बीमा भविष्य में किसी नुकसान की आशंका से निपटने का हथियार है. हमें नहीं पता कि कल क्या होगा, इसलिए हम बीमा पॉलिसी के जरिये भविष्य में संभावित नुकसान की भरपाई की कोशिश करते हैं.
बीमा का मतलब जोखिम से सुरक्षा है. अगर कोई बीमा कंपनी किसी व्यक्ति का बीमा करती है तो उस व्यक्ति को होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करेगी. इसी तरह अगर बीमा कंपनी ने किसी कार, घर या स्मार्टफोन का बीमा किया है तो उस चीज के टूटने, फूटने, खोने या क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में बीमा कंपनी उसके मालिक को पहले से तय शर्त के हिसाब से मुआवजा देती है.
★ बीमा के प्रकार ★
● जीवन बीमा : जीवन बीमा का मतलब यह है कि बीमा पॉलिसी खरीदने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके आश्रित को बीमा कंपनी की तरफ से मुआवजा मिलता है. अगर परिवार के मुखिया की असमय मृत्यु हो जाती है तो घर का खर्च चलाना मुश्किल हो जाता है. परिवार के मुख्य व्यक्ति की पत्नी/बच्चे/माता-पिता आदि को आर्थिक संकट से बचाने के लिए जीवन बीमा पॉलिसी लेना जरूरी है. वित्तीय योजना में सबसे पहले किसी व्यक्ति को जीवन बीमा ( Life Insurance)पॉलिसी खरीदने का सुझाव दिया जाता है.
● घर का बीमा : अगर आप अपने घर का बीमा किसी साधारण बीमा कंपनी से कराते हैं तो इसमें आपके घर की सुरक्षा होती है. बीमा पॉलिसी खरीदने के बाद अगर आपके मकान को किसी भी तरह का नुकसान होता है तो उसका हर्जाना बीमा कंपनी देती है। घर को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान में आग, भूकंप, आकाशीय बिजली, बाढ़ आदि की वजह से होने वाला नुकसान शामिल है. कृत्रिम आपदा में घर में चोरी होना, आग, लड़ाई-दंगे आदि की वजह से घर को हुआ नुकसान शामिल है.
● वाहन बीमा : भारत में सड़क पर चलने वाले किसी वाहन का बीमा कराना कानून के हिसाब से बहुत जरूरी है. अगर आप अपने वाहन का बीमा कराये बिना उसे रोड पर चलाते हैं तो आपको ट्रैफिक पुलिस जुर्माना कर सकती है. मोटर या वाहन बीमा पॉलिसी के हिसाब से वाहन को हुए किसी भी नुकसान के लिए बीमा कंपनी मुआवजा देती है. अगर आपका वाहन चोरी हो गया या उससे कोई दुर्घटना हो गयी है तो वाहन बीमा पॉलिसी आपकी काफी मदद कर सकती है.
● यात्रा बीमा : अगर आप ज्यादातर ट्रेवलिंग करते है. ज्यादातर अपनी फैमिली के साथ कही पर चले जाते है. तो ट्रेवल इन्शुरन्स करवाना बहुत ही जरुरी है.अगर मान लो आपके किसी ट्रेवलिंग पर जाना कैंसल हो जाता है. या ट्रेवल की टाइम कोई दुर्घटना हो जाती है.तो आपको इन्शुरन्स कंपनी आपके नुकसान के लिए आपको पैसे देती है.
● यात्रा बीमा : अगर आप ज्यादातर ट्रेवलिंग करते है. ज्यादातर अपनी फैमिली के साथ कही पर चले जाते है. तो ट्रेवल इन्शुरन्स करवाना बहुत ही जरुरी है.अगर मान लो आपके किसी ट्रेवलिंग पर जाना कैंसल हो जाता है. या ट्रेवल की टाइम कोई दुर्घटना हो जाती है.तो आपको इन्शुरन्स कंपनी आपके नुकसान के लिए आपको पैसे देती है.
● फसल बीमा: यह बीमा स्पेशल किसानो के लिए बनाया गया है. और इसको किसानों को हर क्रॉप पर करवाना चाहिए. क्योंकि मौसम का कभी भरोसा नहीं होता है. की कब आपकी क्रॉप पर आपत्ति आ जाये. अगर आप अपनी क्रॉप का बीमा करवा लेते है. तो आप बिना कोई चिंता किये खेती कर सकते है. अगर बारिश या किसी कारण आप की क्रॉप ख़राब हो जाती है. तो बीमा कंपनी आपके नुकसान की भरपाई करती है.
● पालतू बीमा : यह बीमा आप अपने किसी भी घर के जानवर का करवा सकते है. मानलो अगर आप गाँये और भंस रखते है. तो उनका बीमा भी करवा सकते है. मान लो आप कोई डॉग रखते है. तो आप उसका भी बीमा करवा सकते है.इसके अलावा पोलिटिकल रिस्क बीमा भी किया जाता है जो की एक बीमा का प्रकार है. और एक मैरिज बीमा भी होता है. और इसके अलावा डायरेक्ट बीमा यह सभी प्रकार है.
★ बीमा के लाभ ★
देखा जाय तो कोई भी व्यक्ति अपने विभिन्न नुकसान की भरपाई के लिए बीमा करवाता है। कहने का अभिप्राय यह है की एक औसतन आदमी बीमा के लाभों के बारे में जितना सोचता है इसके उससे भी अधिक लाभ होते हैं । हाँ यह अलग बात है की बीमा के कुछ लाभ स्पष्ट हैं तो कुछ नहीं भी हैं।
चूँकि एक बीमा पालिसी एक ऐसा अनुबंध होता है जिसका इस्तेमाल व्यक्तियों एवं संगठनों के कवर किये गए नुकसान हेतु इनकी क्षतिपूर्ति के लिए किया जाता है। इसलिए एक Insurance का सबसे महत्वपूर्ण लाभ नुकसान का भुगतान करना ही होता है।
बीमित व्यक्ति अपने पास उपलब्ध नकदी का प्रबन्धन सही से कर सकता है क्योंकि आकस्मिकता होने पर बीमित व्यक्ति को जेब से पैसे खर्च करने की आवश्यकता नहीं होती। बल्कि बीमा कंपनी द्वारा नुकसान की भरपाई की जाती है।
कहीं कहीं पर बीमा पालिसी वैधानिक एवं संविदात्मक आवश्यकताओं को पूरा करती है और वित्तीय संसाधनों का प्रमाण प्रदान करती है।
चूँकि बीमित व्यक्ति के साथ आकस्मिकता होने पर जब बीमा कंपनी द्वारा उसे या उसके परिवारजनों को बीमा राशि प्रदान की जाती है। तो इससे जोखिम नियंत्रण गतिविधि को बढ़ावा मिलता है क्योंकि अन्य लोग भी Insurance की ओर अग्रसित होते हैं।
बीमित व्यक्ति अक्सर भविष्य की आकस्मिकताओं के लिए निश्चिन्त होते हैं क्योंकि उन्हें इनके लिए एक बड़ी राशि अलग से रखने की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए बीमा पैसे को और अधिक कुशलता के साथ इस्तेमाल में लाने की आज़ादी देता है।
1.5 लाख तक के जीवन बीमा प्रीमियम पर धारा 80 C के तहत कर-बचत कटौती पर छूट का प्रावधान है।
बीमाधारक एवं उसके परिवार के 25000 रूपये तक के मेडिकल बीमा प्रीमियम के लिए एवं माता पिता के 25000 रूपये तक के मेडिकल बीमा प्रीमियम पर धारा 80D के तहत कर बचत कटौती के लिए दावा किया जा सकता है। इस प्रकार Insurance कर बचत करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।