हिमाचल शब्द का अर्थ ‘बर्फ का घर’ होता है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला है और राज्य का कुल क्षेत्रफल 55,673 वर्ग किमी. है। हिमाचल प्रदेश घूमने फिरने के लिए सबसे अच्छी जगह मानी जाती है हिमाचल प्रदेश में हिमाचल के लोगों के साथ-साथ हैं ज्यादातर विदेशी लोग यहां पर यात्रा करने के लिए आते हैं और हिमाचल की वादियों का भरपूर आनंद उठाते नजर आते हैं हिमाचल पूर्वजों की धरती भी मानी जाती है हिमाचल में ज्यादातर अंग्रेज यहां पर बहुत ही इंजॉय करते हुए नजर दिखाई देते हैं।
अगर हम हिमाचल में आए अंग्रेजो से बात करते हैं तो उन्हें हिमाचल बहुत ही पसंद आता है और पसंद आए भी क्यों ना क्योंकि हिमाचल प्रदेश अपनी घूमने फिरने की वजह से काफी प्रसिद्ध है पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं हिमाचल प्रदेश की सबसे अच्छी 5 जगह जिसके बारे में आपने कभी सुना नहीं होगा और आप इसे सुनकर बहुत प्रसन्न हो जाएंगे और आप भी इस वादियों का लुफ्त उठाने के लिए तैयार हो जाएंगे।
Best Place to Visit in Himachal in Hindi हिमाचल प्रदेश में देखने लायक स्थान
धर्मशाला :धर्मशाला तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाई लामा का निवास स्थान है. वह समय-समय पर यहां आकर अपने अनुयायियों को बौद्ध धर्म का प्रवचन देते रहते हैं. जिसे सुनने के लिए भारत ही नहीं सारे विश्व के बौद्ध अनुयाई यहां आते हैं.तिब्बत में चीनी आक्रमण और कब्जे के बाद दलाई लामा तिब्बत छोड़कर धर्मशाला में आकर रहने लगे थे. वह तथा उनके अनुयाई यहां रहते हुए तिब्बत की स्वतंत्रता के लिए आज भी संघर्ष कर रहे हैं. यह विश्व का सबसे बड़ा तिब्बतियन कल्चरल सेंटर है. यहां तिब्बती बौद्ध धर्म का एक बहुत बड़ा संग्रहालय भी है, जिसमें बौद्ध धर्म पर कई महत्वपूर्ण पांडुलिपियां संग्रहित हैं. यह पांडुलिपियां आज से हजारों वर्ष पहले भारत से तिब्बत ले जाई गई थी. जब दलाई लामा तिब्बत छोड़कर यहां आए तो उन्हें अपने साथ लेकर आये।
रोहतांग दर्रा: मनाली से 150 किलोमीटर की दूरी पर और एक हजार एक सौ ग्यारह मीटर की उंचाई पर केलोंग हाईवे पर रोहतांग दर्रा स्थित है। यहां आकर आपको महसूस होगा कि दुनिया में सबसे ऊपर विशाल हिमालय पर्वत बांहे फैलाए आपका स्वागत कर रहा है।
चंबा: यह एक लुभावना हिमालयी शहर है और हिमाचल प्रदेश के कई आकर्षणों में से एक है। यह खूबसूरत शहर डलहौजी से 50 किलोमीटर की दूरी पर है। इस शहर में ना सिर्फ सुंदर लैंडस्केप बल्कि कुछ बेहतरीन नक्काशीदार मंदिर भी हैं।
कांगड़ा: धार्मिक भाव रखने वाले लोगों के लिए यह पसंदीदा जगह है। कांगड़ा अपने प्राचीन मंदिरों के लिए मशहूर है। एडवेंचर खेलों की चाह रखने वालों और प्रकृति पे्रमियों के लिए यह जगह स्वर्ग से कम नहीं है।
शिमला : यह राजधानी शहर होने के साथ साथ पर्यटन के लिहाज से देश में सबसे मशहूर जगह है। ब्रिटिश काल से ही शिमला एक लोकप्रिय हिल स्टेशन रहा है। कई पुरानी इमारतें शानदार ब्रिटिश वास्तुकला की याद दिलाती हैं और आज के इस आधुनिक शहर को पुराना फ्लेवर भी देती हैं।
लोग शिमला हिल स्टेशन का नाम सुनते ही उनके रोम-रोम में यह की बादियो का भरपूर आनंद आ जाता है लोग इस हिल स्टेशन का नाम सुनते ही विदेशो से जल्द ही यहां पर आने का प्रोग्राम बना लेते हैं।
लोग यहां पर आकर बहुत ही इंजॉय करते हैं ज्यादातर लोग यहां पर अपनी फैमिली के साथ आते हैं और इस वादियों और यहां की भरपूर ठंड को एंजॉय करने का इंतजार करते हैं शिमला क्षेत्र को हिमाचल का सबसे अच्छा क्षेत्र माना जाता है जो इंजॉय करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
अगर आपको एक खास बात बता दें अगर आप यहां पर आने का पूरा प्लान कर रहे हैं वह भी अपने परिवारों और दोस्तों के साथ हो तो इन चीजों को जरा ध्यान में रख ले शिमला हिल स्टेशन में सबसे ज्यादा आने का समय मई जुलाई में ही आता है और अगर आप इन वादियों में पूरी तरह खो जाना चाहते हैं जैसे बर्फबारी का पूरा भरपूर आनंद लेना चाहते हैं तो नवंबर से जनवरी तक आने का प्रोग्राम बना सकते हैं आपको बता दें शिमला हिल स्टेशन चंडीगढ़ शहर से 120 लगभग किलोमीटर दूर है और अगर आप इसके अलावा दिल्ली मार्ग से यहां पर आने का प्लान बना रहे हैं तो यह 345 किलोमीटर के आसपास की है और आपको इसके साथ बता दें शिमला का हिल स्टेशन में माल रोड तो काफी प्रसिद्ध है।
कुल्लू : यह विशाल हिमालय की सबसे शानदार घाटियों में से एक है। यह आकर्षक कुल्लू घाटी ब्यास नदी के दोनों ओर फैली है। कुल्लू घाटी संुदर ही नहीं विशाल भी है और इसकी चैड़ाई दो किलोमीटर और लंबाई करीब आठ किलोमीटर है। एक हजार एक सौ तीस मीटर की ऊंचाई पर स्थित कुल्लू की आबादी 381571 है। हिमाचल प्रदेश के अगर हम हिल स्टेशन की बात करें तो सबसे अच्छी जगह कुल्लू मनाली ही है कुल्लू मनाली में लोग पता नहीं कितने दूरो दूरो से यहां की वादियों का लुफ्त लेने के लिए आते हैं ज्यादातर विदेशी लोग जैसे अंग्रेज तो यहां के बहुत ही दीवाने हैं वह यहां पर ही बसना चाहते हैं पर लेकिन अपने-अपने कामों की वजह से बीच-बीच में यहां की जगह का लुफ्त उठाने जरूर आते हैं और यहां पर आकर बहुत प्रसन्न हो जाते हैं अगर बिदेशी यहां पर आएं और बर्फ गिर जाएं तो उनका नजारा देखने को कुछ और ही मिलता है वह यहां की पूरी तरह वादियों में खो जाते हैं।
डलहौजी: मार्च से जून का महीना इस घाटी को घूमने आने का सबसे अच्छा समय है, लेकिन अगर कोई हिमालय की सर्दियों के मज़े लेना चाहे तो दिसंबर से फरवरी के बीच भी आ सकता है। हरे भरे घास के मैदान, तेज बहते झरने, पहले कभी ना देखे ऐसे फूल और कुल मिलाकर सारा नज़ारा कुल्लू को धरती का स्वर्ग बनाता है।
छह हज़ार से नौ हज़ार फीट की ऊंचाई पर स्थित डलहौजी हिमालय की सुंदरता को बहुत अच्छी तरह प्रदर्शित करता है। हिमाचल प्रदेश में डलहौजी हिल स्टेशन धौलाधार पर्वत श्रृंखला की पश्चिमी सीमा पर पांच पहाड़ों के आसपास फैला है। डलहौजी स्काॅटिश और विक्टोरियन वास्तुकला की बहुतायत वाला एक असाधारण हिल स्टेशन है।
. चिटकुल- ये गांव इंडो-चाईना बॉर्डर के पास मौजूद है. यहां का साफ वातावरण और पहाड़ों से आती ठंडी-ठंडी हवा काफी सुकून देती है. यहां के घर लकड़ियों से बने होते हैं जिनका आकार किसी मंदिर जैसा होता है. चिटकुल अपने आलू के लिए भी काफी मशहूर है.
लांगजा- : लांगजा तिब्बत और भारत के बीच कटोरी के आकार में बसा इलाका है. यहां पर बुद्ध की 1000 साल पुरानी प्रतिमा है, इसके साथ ही प्रकृति का भरपूर नजारा भी यहां देखने को मिलता है.
शोजा- : क्या आपने कभी बादलों और पहाड़ो को एक साथ देखा है, अगर नहीं तो शोजा जरूर जाइए. हरे भरे पेड़, पहाड़, झरने और बादल इस जगह की खूबसूरती का कारण हैं. अगर आप प्रकृति के साथ समय बिताना पसंद करते हैं, तो शोजा जरूर जाइए.
नग्गर – : रोज की कामकाज और भीड़ भरी जिंदगी से कुछ राहत पाना चाहते हैं तो नग्गर के बारे में जरूर सोचिए. 15वीं शताब्दी से प्रेरित यहां के पारम्परिक घर बहुत खूबसूरत लगते हैं. आप इस गांव को शाहिद और करीना की हिट फिल्म जब वी मेट में भी देख चुके हैं.
तीर्थन घाटी- : प्रकृति का पूरा आनंद लेना है तो तीर्थन घाटी जाना मत भूलिएगा. प्रकृति की गोद में आराम करने के लिए इससे बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती. ठंडे पानी के झरने और हरियाली किसी को भी राहत पहुंचाने के लिए काफी हैं.
खज्जियार- : इसे भारत का छोटा स्विटजरलैंड कहा जाता है. अगर आप शांति और प्राकृतिक खूबसूरती एक साथ देखना चाहते हैं, तो खज्जियार से बेहतर जगह आपको नहीं मिलेगी. ये जगह बेस्ट रोमांटिक जगहों में से भी एक है.
गुशैनी- : गुशैनी हिमाचल के कुल्लू जिले के पास स्थित एक इलाका है. ये जंगलों से घिरा हुआ इलाका है और यही इसकी खूबसूरती को निखारता है. यहां पर नदी के किनारे एक गेस्ट हाउस है, जो हमेशा से पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है.
बीर बिलिंग:– हिमाचल में घूमने फिरने के लिए सबसे अच्छी पांचवे नंबर पर जगह बीर बिलिंग है यहां पर पर्यटक मौसम के साथ साथ साथ ही खेलों के लिए भी काफी इंजॉय करते नजर आते हैं हिमाचल के इस हिल स्टेशन में ‘वीर’ गांव बहुत ही प्रसिद्ध है यह बीर गांव क्षेत्र हिमाचल के पश्चिमी भाग में स्थित है यहां पर पर्यटक खुली हवा का आनंद लेने के लिए आते हैं यह क्षेत्र हिमाचल के हिल स्टेशन में सबसे अच्छा माना जाता है यहां पर काफी मात्रा में विदेशी पर्यटक इस क्षेत्र का भरपूर आनंद उठाने के लिए तैयार रहते हैं
यह धर्मशाला से 30 से 45 मिनट की दूरी पर ही है आप ‘धर्मशाला’ से इस हिल स्टेशन को इतने कम समय में दूरी तय कर कर यहां की खुली हवा का रुख भी उठा सकते हैं।
कसोल:- हिमाचल की पार्वती घाटी में बसा है छोटा सा कस्बा कसोल। पार्वती नदी के किनारे बसा यह कस्बा विदेशी सैलानियों में बहुत लोकप्रिय है। कसोल में प्रकृति के सुरम्य नजारे दिखाई देते हैं। पार्वती नदी का सफेद रेत का किनारा इसे और भी खास बनाता है।यहां इसराइली पर्यटक बहुत आते हैं।इसलिए इसे मिनी इसराइल भी कहा जाने लगा है।यहां बढिया इसराइली खाने का मजा लिया जा सकता है।कसोल से कई जगहों जैसे खीरगंगा और मलाना के लिए ट्रेक भी किया जा सकता है। कसोल कुल्लू से करीब 40 किलोमीटर दूर है।
मसरूर रॉक कट टेम्पल:– हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में बना मसरूर मंदिर वास्तुशिल्प और स्थापत्य कला का अद्भभुत संगम हैं । पूरे पहाड़ को काट कर मंदिर में ढाल देना प्राचीन कारीगरी और विज्ञान का बेमिसाल नमूना है। 8वीं शताब्दी में बने इन मंदिरों का निर्माण बलुआ चट्टानों को तराश कर किया गया । उत्तर भारत में यह अपनी तरह का अकेला मंदिर है। यहां बलुआ चट्टानों को तराश कर करीब 15 मंदिर बनाए गए थे। इसे हिमाचल का एलोरा भी कहा जाता है। हालांकि ये मंदिर एलोरा से भी पुराने हैं।
पालमपुर:- चाय के बागानों, हरे भरे जंगलों और धौलाधार के ऊंचे पहाड़ों के बीच बसा है हिमाचल प्रदेश का प्यारा सा कस्बा पालमपुर। पालमपुर अपने चाय बागानों के लिए प्रसिद्ध है। पहाडी ढलानों पर दूर दूर तक फैले बागान बड़े ही खूबसूरत दिखाई देते हैं। पालमपुर की खासियत है यहां का मौसम जो साल पर सुहावना बना रहता है।सर्दियों के मौसम में यहां आने पर बर्फ से ढके धौलाधार के पहाड़ों का शानदार नज़ारा दिखाई देता है। पालमुपर के आसपास देखने के लिए कई प्राचीन मंदिर हैं ।अंग्रेजी दौर की इमारतें, चर्च भी देखे जा सकते है।
बिड बिलिंग:- आसमान में पंछियों की तरह उड़ने की इच्छा हो तो हिमाचल के बीड बिलिंग में चले आइए। बीड बिलिंग पैराग्लाइडिग के खेल में दुनिया भर में पहचान बना रहा है। बिलिंग की चोटी से उड़ान भरने के बाद पैराग्लाइडर बीड के खूबसूरत हरे भरे मैदान में उतरते हैं। यहां आसमान में मंडराते रंग बिंरगें पैराग्लाइडर इंद्रधनुषी समा बांधते हैं। यहां तिब्बती शरणार्थियों की बस्ती भी है जहां बौद्ध संस्कृति को देख सकते हैं। बीड बिलिग में चाय के बागानों के बीच घूमने का अलग ही मजा है। यहां का गुनहेड गांव अपने आर्ट मेले के लिए प्रसिद्ध है।
बरोत:- यह मंडी का एक सुंदर घना जंगल है जो देवदार के वृक्षों से घिरा हुआ है। यहां पास में ही जोगिंदर नगर हाइड्रेल प्रोजेक्ट चलता है जो समुद्र स्तर से 2600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह काफी आकर्षक स्थल है जो पर्यटकों को लुभाती है। यहां आकर ट्रैकिंग भी की जा सकती है। पास में ही मंडी के राजा का गर्मियों वाला महल भी है।
धर्मकोट : हिमाचल प्रदेश में कई ऐसी जगहें हैं, जो विदेशियों को खूब भाती हैं, इन्ही जगहों में से एक है धर्मकोट। इस गांव में आप दूर तक फैले हुए सरसों के खेतों को निहार सकते हैं, देवदार के पेड़, घने जंगल आदि को देख सकते हैं।
धर्मकोट विपश्यना ध्यान केंद्र, धाम शिकारा और तुशिता ध्यान बौद्ध धर्म का अध्ययन और अभ्यास करने के केंद्र हैं। इसके अलावा ट्रेकर्स के लिए भी यह जगह बेहद उत्तम है।