्राइम के अंतर्गत आता है।
ऐसे मामलों में आईटी (संशोधन) कानून 2008 की धारा 43 (बी), धारा 66 (ई), 67 (सी), आईपीसी की धारा 379, 405, 420 और कॉपीराइट कानून के तहत दोष साबित होने पर अपराध की गंभीरता के हिसाब से तीन साल तक की जेल या दो लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है.
वायरस, स्पाईवेयर फैलाना : ऐसे वायरस बनाना जो की दूसरे कंप्यूटर से डाटा और गोपनीय सूचनाओं को नष्ट करने के लिए बनाया जाता है वो काम भी साइबर क्राइम के अंतर्गत आता है। इस क्राइम के लिए अपराधी को बहुत बड़ी सजा हो सकती है।
ऐसे केस मे आईटी (संशोधन) एक्ट 2008 की धारा 43 (सी), धारा 66, आईपीसी की धारा 268 और देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के लिए फैलाए गए वायरस पर साइबर आतंकवाद से जुड़ी धारा 66 (एफ) भी लगाई जाती है. जबकि अन्य मामलों में तीन साल तक की जेल या जुर्माना हो सकता है.
पहचान की चोरी : अगर कोई किसी की पहचान जैसे आधार, पैनकार्ड, वोटर आईडी, क्रेडिट कार्ड नंबर, पासपोर्ट नंबर, आधार नंबर, डिजिटल आईडी कार्ड, ई-कॉमर्स ट्रांजैक्शन पासवर्ड, इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर वगैरह का इस्तेमाल करके पैसा निकालता है या उसका यूज़ करके उसकी पहचान का यूज़ किसी गलत काम मे करता है तो भी साइबर क्राइम मे आता है। यह जुर्म आइडेंटिटी थेफ्ट के दायरे में आता है. ऐसा करने वाले पर आईटी (संशोधन) एक्ट 2008 की धारा 43, 66 (सी), आईपीसी की धारा 419 लगाए जाने का प्रावधान है. जिसमे दोष साबित होने पर तीन साल तक की जेल या एक लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है.
ई-मेल स्पूफिंग और फ्रॉड : अगर कोई फर्जी ईमेल या संदेश भेजकर किसी से धनउगाही या लाटरी का लालच देता है तो ये भी साइबर क्राइम के अंतर्गत आता है।
इस तरह के मामलों में आईटी कानून 2000 की धारा 77 बी, आईटी (संशोधन) कानून 2008 की धारा 66 डी, आईपीसी की धारा 417, 419, 420 और 465 लगाए जाने का प्रावधान है. दोष साबित होने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना हो सकता है.
पोर्नोग्राफी : इंटरनेट के माध्यम से अश्लीलता का व्यापार भी खूब फलफूल रहा है. ऐसे में पोर्नोग्राफी एक बड़ा कारोबार बन गई है। पोर्नोग्राफी प्रकाशित करना और इलेक्ट्रॉनिक जरियों से दूसरों तक पहुंचाना अवैध है, लेकिन उसे देखना, पढ़ना या सुनना अवैध नहीं माना जाता. जबकि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना भी अवैध माना जाता है.
इसके तहत आने वाले मामलों में आईटी (संशोधन) कानून 2008 की धारा 67 (ए), आईपीसी की धारा 292, 293, 294, 500, 506 और 509 के तहत सजा का प्रावधान है. जुर्म की गंभीरता के लिहाज से पहली गलती पर पांच साल तक की जेल या दस लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है लेकिन दूसरी बार गलती करने पर जेल की सजा सात साल तक बढ़ सकती है.
चाइल्ड पोर्नोग्राफी : बच्चों को सेक्सुअल एक्ट में शामिल करना या नग्न दिखाना या इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में कोई सामग्री प्रकाशित करना या दूसरों को भेजना भी इसी कानून के तहत आता है.
इस कानून में 18 साल से कम उम्र के लोगों को बच्चों की श्रेणी में माना जाता है. ऐसे मामलों में आईटी (संशोधन) कानून 2009 की धारा 67 (बी), आईपीसी की धाराएं 292, 293, 294, 500, 506 और 509 के तहत सजा का प्रावधान है. पहले अपराध पर पांच साल की जेल या दस लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है. लेकिन दूसरे अपराध पर सात साल तक की जेल या दस लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है.
बच्चों और महिलाओं को तंग करना : आज के दौर में सोशल नेटवर्किंग साइट्स खूब चलन में हैं. ऐसे में सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों, ई-मेल, चैट वगैरह के जरिए बच्चों या महिलाओं को तंग करने के मामले अक्सर सामने आते हैं.
इस तरह के केस में आईटी (संशोधन) कानून 2009 की धारा 66 (ए) के तहत सजा का प्रावधान है. दोष साबित होने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना हो सकता है