यह एक ऐसा राज्य है जिसका नाम सुनते ही याद आता है दूर-दूर तक फैला समुद्र का किनारा, आधुनिक जीवनशैली, थिरकते कदम और काजू से बनी लाजवाब फेणी। लेकिन गोवा सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं। हो-हल्ले के इस राज्य में कई ऐसे बेहतरीन रिसॉर्ट्स हैं, जहां लोग शांति की तलाश में भी आते हैं। यहां सिर्फ खूबसूरत इलाके ही नहीं, बल्कि पर्यटन से जुड़ी हर तरह की सुविधाएं भी हैं। यहां जगह-जगह पर ट्रैवल एजेंसियों के छोटे-छोटे दफ्तर बने हुए हैं, जो पर्यटकों को गोवा के सारे इलाकों की सैर कराते हैं। यहां की सेवाएं इतनी उम्दा हैं कि देशी तो क्या, विदेशी पर्यटकों को भी किसी तरह की तकलीफ नहीं होती। इसीलिए इसे ‘पर्यटकों का शहर’ भी कहा जाता है। यहां के लोगों की आधिकारिक भाषा कोंकणी हैं।
गोआ मे मस्ती : गोवा मतलब मस्ती वाली जगह, जहां आप खुलकर एंजॉय कर सकते हैं । उत्तर में अरामबोल बीच से लेकर दक्षिण में कैनकोना बीच तक रेत के मैदान, दिन भर धूप का आनंद लें और जब भी आपका मन चाहे, ठंडा होने के लिए समुद्र में स्विमिंग का मज़ा लें। गोवा अपने मनमोहक समुद्र तटों के लिए दुनियाभर में मशहूर है। चमकती रेत, आसमान छूते नारियल के पेड़, समुद्री लहरें और शानदार seafood.
चर्च: पुराने गोवा शहर मे तीन चर्च मुख्य है बासिलिका बोन जीजस चर्च, सेंट कैथेड्रल चर्च , सेंट आगस्टीन चर्च
बासिलिका बोन जीजस चर्च: बासिलिका बोन जीजस चर्च ये चर्च संत फ्रांसिस जेवियर को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि बासिलिका बोन जीजस चर्च में आज भी संत जेवियर के अवशेष रखे हुए हैं।सेंट कैथेड्रल चर्च इस चर्च को बनाने में करीब 90 साल लग गए थे। 1562 में इसे बनाना शुरू किया गया था। लाल ईंटों और सफेद दीवारों से बना यह चर्च देखने में बेहद खूबसूरत है। इस भारत का सबसे सुंदर चर्च कहा जाये तो गलत नहीं होगा। गोवा के पुराने नगर में बना लगभग 46 मीटर ऊंचा सेंट आगस्टीन चर्च अपने आप में बेहद अनोखा है। इस चर्च का निर्माण 1602 में हुआ था। 1842 के बाद लगातार उपेक्षा के चलते इस चर्च का काफी बड़ा हिस्सा ढह गया था। 1600 के दशक का असीसी का चर्च ऑफ सेंट फ्रांसिस; और चर्च ऑफ अवर लेडी ऑफ द इमेकुलेट कन्सेप्शन जो मदर मैरी की सुंदर प्रतिमा के लिए मशहूर हैं।
टर्टल टेल्स: उत्तर में मोरजिम व मांद्रे और दक्षिण में आगोंद और गल्गीबागा के बीच ओलिव रिडले टर्टल्स के रहने की जगह हैं। कछुओं को उनके प्राकृतिक आवास में देखने और उनके बारे में जानने के साथ-साथ जागरूकता फैलाने व संरक्षण गतिविधियों के लिए स्थानीय एनजीओ के साथ स्वयंसेवक की भूमिका निभाएं।
नाईट मार्किट इन गोआ: गोआ रात मे बाजार में खरीदारी करना एक शानदार अनुभव है, क्योंकि बाजार शानदार खाद्य पदार्थों, जड़ी बूटियों और मसालों से लेकर हस्तशिल्प, बैग, सामान, डिजाइनर आभूषण, कालीनों और कालीनों की खरीदारी का ठिकाना बन जाता है। एक मौसमी बाजार जो बैगा नदी के तट पर स्थापित किया गया है और नवंबर और अप्रैल के बीच चलता है, मैकेज़ सैटरडे नाइट बाज़ार हर शनिवार शाम 6 बजे खुलता है और आधी रात तक चलता है। बाजार में प्राचीन वस्तुओं, कबाड़ के आभूषणों और हस्तशिल्पों की बिक्री करने वाले और खरीदने वालों की कोई कमी नही है।
झरने का दृश्य: दक्षिण गोवा में दूधसागर के बाद अर्वलेम झरना सबसे प्रसिद्ध है जो की बिचोलिम तालुका उत्तरी गोवा में स्थित है । अर्वलेम झरने को हरवलम, अरवालम या हर्वाले भी कहा जाता है। अर्वलेम झरने को देखने जाते समय आप अर्वलेम गुफा भी जा सकते है जिसे पांडवा गुफा भी कहते हैं। दूधसागर के झरने गोवा और कर्नाटक की सीमा के बिलकुल बीच में हैं, जहां तरोताज़ा होने के लिए आप एक डुबकी लगा सकते हैं और इसके आसपास के मनमोहक वातावरण का आनंद ले सकते हैं।
फॉन्टेन्हास की सैर: गोवा सिर्फ अपने बीच के लिए ही मशहूर नहीं है; बल्कि यहां संस्कृति की बहुत सारी बातें सीखने को मिलती हैं। इतिहास के पन्ने पलटाएं और गोवा के पुराने लैटिन क्वार्टर्स फॉन्टेन्हास के बारे में खोजें। इसके अनोखे रास्ते इसकी समृद्ध पुर्तगाली विरासत को दर्शाते हैं जहां नीले-पीले रंगों में बनी इमारतें और पुरानी शैली के आकर्षक बंगले मन को मोह लेते हैं। बेशक, यह घूमने के लिए शानदार जगह है!
वीवा कार्निवाल: पुर्तगालियों ने सोलहवीं शताब्दी में गोवा में कार्निवाल मनाने की शुरुवात की। वैसे तो गोवा साल में कई कार्निवाल मनाता है, जैसे दिसम्बर में पूरा गोवा क्रिसमस कार्निवाल के रंग में रंग जाता है। वैसे ही फ़रवरी के महीने में गोवा वीवा कार्निवाल मनाता है। इन दिनों ईसाई समुदाय 40 दिन के लिए किसी भी प्रकार के उत्सव से दूर रहता है और इस दौरान मांस मदिरा का भी सेवन नहीं करता है। वीवा कार्निवाल की शुरुवात पंजिम शहर से होती है। इस कार्निवाल परेड में लोग बड़े उत्साह से भाग लेते हैं। बड़ी बड़ी झांकियां सजाई जाती हैं। यह उत्सव है लोगों का उनके उत्साह का। छोटे छोटे गांवों से लेकर बड़े शहरों तक के लोग इस कार्निवाल में शिरकत करते हैं।
फोर्ट फन: गोवा में यात्रा करने के लिए एक चीज है कि किले। ये किले विभिन्न होटलों और रिसॉर्ट्स से सुविधाजनक दूरी पर स्थित हैं और गोवा और इसके समुद्र तटों के किनारे हैं। इन किलों को मुगलों और पुर्तगाली शासकों ने अपने साम्राज्य के पंख फैलाते हुए बनाया था।
अगुआड़ा किला : इस किले के निर्माण का पता 1612 में लगाया जा सकता है, लेकिन यह किला भारत के इस हिस्से में पुर्तगाली गढ़ की गवाही देने वाले सबसे अच्छे संरक्षित स्मारकों में से एक है। अगुआड़ा किले का एक हिस्सा अभी भी गोवा की सेंट्रल जेल के रूप में उपयोग में है। अगुआड़ा किले का निर्माण गोवा को डच और मराठा आक्रमण के खिलाफ स्क्रीनिंग की आवश्यकता से प्रेरित था। अगुआड़ा किले का एक प्रमुख आकर्षण एक विशाल प्रकाश स्तंभ है जो अभी भी चालू है।
ट्रैकिंग करें: प्राकृतिक सुंदरता के बीच घूमते हुए गोवा के दूसरी चीज़ों का भी आनंद लें। दूधसागर झरने के पास मोलेम नेशनल पार्क के वनों का शानदार नज़ारा देखने का अपना ही एक आनन्द है और अगर आप हिन्दू मंदिर मे दर्शन करने की सोच रहे है या फिर भगवान महावीर वन्यजीव अभ्यारण्य से होकर
कृष्णपुर घाटी तक की सैर का आनंद उठाएं।
चिल करें: गोवा में चिल करना, शायद वो सबसे अच्छी चीज़ है जो आप ‘मुफ्त’ में कर सकते हैं! क्योंकि यहाँ कोई किसी को डिस्टर्ब नही करता सब खुदम ही बिजी और मस्ती के मूदम रहते है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहां हैं या क्या कर रहे हैं, यहां आने का मतलब ही चिल करना है।